भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर हाल ही में जेल से छूटे हैं। उन्होंने बीएसपी सुप्रीमो मायावती को खुला खत लिखा और अपील की कि वह साथ आकर बहुजन मूवमेंट की ताकत बढ़ाएं। बता दें कि दिल्ली में रविदास मंदिर ढहाने के बाद प्रदर्शन को लेकर चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया गया था।
भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने एक बार फिर बीएसपी सुप्रीमो मायावती की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। साथ ही, मायावती से कहा कि बीजेपी के खिलाफ लड़ने के लिए दोनों को साथ आना चाहिए। बता दें कि इस संबंध में चंद्रशेखर ने मायावती को खुला खत लिखा और बहुजन मूवमेंट की ताकत बढ़ाने के लिए कहा, जिससे सरकार को दलित विरोधी गतिविधियों का जवाब दिया जा सके। चंद्रशेखर कुछ ही समय पहले जेल से रिहा हुए हैं। उन्हें रविदास मंदिर विध्वंस मामले में हिंसक प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
भीम आर्मी के चीफ ने चिट्ठी में लिखा, ‘‘मेरा मानना है कि देश की वर्तमान समस्याओं का हल सिर्फ बहुजन समाज के पास है। अगर यहां कोई समस्या है तो हमें इस पर ध्यान देना चाहिए। मेरा अनुरोध है कि हमें अपने सभी मतभेदों को एक तरफ रखकर विचार-विमर्श के लिए एक साथ बैठना चाहिए, क्योंकि बातचीत से ही नया रास्ता खुल सकता है। आप माननीय कांशीराम की टीम की कोर मेंबर हैं और आपका अनुभव हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हमें उम्मीद है कि आप इस चर्चा में शामिल होंगी।’’
बता दें कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले चंद्रशेखर व बीएसपी सुप्रीमो के ताल्लुकात अच्छे नहीं हैं। हालांकि, चंद्रशेखर अक्सर उन्हें ‘बुआ’ कहकर बुलाते रहे हैं और मायावती को पीएम के रूप में देखने की इच्छा भी जाहिर कर चुके हैं। वहीं, मायावती ने उन पर बीजेपी की कठपुतली होने का आरोप लगाती रही हैं, जो दलितों को गुमराह कर रहे हैं। बता दें कि 2017 के दौरान सहारनपुर में ठाकुरों और दलितों के बीच हुई झड़प के बाद चंद्रशेखर सक्रिय हुए थे। हालांकि, अक्सर उन्हें मायावती के लिए खतरा माना जाता है।
चंद्रशेखर आजाद की चिट्ठी
बता दें कि अपने खत में चंद्रशेखर ने पूरे देश में बीजेपी की बढ़ती ताकत को माना है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से बीएसपी को नुकसान हुआ है। चंद्रशेखर ने लिखा, ‘‘2014 से 2019 के दौरान बीजेपी सिर्फ मजबूत हुई है। यहां तक कि बहुजन राजनीति के गढ़ उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी की वापसी हो गई। यह बहुजन राजनीति का काफी कठिन दौर है। बीजेपी के कार्यकाल में बहुजन समुदाय पर अत्याचार हुए और उनके अधिकार छीन लिए गए। आरक्षण पर हमला हो रहा है।’’
चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘यह ऐसा वक्त है, जब देश बहुजन समाज की तरफ काफी उम्मीद से देख रहा है, लेकिन राजनीतिक कारणों से बहुजन राजनीति खत्म हो रही है।’’ बता दें कि भीम आर्मी ने बीएसपी के साथ उस वक्त जाने की बात कही है, जब वह अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। वह लोकसभा चुनाव में सपा के साथ ऐतिहासिक गठबंधन करने के बावजूद महज 10 सीटें जीत सकी। वहीं, यूपी विधानसभा चुनाव में सिर्फ 18 सीटों पर सिमट गई थी।
भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने एक बार फिर बीएसपी सुप्रीमो मायावती की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। साथ ही, मायावती से कहा कि बीजेपी के खिलाफ लड़ने के लिए दोनों को साथ आना चाहिए। बता दें कि इस संबंध में चंद्रशेखर ने मायावती को खुला खत लिखा और बहुजन मूवमेंट की ताकत बढ़ाने के लिए कहा, जिससे सरकार को दलित विरोधी गतिविधियों का जवाब दिया जा सके। चंद्रशेखर कुछ ही समय पहले जेल से रिहा हुए हैं। उन्हें रविदास मंदिर विध्वंस मामले में हिंसक प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
भीम आर्मी के चीफ ने चिट्ठी में लिखा, ‘‘मेरा मानना है कि देश की वर्तमान समस्याओं का हल सिर्फ बहुजन समाज के पास है। अगर यहां कोई समस्या है तो हमें इस पर ध्यान देना चाहिए। मेरा अनुरोध है कि हमें अपने सभी मतभेदों को एक तरफ रखकर विचार-विमर्श के लिए एक साथ बैठना चाहिए, क्योंकि बातचीत से ही नया रास्ता खुल सकता है। आप माननीय कांशीराम की टीम की कोर मेंबर हैं और आपका अनुभव हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हमें उम्मीद है कि आप इस चर्चा में शामिल होंगी।’’
बता दें कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले चंद्रशेखर व बीएसपी सुप्रीमो के ताल्लुकात अच्छे नहीं हैं। हालांकि, चंद्रशेखर अक्सर उन्हें ‘बुआ’ कहकर बुलाते रहे हैं और मायावती को पीएम के रूप में देखने की इच्छा भी जाहिर कर चुके हैं। वहीं, मायावती ने उन पर बीजेपी की कठपुतली होने का आरोप लगाती रही हैं, जो दलितों को गुमराह कर रहे हैं। बता दें कि 2017 के दौरान सहारनपुर में ठाकुरों और दलितों के बीच हुई झड़प के बाद चंद्रशेखर सक्रिय हुए थे। हालांकि, अक्सर उन्हें मायावती के लिए खतरा माना जाता है।
चंद्रशेखर आजाद की चिट्ठी
बता दें कि अपने खत में चंद्रशेखर ने पूरे देश में बीजेपी की बढ़ती ताकत को माना है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से बीएसपी को नुकसान हुआ है। चंद्रशेखर ने लिखा, ‘‘2014 से 2019 के दौरान बीजेपी सिर्फ मजबूत हुई है। यहां तक कि बहुजन राजनीति के गढ़ उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी की वापसी हो गई। यह बहुजन राजनीति का काफी कठिन दौर है। बीजेपी के कार्यकाल में बहुजन समुदाय पर अत्याचार हुए और उनके अधिकार छीन लिए गए। आरक्षण पर हमला हो रहा है।’’
चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘यह ऐसा वक्त है, जब देश बहुजन समाज की तरफ काफी उम्मीद से देख रहा है, लेकिन राजनीतिक कारणों से बहुजन राजनीति खत्म हो रही है।’’ बता दें कि भीम आर्मी ने बीएसपी के साथ उस वक्त जाने की बात कही है, जब वह अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। वह लोकसभा चुनाव में सपा के साथ ऐतिहासिक गठबंधन करने के बावजूद महज 10 सीटें जीत सकी। वहीं, यूपी विधानसभा चुनाव में सिर्फ 18 सीटों पर सिमट गई थी।