जेल में काटे बेगुनाही के 23 साल, बाहर आए तो मां-बाप की कब्र से लिपटकर खूब रोए

Written by Sabrangindia Staff | Published on: July 25, 2019
22 मई 1996 को जयपुर-आगरा हाईवे पर दौसा के पास समलेटी गांव में बीकानेर से आगरा जा रही एक बस के अंदर ब्लास्ट हुआ था। इस ब्लास्ट में 14 लोगों की जान चली गई थी और 37 लोग जख्मी हो गए थे। इस केस की जांच सीआईडी को सौंपी गई थी। एजेंसी ने पांच को भी इस केस में आरोपी बनाया था। बताया गया कि ये सभी जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट से जुड़े हुए हैं।

बीते 21 जुलाई को राजस्थान हाई कोर्ट ने साल 1996 समलेटी ब्लास्ट केस में आरोपी बनाए गए पांच लोगों को रिहा कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष उन्हें दोषी साबित कर पाने में नाकाम रहा। समलेटी ब्लास्ट केस का मुख्य आरोपी डॉक्टर अब्दुल हामिद है, जिसे मौत की सजा सुनाई गई है।



आरोपी बनाए गए लतीफ अहमद बाजा (42), अली भट्ट (48), मिर्जा निसार (39), अब्दुल गोनी (57) और रईस बेग (56) को सोमवार शाम 5।19 बजे जेल से रिहा कर दिया गया। रईस बेग 8 जून, 1997 से जेल में बंद थे, बाकी सबको जून 1996 से जुलाई 1996 के बीच सजा हुई थी। तब से 22 जुलाई 2019 तक इन पांचों को न तो कभी जमानत मिली और ना ही वे कभी परोल पर रिहा हुए।

ये सभी पिछले 23 सालों से एक ऐसे गुनाह के लिए जेल में बंद थे, जो उन्होंने किया ही नहीं। जब वे बाहर आए तो उनके लिए पूरी दुनिया बदल चुकी थी।

जेल जाने से पहले अली भट्ट का कारपेट का बिजनेस था, लतीफ अहमद बाजा दिल्ली और काठमांडू में कश्मीरी हैंडीक्राफ्ट बेचा करते थे। मिर्जा निसार उस वक्त नौंवी में पढ़ता था और अब्दुल गोनी एक स्कूल चलाते थे।

कोर्ट से निर्दोष करार दिए जाने के बाद सभी आरोपियों को जेल से रिहा कर दिया गया। इनमें से एक अली भट्ट जब वापस कश्मीर पहुंचे तो उनके लिए दुनिया वाकई बदल चुकी थी। भट्ट के अम्मी-अब्बू की मौत हो चुकी थी। उन्हें जब परिजनों ने ये बताया तो वे अपने अम्मी-अब्बू की कब्र पर जाकर खूब रोए।

सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो रहा है। जो भी ये वीडियो देख रहा है वो भावुक होकर बस यही सोच रहा है कि इनके 23 साल कौन लौटा सकता है?



इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट में गोनी के हवाले से लिखा है, ‘हम जब जेल में थे, तो कितने रिश्तेदार गुजर गए हमारे। मेरी अम्मी। मेरे अब्बू। दो चाचा। सब चले गए दुनिया से। मेरी बहन की शादी हुई और अब उसकी बेटी की शादी होने वाली है। अब जाकर हमें बरी कर दिया गया है, मगर जो साल बीच में बीते उन्हें कौन लौटा देगा।’

निसार ने बताया, 'जब मुझ पर आरोप लगा, तब मैं 16 साल का था, लेकिन जांच अधिकारियों ने मेरी उम्र 19 साल दिखाई। अब मैं 39 साल का हो चुका हूं।' निसार ने कहा कि वो शादी करके अब नई जिंदगी की शुरुआत करना चाहता है।

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