बनारस में लोगों से दस्तावेज क्यों मांग रही है पुलिस ?

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 2, 2020
UP Tak डिजीटल समाचार चैनल ने एक वीडयो पोस्ट किया है जिसमें यूपी पुलिस लोगों से दस्तावेज मांग रही है। अब सवाल उठ रहा है कि खासकर पश्चिम बंगाल के लोगों से दस्तावेज क्यों मांगे जा रहे हैं। क्या यूपी में असम दोहराया रहा है। 



UP Tak द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में, UP पुलिस को बस्तियों के चक्कर लगाते हुए लोगों से दस्तावेज़ मांगते हुए देखा जा सकता है। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, पुलिसकर्मी बनारस के मुस्लिम घरों में घूम रहे थे और उनके नाम की जानकारी मांग रहे थे। उनका जन्म कहां हुआ, उनके पेरेंट्स कहां के हैं आदि जानकारी आदमपुर के बडाऊ चुंगी, गंगानगर कॉलोनी और काशी रेलवे स्टेशन के पास की बस्तयों में पुलिस द्वारा मांगी जा रही है।

इस वीडियो में देखा जा सकता है कि यदि कोई खुद को पश्चिम बंगाल का बताता है तो पुलिस उससे आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी जैसे सभी दस्तावेज लाने को कह रही है। यदि वे दस्तावेजों को तुरंत नहीं दिखा पा रहे तो उन्हें जल्द से जल्द दस्तावेजों के साथ पुलिस स्टेशन आने का आदेश दिया जा रहा है। अवैध प्रवासियों पर यह कार्रवाई आदित्यनाथ प्रशासन की मेहरबानी से हो रहा है जहां पुलिस को सीए-विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए अप्रतिबंधित शक्तियां दी हुई हैं। विरोध प्रदर्शनों से जुड़ी हिंसा में अब तक 25 लोगों के मारे जाने की खबर है।

यूपी पुलिस ने 2019 में, आगरा और मथुरा में कुछ "अवैध प्रवासियों" को गिरफ्तार किया है। यह अप्रवासियों की पहचान करने की दिशा में पहला कदम है जो अंततः उन्हें गिरफ्तारी तक पहुंचा देता है। खुद पुलिस अधिकारियों में से एक ने कैमरे पर स्वीकार किया कि वे इन बस्तियों में रहने वाले लोगों से उनके आईडी दस्तावेजों और जानकारी के बारे में पूछ रहे थे कि वे कितने समय से वहां रह रहे हैं। पुलिसकर्मियों ने भविष्य में पहचान के लिए लोगों के वीडियो भी लिए।

जिन लोगों से दस्तावेज़ मांगे गए, उन्होंने कहा कि वे यहीं बड़े हुए हैं और वे आजीवका चलाने के लिए रिक्शा चलाने या कूड़ा उठाने जैसे काम करते हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश ने कथित रूप से पुलिस द्वारा ऐसी त्वरित कार्रवाई और कड़ी कार्रवाई को प्रेरित किया है।

समाचार रिपोर्ट यहां देखी जा सकती है...

बाकी ख़बरें