कृषि कानूनों के खिलाफ डटे हैं किसान, आंदोलन में अबतक 29 किसानों की मौत

Written by sabrang india | Published on: December 19, 2020
नए कृषि कानून के विरोध में देशभर के किसान राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। इस बीच कड़ाके की ठंड और केंद्र की बेरूखी की वजह से किसानों को मुसीबतों और मौत का सामना करना पड़ रहा है। बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की लगातार मौतें हो रही है।



नवभारत टाइम्स के मुताबिक अब तक 29 किसानों की मौत हो चुकी है। किसान नेताओं का कहना है कि सर्दी की वजह से कई ऐसे किसान हैं, जो बीमार पड़ रहे हैं और वो ठंड की वजह से मौत का दामन थाम रहे हैं। 29 मौत के आंकड़ों की पुष्टि किसान नेताओं ने की है। इसमें से दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर 4 लोगों की मौत हुई है।

एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक बीते बुधवार को भीम सिंह सिंघु बॉर्डर पर अंधेरे में खुले नाले में गिर गए थे। इसकी वजह से उनकी मौत हो गई। वो पटियाला के रहने वाले थे और उनकी उम्र 38 साल थी। एनबीटी से बातचीत में उनके साथ आए दिलबाग सिंह ने बताया है कि जब भीम सिंह सुबह सोकर उठे तो वो पेशाब करने के लिए नाले की ओर गए थे। उसी दौरान वो गिर गए। 

सिंघु बॉर्डर पर ही संत बाबा राम सिंह ने भी बुधवार को आत्महत्या कर ली थी। उनके सेवादारों ने बताया है कि वो किसानों की हालत देखकर काफी आहत थे। इसके बाद उन्होंने एक सुसाइड नोट लिखकर खुद को गोली मार ली। इसी तरह टीकरी बॉर्डर पर भी कई किसानों की मौत हो गई है।

किसान नेता महिपाल सिंह ने बताया है कि अभी तक 29 किसानों की मौत हुई है। 26 तारीख से जब किसान पंजाब, चंडीगढ़ से दिल्ली के लिए रवाना हुए तो रास्तों और यहां तक पहुंचने में उन्होंने अपनी शहादत दी है। इन शहादतों को हमेशा याद रखा जाएगा।

एनबीटी के मुताबिक संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से इन किसानों की लिस्ट जारी की गई है। इसमें बाबा राम सिंह, मक्खन खान, लाभ सिंह, कुलविंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरविंदर सिंह, अजय मोर, धन्ना सिंह, गज्जन सिंह, गुरजंट सिंह, कृष्ण लाल, किताब सिंह, लखविंदर सिंह, सुखजिंदर सिंह, मेवा सिंह, राममेहर, गुरबचन सिंह, गुरमेल कौर, बलविंदर सिंह, भाग सिंह बड़ोवाल, गुरुदेव सिंह, उत्तर सिंह, जय सिंह, जतिंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, भीम सिंह, जनक राज, कहन सिंह, रणधीर सिंह, हजूरा सिंह शामिल हैं, जिन्होंने किसान आंदोलन के दौरान अपनी जानें गंवाई है।

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