हिंदूवादी भीड़ ने राशिद नाम के एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति को उसकी धार्मिक पहचान के कारण परेशान किया, पीटा और पैसे लूट लिए। रात करीब 10:00 बजे राशिद अपने बुजुर्ग पिता के लिए आगे के इलाज की व्यवस्था करने के लिए एम्बुलेंस का इंतेजाम करने के बाद मुस्कान अस्पताल से लौट रहे थे।
साभार : द ऑब्जर्वर पोस्ट
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 26 अक्टूबर को हिंदूवादी भीड़ ने राशिद नाम के एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति को उसकी धार्मिक पहचान के कारण परेशान किया, पीटा और पैसे लूट लिए। रात करीब 10:00 बजे राशिद अपने बुजुर्ग पिता के लिए आगे के इलाज की व्यवस्था करने के लिए एम्बुलेंस का इंतेजाम करने के बाद मुस्कान अस्पताल से लौट रहे थे।
रात के समय यातायात और पैदल चलने वालों की अफरा-तफरी के बीच उनकी स्कूटी गलती से एक दोपहिया वाहन से टकरा गई, जिसके बाद इस घटना ने सांप्रदायिक रंग ले लिया। राशिद ने मीडिया से कहा, "मेरी गाड़ी एक लड़के के दोपहिया वाहन से टकरा गई, मैंने मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन एक अन्य व्यक्ति ने मुझे पकड़ लिया और फिर 10-20 गुंडे आए और मुझे बेरहमी से पीटा।"
राशिद को उसकी मुस्लिम पहचान के लिए निशाना बनाते हुए वे लोग चिल्ला रहे थे, "दाढ़ी वाला है, सा** को जान से मार दो!" वायरल वीडियो में राशिद ने बताया कि कैसे हिंदू गुंडों ने उसे बेरहमी से पीटा और लगातार हमलों, शोरगुल के बीच वह होश में नहीं रह पाया। राशिद के चेहरे पर काफी चोटें थीं और वह घटना के बारे में बात करते हुए बेहोश हो गया। साथ ही, उसकी जेब में रखे 20,000 रुपये भी गायब हो गए, जो उसने अपने पिता के इलाज के लिए रखे थे।
राशिद किसी तरह अपनी जान बचाने के लिए भागा और पास के पुलिस स्टेशन पहुंचा। जानकारी के अनुसार, उसकी पहचान जमाल नगर निवासी के रूप में हुई है और घटना दिल्ली गेट थाना क्षेत्र में हुई। गंभीर रूप से घायल राशिद जब पुलिस के पास पहुंचा, तो उन अज्ञात हिंदू युवकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। बुजुर्ग पर हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए एक स्थानीय नेता ने एसएसपी से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया, जबकि पुलिस विभाग ने मामले की पुष्टि की।
जून 2024 में अलीगढ़ में एक मुस्लिम व्यक्ति फ़रीद की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। चोरी के शक में हिंदू लोगों की भीड़ ने उसे पीट-पीटकर मार डाला।
ज्ञात हो कि मुस्लिम को निशाना बनाकर पीटने का या बदसलूकी करने का यह कोई पहला मामला नहीं है। गत मंगलवार को गाजियाबाद में निजी ट्यूशन के लिए क्रॉसिंग रिपब्लिक में एक सोसायटी में आए एक उर्दू शिक्षक से कॉमन एरिया में रहने वाले एक व्यक्ति ने कथित तौर पर बदसलूकी की और परेशान किया। उन्हें 'जय श्री राम' बोलने के लिए कहा और आखिरकार लिफ्ट से उतरने के लिए मजबूर किया। पुलिस ने बताया कि मनोज कुमार को बुधवार को गिरफ्तार किया गया और उसके खिलाफ गलत तरीके से रोकने और जानबूझकर अपमान करने सहित बीएनएस की अन्य धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कुमार (36) एक कारोबारी है। शिक्षक मोहम्मद आलमगीर ने पुलिस को बताया कि जब कुमार ने उन्हें पंचशील वेलिंगटन के ग्राउंड फ्लोर पर लिफ्ट का इंतजार करते देखा और उन्होंने बिना उकसावे के उन पर हमला कर दिया। आलमगीर ने पुलिस को बताया कि कुमार ने "पहले मुझे अजीब तरीके से देखा" और पूछा कि वह कहां जा रहे है।
जब उन्होंने कुमार को बताया कि वे सोसायटी की 16वीं मंजिल पर एक फ्लैट में उर्दू पढ़ाते हैं, तो कुमार ने कथित तौर पर उनसे "जय श्री राम" बोलने के लिए कहा। शिक्षक ने कुमार की बात को नजरअंदाज कर दिया, लेकिन कुमार की पूछताछ जारी रही और उसका व्यवहार और भी आक्रामक हो गया। शिक्षक ने कहा कि, "मैं हैरान था और कुछ नहीं बोला। जब लिफ्ट पहली मंजिल पर रुकी, तो उसने मुझे धक्का देकर बाहर निकाल दिया। फिर उसने दूसरे व्यक्ति को बुलाया और उससे कहा, 'मुसलमान कब से इस सोसायटी में आने लगे?'"
