पीएम आवास योजना में DHFL ने किया 14000 करोड़ का घोटाला- CBI

Written by Sabrangindia Staff | Published on: March 26, 2021
नई दिल्ली। सीबीआई ने बुधवार को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) से जुड़े 14,000 करोड़ रुपये के घोटाले का भंडाफोड़ किया है। साथ ही इस मामले में आर्थिक संकट में घिरी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटरों कपिल वधावन और धीरज वधावन के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया। दोनों भाई इस समय धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में जेल में बंद हैं।



सीबीआई के मुताबिक, कपिल और धीरज ने 14,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के ‘फर्जी व काल्पनिक’ गृह ऋण मंजूर किए। साथ ही इसके लिए पीएमएवाई के तहत सरकार से 1,880 करोड़ रुपये की ब्याज सब्सिडी भी हासिल कर ली। सीबीआई का कहना है कि दिसंबर, 2018 में डीएचएफएल ने अपने निवेशकों को पीएमएवाई के तहत 88,651 गृह ऋण जारी करने और इनके बदले सरकार से 539.4 करोड़ रुपये की ब्याज सब्सिडी हासिल करने की जानकारी दी।

डीएचएफएल ने निवेशकों से 1347.8 करोड़ रुपये की सब्सिडी बकाया होने की बात कही। हालांकि फोरेंसिक ऑडिट के बाद खुलासा हुआ कि कपिल और धीरज ने 2.6 लाख फर्जी गृह ऋण खाते खोले थे। इनमें से ज्यादातर खाते पीएमएवाई के तहत खोले गए और उन पर नियमों के तहत ब्याज सब्सिडी का दावा किया गया। यह सारा घोटाला मुंबई के बांद्रा स्थित डीएचएफएल शाखा में किया गया।

सीबीआई के मुताबिक, बांद्रा शाखा में खोले गए खातों से साल 2007 से 2019 के बीच करीब 14,046 करोड़ रुपये का गृह ऋण मंजूर किया गया। इसमें से 11,755 करोड़ रुपये नकली कंपनियों से लेना दिखाया गया। माना जा रहा है कि ऐसा करते हुए वधावन भाइयों ने दूसरे घोटालों के जरिये जुटाई गई रकम की मनी लॉन्ड्रिंग की।

सीबीआई ने पिछले साल जून में यस बैंक से जुड़े घोटाले के मामले में वधावन बंधुओं के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इस आरोप पत्र में यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को भी आरोपी बनाया गया था। सीबीआई का आरोप है कि कपूर परिवार ने डीएचएफएल डिबेंचर्स में 3,700 करोड़ रुपये के निवेश के बदले वधावन बंधुओं से 600 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। यह रिश्वत अप्रैल से जून 2018 के बीच किए गए इस घोटाले के बदले में एक ऐसी कंपनी को कर्ज के रूप में दी गई थी, जिसका नियंत्रण राणा कपूर की पत्नी और बेटी के पास है। इस घोटाले में सीबीआई ने पिछले साल मार्च में राणा कपूर और अप्रैल में वधावन बंधुओं को गिरफ्तार किया था।

क्या है पीएमएवाई?
पीएमएवाई केंद्र सरकार की योजना है, जो अक्तूबर, 2015 में सभी को घर उपलब्ध कराने के लक्ष्य के तहत शुरू की गई थी। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों को गृह ऋण उपलब्ध कराए जाते है, जबकि कम व मध्यम आय वर्ग के लोगों को कर्ज से जुड़ी ब्याज सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। करीब 3 से 6.5 फीसदी तक की यह सब्सिडी सरकार से सीधे गृह ऋण देने वाले वित्तीय संस्थानों या बैंकों को दी जाती है, जिसे कर्जदार के मूल धन में से घटा दिया जाता है। 

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