आज गणतंत्र दिवस है...और संविधान क्या है ?

Written by Himanshu Kumar | Published on: January 27, 2017

मैं इस गणतंत्र दिवस पर उन् बलात्कार पीड़ित महिलाओं की तरफ खड़े होने का संकल्प लेता हूँ




आज गणतंत्र दिवस है

सुबह से देशभक्ति का माहौल गरम है

रेडियो पर सैनिकों की वीरता के गाने बज रहे हैं

क्या आज के दिवस का ताल्लुक सिपाहियों से है ?

क्या आज के दिवस का सम्बन्ध दुश्मन देश और हमारी वीरता से है

नहीं आज के दिवस का ताल्लुक तो संविधान के लागू होने से है

और संविधान क्या है ?

संविधान भारत के सभी नागरिकों की बराबरी और न्याय का दस्तावेज़ है

भारत का संविधान सभी नागरिकों को बराबरी और सभी को न्याय का वादा करता है

यानि भारत का संविधान कह रहा है कि अदाणी और बस्तर की आदिवासी महिला बराबर हैं

लेकिन अम्बानी अदाणी टाटा और दूसरे अमीरों की कंपनियों के लिए ज़मीनें छीनने के लिए हमारे सैनिक आदिवासी इलाकों में भेज दिए गए हैं

हमारे सैनिक आदिवासी इलाकों में आदिवासी महिलाओं से बलात्कार कर रहे हैं

हमारे सैनिक संविधान को पैरों तले कुचल रहे हैं

लेकिन प्रधान मंत्री के भाषण से संविधान के इस तरह कुचले जाने की यह चिंता गायब है

राष्ट्रपति के भाषण में भारत की आदिवासी महिलाओं के साथ भारत के ही सैनिकों के बलात्कार का ज़िक्र क्यों नहीं है ?

भारत के रेडियो में सैनिकों की वीरता का ही ज़िक्र क्यों है

भारत के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री के भाषण और भारत के रेडियो में आदिवासी महिलाओं के बराबरी के अधिकार को कुचले जाने का ज़िक्र क्यों नहीं है ?

क्या भारत का राष्ट्रपति , भारत का प्रधान मंत्री और भारत का रेडियो बस्तर की आदिवासी महिला के दर्द के साथ नहीं है ?

क्या हमारा राष्ट्रपति हमारा प्रधान मंत्री और हमारा रेडियो बलात्कार करने वाले सिपाही के साथ हैं ?

क्या हमारा राष्ट्रपति, हमारा प्रधान मंत्री और हमारा रेडियो भारत के संविधान को रौंदने वाले सिपाही के साथ हैं ?

अगर हम सब संविधान को रौंदने वाले के साथ हैं ?

तो फिर यह एक खतरनाक हालत है

फिर आपके लिए यह सावधान हो जाने का समय है

क्योंकि भगत सिंह अम्बेडकर गांधी नें इस गणतंत्र का सपना तो नहीं देखा होगा

जिसमें एक दिन भारत की महिलाओं की अस्मत भारत के सैनिक लूटेंगे और

पूरा देश उस पर कोई ध्यान नहीं देगा

बल्कि देश विकास के नाम पर गरीब लोगों पर हमले करने को सहमति देगा

लेकिन आपको शायद खतरे का अन्दाज़ा नहीं है

अगर आज आपने गणतंत्र को बचाने के लिए संविधान पर होने वाले हमले के विरुद्ध आवाज़ नहीं उठाई

तो आप एक लूट तन्त्र में प्रवेश कर जायेंगे

और उसके लिए आप खुद ही ज़िम्मेदार होंगे

इस बीच छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले के वेल्लम नेंड्रआ और पेद्दा गेलूर की 49 बलात्कार पीड़ित आदिवासी महिलायें तीस जनवरी को अपने साथ सैनिकों द्वारा किये गए बलात्कारों के खिलाफ़ रैली करेंगी

मैं इस गणतंत्र दिवस पर उन् बलात्कार पीड़ित महिलाओं की तरफ खड़े होने का संकल्प लेता हूँ

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