ओडिशा के KIIT में नेपाल की एक अन्य छात्रा की मौत, 2 महीने पहले भी इसी तरह की घटना हुई

Written by sabrang india | Published on: May 2, 2025
हॉस्टल वार्डन ने रात करीब 8 बजे लड़की को उसके कमरे में मृत पाया और पुलिस को सूचना दी। वह इस संस्थान की प्रथम वर्ष की इंजीनियरिंग छात्रा थी और नेपाल के बीरगंज की रहने वाली थी।


फोटो साभार : द हिंदू

भुवनेश्वर के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में नेपाल की 20 वर्षीय छात्रा की आत्महत्या के करीब दो महीने के बाद गुरुवार को संस्थान के एक छात्रावास के कमरे में नेपाल की एक और छात्रा मृत पाई गई।

इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा, हॉस्टल वार्डन ने रात करीब 8 बजे लड़की को उसके कमरे में मृत पाया और पुलिस को जानकारी दी। वह संस्थान की प्रथम वर्ष की इंजीनियरिंग छात्रा थी और नेपाल के बीरगंज की रहने वाली थी।

भुवनेश्वर के पुलिस आयुक्त एस देवदत्त सिंह सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। जांच शुरू कर दी गई है।

अधिकारियों के अनुसार, शाम 7 बजे जब हाजिरी ली गई तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद वह कमरे में मृत पाई गई। कमिश्नर सिंह ने कहा कि पुलिस वैज्ञानिक टीम के साथ मौके पर पहुंची और कमरे की जांच की जा रही है।

कमिश्नर ने कहा, “हमने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। अगर हमें पता चलता है कि कोई इसमें शामिल है, तो हम सभी पहलुओं की जांच करेंगे। हॉस्टल के छात्रों से पूछताछ की जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि मृतका में कोई सिंपटम्स थे या उसने कुछ साझा किया था। हमने शव को बरामद कर लिया है और पोस्टमार्टम के लिए एम्स भेज दिया है।”

उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में नेपाल दूतावास को घटना के बारे में जानकारी दे दी गई है और उन्होंने माता-पिता से संपर्क किया है, जो शुक्रवार को भुवनेश्वर पहुंचेंगे।

माता-पिता के पहुंचने के बाद शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा।

KIIT अधिकारियों ने कहा कि पुलिस जांच कर रही है और संस्थान इस प्रक्रिया में सहयोग कर रहा है।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार परिसर में यह हादसा 20 वर्षीय नेपाली छात्रा की आत्महत्या के तीन महीने के बाद हुआ है। वह भी कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रही थी। उसके साथी ने कथित तौर पर ब्लैकमेल किया था। बाद में कुछ फैकल्टी सदस्यों द्वारा नेपाली छात्रों पर नस्लीय और अपमानजनक टिप्पणी करने के कारण यह बड़ा संकट बन गया।

आरोपी अदविक श्रीवास्तव तीसरे वर्ष का बीटेक छात्र था, जिसे बाद में भुवनेश्वर पुलिस ने शहर के हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया। वह कथित तौर पर भागने की कोशिश कर रहा था। जब विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने 1,000 से अधिक नेपाली छात्रों को परिसर छोड़ने का आदेश दिया था तब विश्वविद्यालय को इस मामले से निपटने की प्रक्रिया को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ा था। विदेश मंत्रालय ने बाद में हस्तक्षेप किया जिसके चलते विश्वविद्यालय ने माफी मांगी थी।

इस मामले की जांच करने वाले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने छात्र द्वारा आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करने वाली घटनाओं के लिए विश्वविद्यालय को जिम्मेदार ठहराया। एनएचआरसी ने कहा कि पीड़िता का यौन उत्पीड़न आरोपियों द्वारा किया गया था और उसके बाद विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय संबंध कार्यालय द्वारा की गई निष्क्रियता ने मृतक के समानता के अधिकार और सम्मान के साथ जीने के अधिकार का उल्लंघन किया और उसे आत्महत्या के लिए मजबूर किया।

ओडिशा सरकार ने 16 फरवरी की शाम और 17 फरवरी को केआईआईटी अधिकारियों द्वारा छात्रों के खिलाफ बल प्रयोग सहित दुर्व्यवहार की रिपोर्टों की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था, जिसने अभी तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है।

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