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साभार : द ऑब्जर्वर पोस्ट
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 26 अक्टूबर को हिंदूवादी भीड़ ने राशिद नाम के एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति को उसकी धार्मिक पहचान के कारण परेशान किया, पीटा और पैसे लूट लिए। रात करीब 10:00 बजे राशिद अपने बुजुर्ग पिता के लिए आगे के इलाज की व्यवस्था करने के लिए एम्बुलेंस का इंतेजाम करने के बाद मुस्कान अस्पताल से लौट रहे थे।
रात के समय यातायात और पैदल चलने वालों की अफरा-तफरी के बीच उनकी स्कूटी गलती से एक दोपहिया वाहन से टकरा गई, जिसके बाद इस घटना ने सांप्रदायिक रंग ले लिया। राशिद ने मीडिया से कहा, "मेरी गाड़ी एक लड़के के दोपहिया वाहन से टकरा गई, मैंने मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन एक अन्य व्यक्ति ने मुझे पकड़ लिया और फिर 10-20 गुंडे आए और मुझे बेरहमी से पीटा।"
राशिद को उसकी मुस्लिम पहचान के लिए निशाना बनाते हुए वे लोग चिल्ला रहे थे, "दाढ़ी वाला है, सा** को जान से मार दो!" वायरल वीडियो में राशिद ने बताया कि कैसे हिंदू गुंडों ने उसे बेरहमी से पीटा और लगातार हमलों, शोरगुल के बीच वह होश में नहीं रह पाया। राशिद के चेहरे पर काफी चोटें थीं और वह घटना के बारे में बात करते हुए बेहोश हो गया। साथ ही, उसकी जेब में रखे 20,000 रुपये भी गायब हो गए, जो उसने अपने पिता के इलाज के लिए रखे थे।
राशिद किसी तरह अपनी जान बचाने के लिए भागा और पास के पुलिस स्टेशन पहुंचा। जानकारी के अनुसार, उसकी पहचान जमाल नगर निवासी के रूप में हुई है और घटना दिल्ली गेट थाना क्षेत्र में हुई। गंभीर रूप से घायल राशिद जब पुलिस के पास पहुंचा, तो उन अज्ञात हिंदू युवकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। बुजुर्ग पर हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए एक स्थानीय नेता ने एसएसपी से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया, जबकि पुलिस विभाग ने मामले की पुष्टि की।
जून 2024 में अलीगढ़ में एक मुस्लिम व्यक्ति फ़रीद की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। चोरी के शक में हिंदू लोगों की भीड़ ने उसे पीट-पीटकर मार डाला।
ज्ञात हो कि मुस्लिम को निशाना बनाकर पीटने का या बदसलूकी करने का यह कोई पहला मामला नहीं है। गत मंगलवार को गाजियाबाद में निजी ट्यूशन के लिए क्रॉसिंग रिपब्लिक में एक सोसायटी में आए एक उर्दू शिक्षक से कॉमन एरिया में रहने वाले एक व्यक्ति ने कथित तौर पर बदसलूकी की और परेशान किया। उन्हें 'जय श्री राम' बोलने के लिए कहा और आखिरकार लिफ्ट से उतरने के लिए मजबूर किया। पुलिस ने बताया कि मनोज कुमार को बुधवार को गिरफ्तार किया गया और उसके खिलाफ गलत तरीके से रोकने और जानबूझकर अपमान करने सहित बीएनएस की अन्य धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कुमार (36) एक कारोबारी है। शिक्षक मोहम्मद आलमगीर ने पुलिस को बताया कि जब कुमार ने उन्हें पंचशील वेलिंगटन के ग्राउंड फ्लोर पर लिफ्ट का इंतजार करते देखा और उन्होंने बिना उकसावे के उन पर हमला कर दिया। आलमगीर ने पुलिस को बताया कि कुमार ने "पहले मुझे अजीब तरीके से देखा" और पूछा कि वह कहां जा रहे है।
जब उन्होंने कुमार को बताया कि वे सोसायटी की 16वीं मंजिल पर एक फ्लैट में उर्दू पढ़ाते हैं, तो कुमार ने कथित तौर पर उनसे "जय श्री राम" बोलने के लिए कहा। शिक्षक ने कुमार की बात को नजरअंदाज कर दिया, लेकिन कुमार की पूछताछ जारी रही और उसका व्यवहार और भी आक्रामक हो गया। शिक्षक ने कहा कि, "मैं हैरान था और कुछ नहीं बोला। जब लिफ्ट पहली मंजिल पर रुकी, तो उसने मुझे धक्का देकर बाहर निकाल दिया। फिर उसने दूसरे व्यक्ति को बुलाया और उससे कहा, 'मुसलमान कब से इस सोसायटी में आने लगे?'"
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