विदेशी चंदा पाने वाले गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) अगर अपने उद्देश्य के अनुसार चंदे का इस्तेमाल नहीं करेंगे और सालाना रिटर्न दाखिल नहीं करेंगे तो उनका रजिस्ट्रेशन समाप्त कर दिया जाएगा।
साभार : एएनआई (फाइल फोटो)
उन एनजीओ पर केंद्र सरकार शिकंजा कसेगी जो धर्मांतरण और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होते हैं। गृह मंत्रालय ने विकास विरोधी, धर्मांतरण, देश विरोधी प्रदर्शन और आतंकी-कट्टरपंथी समूहों से जुड़े एनजीओ का विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम यानी एफसीआरए के तहत पंजीकरण रद्द करने का फैसला किया है।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक जो एनजीओ विदेश चंदा स्वीकार करते हैं और उससे सामाजिक और धार्मिक सद्भाव प्रभावित हो सकता है, उनका पंजीकरण भी रद्द किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि विदेशी चंदा पाने वाले एनजीओ अगर अपने उद्देश्य के मुताबिक चंदे का इस्तेमाल नहीं करेंगे और वार्षिक रिटर्न दाखिल नहीं करेंगे तो भी पंजीकरण को खत्म कर दिया जाएगा। कानून के मुताबिक किसी गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) को विदेशी चंदा हासिल करने के लिए विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम पंजीकृत होना जरूरी होता है।
वहीं गृह मंत्रालय ने वर्षों से निष्क्रिय एनजीओ पर भी कार्रवाई करने का फैसला किया है। मंत्रालय ने कहा है कि यदि कोई एनजीओ पिछले दो-तीन साल से निष्क्रिय रहे हैं और जांच में एनजीओ की किसी समाज कल्याण गतिविधि में सहभागिता नहीं मिलती है तो भी उसका एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। इसके अलावा मंत्रालय की ओर से मांगे गए स्पष्टीकरण का जवाब न देने, जरूरी सूचना और दस्तावेज मुहैया न कराने पर किसी पदाधिकारी, सदस्य या प्रमुख अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा लंबित है तो भी कार्रवाई की जा सकती है।
साथ ही गृह मंत्रालय ने जारी किए गए नोटिस में कहा है कि यदि कोई एनजीओ गलत उद्देश्य से विरोध प्रदर्शन के लिए विदेशी चंदे का इस्तेमाल करता है तो एफसीआरए रजिस्ट्रेशन को रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। यदि सत्यापन में पता चलता है कि संगठन और उसके पदाधिकारियों ने विदेशी चंदे का इस्तेमाल अवांछनीय गतिविधियों के लिए किया है या आतंकवादी संगठनों-राष्ट्र-विरोधी तत्वों के साथ संबंध की बात सामने आती है, तो भी कार्रवाई होगी। इसके अलावा यदि कोई जांच एजेंसी किसी एनजीओ के गलत गतिविधियों में शामिल होने की सूचना देती है या विदेशी चंदे से सामाजिक, धार्मिक सद्भाव प्रभावित होने की आशंका जाहिर करती है तो भी उसका एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि यदि कोई संगठन अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों के अनुसार परियोजनाओं के तहत हासिल विदेशी चंदे का इस्तेमाल नहीं करता है और पिछले छह वित्तीय वर्षों में से किसी का भी वार्षिक रिटर्न अपलोड नहीं करता है तो भी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा पिछले तीन वित्तीय वर्ष में अपनी मुख्य गतिविधियों की न्यूनतम 15 लाख रुपये की राशि समाज कल्याण के लिए खर्च करने के मानदंडों को पूरा न करने पर भी एफसीआरए लाइसेंस समाप्त कर दिया जाएगा।
साभार : एएनआई (फाइल फोटो)
उन एनजीओ पर केंद्र सरकार शिकंजा कसेगी जो धर्मांतरण और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होते हैं। गृह मंत्रालय ने विकास विरोधी, धर्मांतरण, देश विरोधी प्रदर्शन और आतंकी-कट्टरपंथी समूहों से जुड़े एनजीओ का विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम यानी एफसीआरए के तहत पंजीकरण रद्द करने का फैसला किया है।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक जो एनजीओ विदेश चंदा स्वीकार करते हैं और उससे सामाजिक और धार्मिक सद्भाव प्रभावित हो सकता है, उनका पंजीकरण भी रद्द किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि विदेशी चंदा पाने वाले एनजीओ अगर अपने उद्देश्य के मुताबिक चंदे का इस्तेमाल नहीं करेंगे और वार्षिक रिटर्न दाखिल नहीं करेंगे तो भी पंजीकरण को खत्म कर दिया जाएगा। कानून के मुताबिक किसी गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) को विदेशी चंदा हासिल करने के लिए विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम पंजीकृत होना जरूरी होता है।
वहीं गृह मंत्रालय ने वर्षों से निष्क्रिय एनजीओ पर भी कार्रवाई करने का फैसला किया है। मंत्रालय ने कहा है कि यदि कोई एनजीओ पिछले दो-तीन साल से निष्क्रिय रहे हैं और जांच में एनजीओ की किसी समाज कल्याण गतिविधि में सहभागिता नहीं मिलती है तो भी उसका एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। इसके अलावा मंत्रालय की ओर से मांगे गए स्पष्टीकरण का जवाब न देने, जरूरी सूचना और दस्तावेज मुहैया न कराने पर किसी पदाधिकारी, सदस्य या प्रमुख अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा लंबित है तो भी कार्रवाई की जा सकती है।
साथ ही गृह मंत्रालय ने जारी किए गए नोटिस में कहा है कि यदि कोई एनजीओ गलत उद्देश्य से विरोध प्रदर्शन के लिए विदेशी चंदे का इस्तेमाल करता है तो एफसीआरए रजिस्ट्रेशन को रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। यदि सत्यापन में पता चलता है कि संगठन और उसके पदाधिकारियों ने विदेशी चंदे का इस्तेमाल अवांछनीय गतिविधियों के लिए किया है या आतंकवादी संगठनों-राष्ट्र-विरोधी तत्वों के साथ संबंध की बात सामने आती है, तो भी कार्रवाई होगी। इसके अलावा यदि कोई जांच एजेंसी किसी एनजीओ के गलत गतिविधियों में शामिल होने की सूचना देती है या विदेशी चंदे से सामाजिक, धार्मिक सद्भाव प्रभावित होने की आशंका जाहिर करती है तो भी उसका एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि यदि कोई संगठन अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों के अनुसार परियोजनाओं के तहत हासिल विदेशी चंदे का इस्तेमाल नहीं करता है और पिछले छह वित्तीय वर्षों में से किसी का भी वार्षिक रिटर्न अपलोड नहीं करता है तो भी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा पिछले तीन वित्तीय वर्ष में अपनी मुख्य गतिविधियों की न्यूनतम 15 लाख रुपये की राशि समाज कल्याण के लिए खर्च करने के मानदंडों को पूरा न करने पर भी एफसीआरए लाइसेंस समाप्त कर दिया जाएगा।