वृद्ध दलित महिला को सवर्ण जाति के लोगों ने थाने में पीटा, जान मारने की दी धमकी

Written by Karthik Navayan | Published on: July 26, 2017
70 वर्षीय वृद्ध महिला और उसकी बेटी को थाने में पुलिस अधिकारियों के सामने सवर्ण जाति के लोगों द्वारा पीटने का मामला सामने आया है। इस दौरान महिलाओं को जान से मारने की भी धमकी दी गई। सवर्ण जाति के लोगों ने दलित महिला से बेटी की मौत पर मुआवजा दिलवाने के लिए गलत तरीके से जमीन लिखवा लिया था। 

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रिपोर्ट के मुताबिक मग्गिदी बुचम्मा को एक रिश्तेदार द्वारा तीन गुंटा जमीन का टुकड़ा साल 2006 मिला। इसी साल अक्टूबर में बुचम्मा की बड़ी बेटी ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के तीन दिन के बाद उसी गांव के प्रमुख जाति के एक व्यक्ति बलथा रजमौली बुचम्मा के घर गया और कहा कि उसे बेटी की मौत पर मुआवजे मिलेंगे। इस पर बुचम्मा तैयार हो गई और रजमौली के साथ कार में बैठकर मनचेरियल शहर गई। वहां रजमौली ने बुचम्मा से कुछ कागज पर दस्तखत करने को कहा। बुचम्मा को उस वक्त पता नहीं चला कि वह जमीन बेचने वाले कागज पर हस्ताक्षर कर रही है। कुछ दिनों के बाद रजमौली ने बुचम्मा से कहा कि बेटी की मौत के मुआवजा के लिए चेक लेने के लिए जमीन के कागजातों को जमा करना है। इस पर बुचम्मा ने अपनी जमीन के कागजात रजमौली को दे दिया। इसके बाद न तो बुचम्मा को न तो कोई चेक मिला और न ही जमीन का वो कागज जो रजमौली ले गया था। स्थानीय प्रशासन से मिलकर रजमौली, कसम सथैया और दूसरे भू-माफिया ने बुचम्मा के पूरे जमीन को थोटा रजैया के नाम पर पहले लिखा लिया और बाद में जमीन को किसी दूसरे के हाथों बेच दिया। जब जमीन के मालिक बडे लिंगैया को इस घटना के बारे में पता चला तो उसने भू-माफियाओं के इस धोखाधड़ी को चुनौती दी। बुचम्मा के मुताबिक बडे लिंगैया जमीन की धोखाधड़ी को बर्दास्त नहीं कर सका और हर्ट अटैक से साल 2010 में उसकी मौत हो गई। इसके बाद बडे लिंगैया की पत्नी बडे राजू ने केस लड़ना शुरू किया और अधिकारियों से जमीन वापस दिलाने के लिए चक्कर लगाती रही। बडे राजू पुलिस अधिकारियों से मिली तो रेवेन्यू अधिकारियों ने कोई तवज्जो नहीं दिया। मनचेरियल डीएसपी ने नासपुर पुलिस से कहा कि वे इस मामले को देखे। 10 जुलाई 2017 को नासपुर पुलिस ने बुचम्मा को बुलाया और कहा कि उसने बडे लिंगैया के सारे जमीन को बेचने वाले कागजातों पर दस्तखत कर दिया है। जबिक उसे सिर्फ 3 गुंटा जमीन ही मिले ते। इसको जानकर वह चौंक गई और बुचम्मा अपनी बेटी के साथ बलथे रजमौली के घर 23 जुलाई 2017 को गई। बुचम्मा ने उससे कहा कि वह जमीन की कागजों के साथ क्या कर दिया है।     

इस पर तुरंत बलथे रजमौली और उसका बेटा और अल्लम रवि बुचम्मा और उसकी बेटी को मारने लगा और इस दौरान रजमौली ने बुचम्मा को जातिगत टिप्पणी की। 

दूसरे मामले में बलथे रजमौली ने बुचम्मा के पति के नाम के जमीन के टुकड़े को कब्जा कर अल्लम रवि को बेच दिया। जब बुचम्मा ने जिला अधिकारी कार्यालय में केस दर्ज कराई तो जिलाधिकारी ने जमीन वापस दिलाने का आदेश दे दिया। जिलाधिकारी कार्यालय से एक निरीक्षक उक्त जमीन पर गया और जमीन की पैमाइश कर चारो तरफ खंभे लगवा दिए। दूसरे दिन रात में अल्लम रवि और बलथे रजमौली ने इन खंभों को हटा दिया।
इस पर बुचम्मा सबइंस्पेक्टर और एसीपी से गुहार लगाई लेकिन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने से पुलिस ने मना कर दिया। यही नहीं जननारम पुलिस थाने में पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में बुचम्मा और मग्गिदी मनगा को आरोपियों ने जान से मारने की धमकी तक दी। पीड़ित मग्गिदी बुचम्मा और मग्गिदी मंगा 25 जुलाई 2017 को हैदराबाद पहुंची और तेलंगाना के गृह मंत्री नैनी नरसिम्हा रेड्डी से मुलाकात कर मामले में हस्तक्षेप करने के लिए गुहार लगाई।   

गृहमंत्री ने पुलिस अधिकारियों से मामले को सुलझाने को कहा। लेकिन आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त आरोपियों ने थाने में ही पीड़ितों को जान से मारने की धमकी दी धी। 

इस घटना के सामने आने के बाद जन्नारम अंबेडकर यूथ एसोसिएशन के नेता राजेश्वर ने मंचेरियल जिलाधिकारी और एसपी को शिकायत पत्र भेजा है। राजेश्वर ने लिखा कि सवर्ण जाति के कुछ व्यक्तियों द्वारा उस वक्त दो दलित महिलाओं को पीटा गया और जान से मारने की धमकी भी दी जब उसने अपने जमीन के कागजात की मांग की थी। स्थानीय पुलिस आरोपियों के साथ मिली हुई है और पीड़ितों पर केस करने की धमकी भी दी है। हम आपसे निवेदन करते हैं कि दोनों दलित महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराया जाए और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही दलित महिलाओं से धोखाधड़ी कर हासिल किए गए जमीन को वापस दिलाया जाए।

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