केरल : क्रिसमस समारोह में बाधा डालने पर विहिप नेताओं और बजरंग दल कार्यकर्ता पर मामला दर्ज

Written by sabrang india | Published on: December 23, 2024
तीनों आरोपियों ने प्रधानाध्यापिका और शिक्षकों को अपशब्द कहे, क्रिसमस पर सवाल उठाया और श्री कृष्ण जयंती भी मनाने की मांग की।


प्रतीकात्मक तस्वीर; साभार : टीएनआईई

पलक्कड़ के नल्लेपिल्ली में एक सरकारी स्कूल में क्रिसमस समारोह में बाधा डालने के प्रयास को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के दो और बजरंग दल के एक कार्यकर्ता पर मामला दर्ज किया गया और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

तीनों आरोपियों ने नल्लेपिल्ली के सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका और शिक्षकों को अपशब्द कहे, सवाल किया कि केवल क्रिसमस ही क्यों मनाया जा रहा है और जोर देकर कहा कि श्री कृष्ण जयंती भी मनाई जानी चाहिए। तीनों आरोपियों की पहचान वडक्कुमथारा के अनिल कुमार, मनमकुझी सुशासनन और थेक्कुमुरी वेलायुधन के रूप में हुई है। ये सभी नल्लेपिल्ली के निवासी हैं।

पुलिस के अनुसार, यह घटना शुक्रवार को पलक्कड़ के नल्लेपिल्ली के सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय में हुई। तीनों ने कथित तौर पर स्कूल के क्रिसमस समारोह में बाधा डाली, शिक्षकों और छात्रों से क्रिसमस कैरोल के लिए उनके पोशाक के बारे में पूछा। उन्होंने छात्रों के सामने शिक्षकों के साथ गाली-गलौज भी की। आरोपियों में अनिल कुमार विश्व हिंदू परिषद का जिला सचिव है, वी सुशासनन बजरंग दल का जिला समन्वयक और के वेलायुधन विश्व हिंदू परिषद पंचायत समिति का अध्यक्ष है।

चित्तूर पुलिस स्टेशन के एसएचओ के मैथ्यू ने कहा, "शनिवार को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और उन पर सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने और धमकी देने का आरोप लगाया गया। बाद में उन्हें अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।"

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब भाजपा केरल में ईसाई समुदाय को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है, जबकि राज्य भाजपा नेतृत्व इस मामले पर चुप है।

बता दें कि देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ उनकी पूजा या समारोह में हिंदुत्ववादियों द्वारा बाधा डालने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसी साल सितंबर महीने में बिहार के नवादा शहर में दक्षिणपंथी हिंदू समूहों की भीड़ ने ईसाई समुदाय के सदस्यों पर हमला किया था और उनकी प्रार्थना सभा को बाधित किया। भीड़ ने मौजूद लोगों पर धर्म परिवर्तन में शामिल होने का आरोप लगाया था।

रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना तब हुई जब ईसाइयों का एक समूह रविवार की प्रार्थना के लिए एक मकान में इकट्ठा हुआ था। भगवा स्कार्फ और शर्ट पहने उग्र भीड़ ने घर में घुसकर प्रार्थना को बाधित किया।

व्यवधान के दौरान, हमलावरों ने ईसाईयों पर हिंदुओं को बरगलाने और उनका धर्म परिवर्तन करने का प्रयास करने का आरोप लगाया था।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में भीड़ को “धर्म परिवर्तन करना बंद करो” का नारा लगाते हुए सुना गया था।

यह घटना बिहार में धर्म परिवर्तन के आरोपों के बीच हुई है, जिसमें हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों ने दावा किया था कि हजारों हिंदुओं को लालच और झूठे वादों के जरिए बहला-फुसलाकर ईसाई धर्म में परिवर्तित किया गया है। इस तरह के आरोपों का इस्तेमाल अक्सर भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को सही ठहराने के लिए किया जाता है।

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