'एंटी लिंचिंग' इवेंट की आयोजक सामाजिक कार्यकर्ता को गिरफ्तार करने पहुंच गई मुंबई पुलिस !

Written by sabrang india | Published on: July 24, 2019
मुंबई। लोकतंत्र बहाली के लिए आवाज उठाने वालों को भयभीत करने के लिए सरकार सरकारी मशीनरी का बुरी तरह इस्तेमाल कर रही है। मंगलवार को महाराष्ट्र पुलिस एक छह साल पुराने मामले को लेकर प्रीति शेखर के घर पहुंची। लेकिन आरोप लग रहे हैं कि पुलिस रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम के चलते प्रीति शेखर के घर पहुंची थी। इस कार्यक्रम को मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और राम पुनियानी ने भी संबोधित किया था। अन्य वक्ताओं में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह, जुनैद खान, मोहसिन शेख के परिवार के सदस्य और गुजरात के ऊना पीड़ित दलित थे। 

रविवार को आयोजित कार्यक्रम घृणा अपराध रोकने में राज्य सरकार की नाकामी को लेकर था। इस कार्यक्रम के दो दिन बाद राज्य सरकार ने डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) की महाराष्ट्र राज्य सचिव, प्रीति शेखर को गिरफ्तार कराने के लिए उनके घर पुलिस भिजवा दी। प्रीति शेखर ने बताया कि पुलिस 2013 के एक मामले का वारंट लेकर उनके घर पहुंची थी। यह मामला बेरोजगारी के खिलाफ एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन के चलते दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि क्या यह महज एक संयोग है कि मुंबई में मॉब लिंचिंग जैसे घृणा अपराधों के खिलाफ कार्यक्रम के दो दिन बाद ही पुलिस को छह साल पुराना मामला याद आ गया।   
 
सबरंग इंडिया से बात करते हुए, सुश्री प्रीति शेखर ने कहा, "हालांकि मैं यह सुनिश्चित तौर पर नहीं कह सकती कि अगर वे रविवार की घटना के कारण आए थे तो वह वारंट ही जमानती था, जिसके लिए वे मुझे फोन पर बुला सकते थे। आजाद मैदान पुलिस स्टेशन से पुलिस टीम वसई रोड (लगभग 75 किलोमीटर दूर) तक मेरे घर पहुंची थी, जबकि मैं चर्चगेट में थी जो कि लगभग एक किलोमीटर दूर है।"

पुलिस इंस्पेक्टर, मंगेश सुंगल, जो प्रीति शेखर के घर पहुंची टीम का हिस्सा थे, ने सबरंग इंडिया को बताया कि उन्हें इस मामले के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, वह तो सिर्फ 'आदेशों' का पालन कर रहे थे। उनके अनुसार "प्रीति मैडम ने 2013 में आंदोलन किया था जिसका यह केस है।" उन्होंने कहा कि वह रविवार को आयोजित कार्यक्रम के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। जब उनसे और सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि वह ठीक से नहीं सुन सकते हैं और ज्यादा जानकारी के लिए आजाद नगर पुलिस स्टेशन जाने की सलाह दी।
 
प्रीति शेखर द्वारा लिखित नोट:
आज सुबह एक महिला पुलिसकर्मी सहित 5 पुलिसकर्मी वसई रोड स्थित मेरे अपार्टमेंट में मेरी तलाश में आए। मैं और मेरे पति तब तक मुंबई में अपने काम के लिए निकल चुके थे और मेरा बेटा अपने कॉलेज के लिए निकल चुका था। वहां सिर्फ एक मैंटेनेंस ठेकेदार वसई में हमारे एक साथी के साथ मौजूद था। हमारे अपॉर्टमेंट में मेंटेनैंस का कुछ काम चल रहा है जिसके चलते वे यहां मौजूद थे। तभी वहां पुलिस पहुंची और उनसे बहुत ही अशिष्ट व्यवहार किया और मेरे बारे में अपमानजनक ढंग से बात करते हुए कहा कि मैं अपार्टमेंट में कहीं छिपी हूँ। बाद में जब मुझे उस व्यक्ति से फोन पर बात करने का अवसर मिला, तो मैंने उसे चेतावनी दी कि वे हमें अपराधी न समझें। वारंट (मेरे और कॉमरेड सुनीता पवार के खिलाफ) 2013 में आयोजित एक शांतिपूर्ण मोर्चा के संबंध में एक मामला है। हमने अब पुलिस के लोगों से फोन पर बात की है और उनसे कहा है कि हम फरार नहीं हैं। न ही हमें इस मामले में हाल के दिनों में कोई समन मिला है। हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि हम आवश्यक रूप से अगली सुनवाई के लिए पुलिस स्टेशन जाएंगे या अदालत में मौजूद रहेंगे और इस मामले में बचाव पक्ष के रूप में सभी कानूनी आवश्यकताओं का पालन करेंगे।
 

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