CAA Preotest UP: वसूली पर हाई कोर्ट की रोक

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 15, 2020
लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हुए। कानपुर में भी 19 दिसंबर को उग्र प्रदर्शनों की शुरुआत हुई। इस बीच कई जगहों पर सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं भी सामने आईं। इस मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा निर्देश जारी किए गए कि जिन लोगों ने संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है, उन्हीं से इसकी भरपाई भी की जाएगी। कानपुर में जब एक शख्स के घर भरपाई का नोटिस पहुंचा तो वह उसे लेकर हाई कोर्ट पहुंच गया। अब उच्च न्यायालय ने इस नोटिस पर रोक लगा दी है।



मोहम्मद फैजान नाम के याचिकाकर्ता को अंतरिम सुरक्षा प्रदान करते हुए जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने अडिशनल डीएम द्वारा जारी किए गए नोटिस पर रोक लगा दी। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि ऐसे आदेशों की वैधता की सुप्रीम कोर्ट पहले से ही जांच करा रहा था।

फैजान को दिए गए नोटिस को चुनौती देते हुए उनके वकील ने तर्क दिया कि यह नोटिस एडीएम की ओर से जारी किया गया था जबकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह स्पष्ट किया जा चुका है कि इस तरह के आदेश सिर्फ सेवारत या रिटायर्ड हाई कोर्ट जज या रिटायर्ड जिला जज जैसे कि दावा आयुक्त द्वारा ही जारी किए जा सकते हैं। 

बेंच ने राज्य सरकार को इस बात के भी निर्देश दिए कि इस मामले में एक महीने के भीतर काउंटर ऐफिडेविट फाइल किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले को उपयुक्त पीठ के सामने अगली सुनवाई के लिए 20 अप्रैल 2020 से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध किया जाए।
 

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