पाकिस्तानी लड़की की अर्जी पर टली समझौता ब्लास्ट की सुनवाई

Written by sabrang india | Published on: March 11, 2019
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक विशेष अदालत ने फरवरी 2007 में समझौता एक्सप्रेस लिंक ट्रेन विस्फोट मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस धमाके में 68 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें से अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे। इस केस में एक पाकिस्तानी लड़की की तरफ से कोर्ट में याचिका लगाई गई है। इसके बाद इस मामले में ट्विस्ट आ गया है। याचिका में कहा गया है कि मामले पर फैसला सुनाने से पहले उसका पक्ष भी सुना जाए, क्योंकि उसके पिता भी समझौता ट्रेन में हुए धमाके के दौरान मारे गए थे। ऐसे में उसका पक्ष सुने बिना फैसला न सुनाया जाए। इसके बाद इस मामले की सुनवाई 14 मार्च मुकर्रर की गई है।

इस मामले में बहस पूरी हो चुकी है और कोर्ट ने अपना फैसला 11 मार्च यानी आज के लिए सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के लिए सोमवार को मामले के आरोपी असीमानंद, कमल चौहान, लोकेश शर्मा और राजिंदर चौधरी पंचकूला कोर्ट में पहुंचे थे। पिछले बुधवार को भी एनआईए कोर्ट में सुनवाई हुई थी और उस दौरान एनआईए कोर्ट में समझौता ब्लास्ट के मुख्य आरोपी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी कोर्ट के समक्ष पेश हुए थे।

पिछली सुनवाई में एनआईए की स्पेशल कोर्ट में बचाव पक्ष के वकीलों की ओर से दी गई दलीलों का अभियोजन पक्ष के वकीलों ने जवाब दिया था जिसके बाद बहस पूरी हो गई और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद उम्मीद थी कि अदालत 11 मार्च को अपना फैसला सुना सकती है।

क्या है मामला
भारत-पाकिस्तान के बीच सप्ताह में दो दिन चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 में बम धमाका हुआ था। इस ब्लास्ट में 68 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें 12 लोग घायल हो गए थे। ट्रेन दिल्ली से लाहौर जा रही थी। धमाके में जान गंवाने वालों में अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे। मारे जाने वाले 68 लोगों में 16 बच्चों समेत 4 रेलवेकर्मी भी थे।

यह ब्लास्ट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नजदीक हुआ था। इस धमाके के सभी आरोपियों के खिलाफ पंचकूला की स्पेशल एनआईए कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। मामले में 224 गवाहों के बयान अभियोजन पक्ष की ओर से दर्ज हुए थे। इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से कोई गवाह पेश नहीं हुआ है। इस केस में कुल 302 गवाह थे। इनमें 4 पाकिस्तानी नागरिक थे।

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