मध्यप्रदेश के जागृत आदिवासी दलित संगठन प्रमुख व आदिवासी नेता माधुरी बेन को एक साल की सजा हुई है। कोर्ट ने उनके खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई की है। ऑल इंडिया यूनियन ऑफ फॉरेस्ट वर्किंग पीपल (AIUFWP) ने इस कार्रवाई को उनपर हमला बताते हुए इसकी निंदा की है। इस मामले को लेकर AIUFWP ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है।
AIUFWP ने जारी विज्ञप्ति में कहा है...
ऑल इंडिया यूनियन ऑफ फॉरेस्ट वर्किंग पीपल (AIUFWP) दक्षिणपंथी प्रतिक्रियावादी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आदिवासी और दलित वन आश्रित समुदाय के जागृत आदिवासी दलित संगठन (JADS) की नेता - कॉमरेड माधुरी पर शर्मनाक और कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा करता है। माधुरी को उनके कार्यक्षेत्र- बुरहानपुर जिले से निष्कासन की नोटिस दी गई है।
हमारा यूनियन इस निरंकुश मध्य प्रदेश सरकार को चेतावनी देता है कि वह कॉमरेड माधुरी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता को तुरंत बहाल करे। लकड़ी चोर माफिया के साथ मिलकर बुरहानपुर जिले में वन विभाग द्वारा 15,000 एकड़ से अधिक वन भूमि पर पेड़ों की कटाई के मामले में माधुरी और JADS प्रतिनिधित्व द्वारा इंगित की गई चिंताओं की न्यायिक जांच का गठन करें।
अगर केंद्र में निरंकुश सत्तारूढ़ व्यवस्था से उत्साहित मध्य प्रदेश की सामंती बहुसंख्यक सरकार सोचती है कि वनों पर निर्भर समुदायों से आदिवासी और दलित आवाजों को दबाने से बड़े कॉरपोरेट/क्रोनी पूंजीपतियों के साथ मिलकर प्राकृतिक संसाधन संपदा को लूटने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा, तो यह उनकी बहुत बड़ी भूल है। समुदाय विरोध करेंगे। और जैसे-जैसे वे उस तानाशाह के बारे में अधिक से अधिक हर क्षण जागरूक होते जा रहे हैं, जो बुरहानपुर में वन समुदायों पर इस तरह के निर्लज्ज हमले करने से बाज नहीं आ रहे वैसे वैसे वो खुद को बेनकाब कर रहे हैं।
एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बना कर आदिवासियों को आपने मोह जाल में फंसाने की कोशिश गरीब जनजातीय समूह, जंगल और अन्य प्राकृतिक संसाधन से जुड़े समुदायों को अब और मूर्ख नहीं बना पाएंगे।
AIUFWP के साथ-साथ अन्य प्राकृतिक संसाधन आधारित समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले कई अन्य संगठन केंद्र की राज्य में ऐसी सरकारों को चेतावनी देते हैं, कि लोग विरोध करेंगे और ऐसी विभाजनकारी बहुसंख्यक सरकारों की निंदा करने की शक्ति रखेंगे और उन्हें इतिहास के कूड़ेदान में उठा कर फेंक देंगे।
हम मांग करते हैं कि...
*कॉमरेड माधुरी के निष्कासन के कठोर आदेश को जल्द वापस लिया जाए। और संविधान में वर्णित "राइट टू लिबर्टी" की रक्षा की जाए।
*15,000 एकड़ से अधिक वन क्षेत्र की अवैध कटाई की न्यायिक जांच का गठन किया जाए।
*FRA के दावेदारों की जबरन और अवैध बेदखली को फौरन बंद किया जाए।
*वर्षों से लंबित 10,000 से अधिक सामुदायिक दावों के अधिकारों को तुरंत मान्यता दिया जाय।
सुकालो गोंड - अध्यक्ष AIUFWP
रोमा - महासचिव, AIUFWP
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AIUFWP ने जारी विज्ञप्ति में कहा है...
ऑल इंडिया यूनियन ऑफ फॉरेस्ट वर्किंग पीपल (AIUFWP) दक्षिणपंथी प्रतिक्रियावादी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आदिवासी और दलित वन आश्रित समुदाय के जागृत आदिवासी दलित संगठन (JADS) की नेता - कॉमरेड माधुरी पर शर्मनाक और कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा करता है। माधुरी को उनके कार्यक्षेत्र- बुरहानपुर जिले से निष्कासन की नोटिस दी गई है।
हमारा यूनियन इस निरंकुश मध्य प्रदेश सरकार को चेतावनी देता है कि वह कॉमरेड माधुरी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता को तुरंत बहाल करे। लकड़ी चोर माफिया के साथ मिलकर बुरहानपुर जिले में वन विभाग द्वारा 15,000 एकड़ से अधिक वन भूमि पर पेड़ों की कटाई के मामले में माधुरी और JADS प्रतिनिधित्व द्वारा इंगित की गई चिंताओं की न्यायिक जांच का गठन करें।
अगर केंद्र में निरंकुश सत्तारूढ़ व्यवस्था से उत्साहित मध्य प्रदेश की सामंती बहुसंख्यक सरकार सोचती है कि वनों पर निर्भर समुदायों से आदिवासी और दलित आवाजों को दबाने से बड़े कॉरपोरेट/क्रोनी पूंजीपतियों के साथ मिलकर प्राकृतिक संसाधन संपदा को लूटने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा, तो यह उनकी बहुत बड़ी भूल है। समुदाय विरोध करेंगे। और जैसे-जैसे वे उस तानाशाह के बारे में अधिक से अधिक हर क्षण जागरूक होते जा रहे हैं, जो बुरहानपुर में वन समुदायों पर इस तरह के निर्लज्ज हमले करने से बाज नहीं आ रहे वैसे वैसे वो खुद को बेनकाब कर रहे हैं।
एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बना कर आदिवासियों को आपने मोह जाल में फंसाने की कोशिश गरीब जनजातीय समूह, जंगल और अन्य प्राकृतिक संसाधन से जुड़े समुदायों को अब और मूर्ख नहीं बना पाएंगे।
AIUFWP के साथ-साथ अन्य प्राकृतिक संसाधन आधारित समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले कई अन्य संगठन केंद्र की राज्य में ऐसी सरकारों को चेतावनी देते हैं, कि लोग विरोध करेंगे और ऐसी विभाजनकारी बहुसंख्यक सरकारों की निंदा करने की शक्ति रखेंगे और उन्हें इतिहास के कूड़ेदान में उठा कर फेंक देंगे।
हम मांग करते हैं कि...
*कॉमरेड माधुरी के निष्कासन के कठोर आदेश को जल्द वापस लिया जाए। और संविधान में वर्णित "राइट टू लिबर्टी" की रक्षा की जाए।
*15,000 एकड़ से अधिक वन क्षेत्र की अवैध कटाई की न्यायिक जांच का गठन किया जाए।
*FRA के दावेदारों की जबरन और अवैध बेदखली को फौरन बंद किया जाए।
*वर्षों से लंबित 10,000 से अधिक सामुदायिक दावों के अधिकारों को तुरंत मान्यता दिया जाय।
सुकालो गोंड - अध्यक्ष AIUFWP
रोमा - महासचिव, AIUFWP
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