फर्जी एड्रेस वाली कंपनी दे गई पीएम मोदी को 'मार्केटिंग गुरू' अवॉर्ड

Published on: January 16, 2019
नई दिल्ली। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया के ज़रिए बताया कि उन्हें 'देश की निस्वार्थ सेवा, आर्थिक और सामाजिक तौर पर देश का विकास करने के लिए' फ़िलिप कोट्लर प्रेसिडेन्शियल अवार्ड दिया गया है। इस अवॉर्ड को लेकर हंगामा मचा हुआ है।

अवॉर्ड देने वाली वेबसाइट में बताया गया है कि ये अवार्ड पहली बार किसी को दिया गया है और प्रधानमंत्री के ब्लॉग के अनुसार इसके मूल में जो भावना है वो 'पीपल, प्रोफ़िट एंड प्लानेट' (लोग, लाभ और धरती) से प्रेरित है।

फिलिप कोट्लर अवार्ड की वेबसाइट के अनुसार मार्केटिंग, कम्यूनिकेशन और बिज़नेस मैनेजमेन्ट की दुनिया में अपनी छाप छोड़ने वालों को सम्मानित करने के लिए ये दिया जाता है।

मोदी के ट्विटर हैंडल पर तस्वीरें आने के बाद भाजपा के कई नेताओं ने इसके लिए उन्हें बधाई दी और इसे सम्मानजनक कहा। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया में इसे लेकर तंज कसा।

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को 'फिलिप कोटलर प्रेसिडेंशियल अवॉर्ड' मिलने पर ट्वीट किया, 'मैं अपने प्रधानमंत्री को विश्व प्रसिद्ध कोटलर प्रेसिडेंशियल अवॉर्ड जीतने पर बधाई देता हूं। बेशक, यह इतना मशहूर है कि कोई ज्यूरी नहीं और किसी को भी आज तक दिया भी नहीं गया। यह अलीगढ़ की किसी अनजान कंपनी की ओर से दिया गया है, जिसके कई पार्टनर हैं।' इस ट्वीट के साथ राहुल गांधी ने एक वेबसाइट की खबर का लिंक भी साझा किया है।

असली बवाल तब शुरू हुआ जब अवॉर्ड के पीछे का नाम और देने वाली कंपनी का बैकग्राउंड खंगाला गया। पता लगा कि पीएम मोदी को फिलिप कोटलर प्रेसीडेंसियल अवॉर्ड मिलने की जानकारी फिलिप कोटलर को है। ये बात फिलिप कोटलर ने ट्वीट भी की।

फिलिप कोटलर 87 साल के बुजुर्ग अमेरिकी हैं। लेकिन ये कोई उपलब्धि नहीं है। उपलब्धि ये है कि मार्केटिंग गुरु हैं। फिलहाल नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी, केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में मार्केटिंग के प्रोफेसर हैं। 2011 में इन्होंने वर्ल्ड मार्केटिंग समिट ग्रुप नाम की एक संस्था शुरू की। उद्देश्य था दुनिया के बड़े नेताओं को दुनिया से गरीबी खत्म करने के लिए एक मंच पर लाना। इसका हेड ऑफिस टोरंटो, कनाडा में है।

अवॉर्ड देने वाली कंपनी का पता फर्जी
मीडिया टीम ससलिंस की वेबसाइट पर दिए गए अड्रेस पर पहुंचीं तो पता लगा कि वहां कोई ऑफिस नहीं बल्कि किसी का घर अर्थात निजी आवास है। जो नंबर वेबसाइट पर दिया गया था वो भी किसी ससलिंस वाले को नहीं जानता। और जो वेबसाइट है वो भी अब खुल नहीं रही।

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