वाराणसी के सिगरा में धर्मस्थल को लेकर बवाल, पथराव, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पुलिस ने बनाई शांति

Published on: July 17, 2017

रविवार के शाम लगभग 8:30 बजे  बजह सिगरा थाना क्षेत के फातमान-विद्यापीठ रोड वाली गली में एक धर्मस्थल के पास की जमीन पर बाउंड्री कराने को लेकर 2 पक्षो में जमकर विवाद और पथराव। मौके पर भारी भीड़, नारेबाजी। कई थानों की फ़ोर्स मौके पर पहुंची



 
लल्लापूरा विद्धयापीठ के पास कुछ असमाजिक तत्व द्वारा  हंगामा किया गया जिसके फल स्वरूप पुलिस मैके पर पहुच गई। अब किसी तरह की कोई बात नही है और ट्राफिक चालू है कुछ लोगो ने थाने पर पथराव करना शुरू कर दिया जिसके चलते पुलिस ने लाठी चार्ज कर भीड को हटा दिया है। अब किसी तरह की कोई बात नही है।
Appeal : किसी तरह की अफवाहो पर ध्यान न दे जिस्से कि असमाजिक तत्वो को कोई बल मिले .
 
 कल शाम लगभग 8:30 बजे 300 से अधिक संख्या में एक वर्ग विशेष के लोग वहां पहुंचे तथा झोपड़ी व टीनशेड को तोड़ते हुए उसमे आगजनी कर दी। विरोध में पहुंचे दूसरे वर्ग के लोगों से उनकी हिंसक झड़प हुई। वर्ग विशेष के लोगों ने वहां जमकर पथराव भी किया जिसमे की लोग घायल भी हुए है। घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई है तथा दोनों पक्ष आमने-सामने डट गए हैं। सिगरा थाने में दोनों पक्षों को बैठा कर समझौते का प्रयास भी चल रहा है। घटनास्थल पर भारी पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई है। समाचार लिखे जाने तक स्थिति तनावपूर्ण पर नियंत्रण में थी। एक पक्ष के लोगों का कहना है कि झोपड़ी जिस स्थान पर लगाई गई थी वहां न्यायालय से स्टे है। इसके बावजूद वर्ग विशेष के लोगों ने यह कृत्य कर माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया I ऐसे कहा जा रहा है कि डॉ अवधेश सिंह द्वारा कोई जमीन है कब्ज़ा का मामला है जो की कब्रिस्तान की ज़मीन बतायी जा रही है।

शहरी कार्यकर्ता और व्यापारी अतीक अहमद ने शान्ति और अमन बनाये रखने में परयास किया, जिस्मे वह घायल भी हुए. sabrangindia शी बात करते हुए उन्होंने  कहाँ  की ज़मीन को  लेकर  जो अफवाएं फैलाई गयी, उससे मामला बढ़ा. उनके और पुलिस के कदम से जल्द  ही  काबू में लाया गया.
 
विद्यापीठ परिसर के समीप दो संप्रदायों के बीच हिंसक झड़प, आगजनी व पथराव से माहौल तनावपूर्ण हो गया है।जनपद के वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर कैंप कर भारी पुलिस की तैनाती कर दी है।बताया जाता है कि विद्यापीठ परिसर के समीप एक कब्रिस्तान की जमीन की चारदीवारी के बाहर कतिपय लोगों ने काफी दिनों से एक झोपड़ी व टीन शेड लगा रखा था। बताया जाता है कि टीनशेड में गाय भी रखी गई थी।
 
 
 

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