श्मशान घाटों पर जलती चिताएं मौत के फर्जी सरकारी आंकड़ों की पोल खोल रही हैं

Written by Sabrangindia Staff | Published on: April 16, 2021
नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर लगातार लोगों की जान ले रही है। मध्य प्रदेश के भोपाल के एक शवदाह गृह में कोरोना मृतकों के शवों का ढेर लगा है और यहां मौजूद एक कोरोना मृतक के परिजन ने एनडीटीवी को बताया कि उन्होंने आखिरी बार इसी तरह का दृश्य 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के समय देखा था। उन्होंने कहा, ‘मैंने बीते चार घंटों में यहां 30 से 40 शव देखे हैं।’ हालांकि, इस संकट की यह भयावहता मध्य प्रदेश के आधिकारिक आंकड़ों से मेल नहीं खाती।



एनडीटीवी की रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोना मृतकों के आधिकारिक आंकड़ों और कोरोना प्रोटोकॉल के तहत निश्चित श्मशानों में दाह संस्कार होने वाले शवों के आंकड़ों के बीच बहुत बड़ा अंतर है। भोपाल के भदभदा में 12 अप्रैल को 37 शवों का दाह संस्कार किया जाना था लेकिन मध्य प्रदेश के उस दिन के स्वास्थ्य बुलेटिन में पूरे राज्य में उस दिन सिर्फ 37 मौतों का जिक्र था।

ठीक इसी तरह आठ अप्रैल को 35 शवों का अकेले भोपाल में ही अंतिम संस्कार किया गया लेकिन स्वास्थ्य बुलेटिन में 27 मौतों का जिक्र था। वहीं, नौ अप्रैल को 35 शव थे लेकिन बुलेटिन में 23 मौतों का जिक्र किया गया था। हालांकि, राज्य सरकार ने किसी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है। राज्य के शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि हमें मौत के आंकड़ों में गड़बड़ी कर कोई अवॉर्ड नहीं मिलेगा।

हालांकि, मौतों की संख्या में अंतर साफ है। उदाहरण के लिए, 11 अप्रैल को भोपाल के शवदाह गृह में 68 शवों का अंतिम संस्कार किया गया जबकि इंदौर में पांच शवों का लेकिन राज्य के स्वास्थ्य बुलेटिन में मध्य प्रदेश में सिर्फ 24 मौतों का ही जिक्र था। पूर्व में मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में भी कोरोना की वजह से हुई मौतों के आंकड़ों में अंतर था। आमतौर पर ऐसा कुछ राजनीतिक दलों द्वारा यह दिखाने के प्रयास होता है कि उनके राज्य में हालात दूसरे राज्य से बेहतर है।

पिछले साल मार्च से सितंबर के बीच कोरोना के मामलों में बेतहाशा वृद्धि देखी गई थी। दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात में दाह संस्कार किए गए शवों और आधिकारिक आंकड़ों में भी इसी तरह की असमानता देखी गई थी। 

अहमदाबाद में नगर निगम के आंकड़ों में कहा गया है कि 27 नवंबर 2020 को कोरोना से 19 लोगों की मौत हुई है लेकिन स्थानीय पत्रकारों ने एक शवदाह गृह में पीड़ित परिवार से बात की तो उन्हें पता चला कि वे अंतिम संस्कार के लिए 36वें स्थान पर है और उन्हें कई शवदाह गृहों में शवों की भारी भीड़ होने की वजह से लौटना पड़ा।

दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु सहित कुछ राज्यों ने अपने यहां मौतों के आंकड़ों का पुनर्मिलान किया है। उदाहरण के लिए मुंबई में जून 2020 में 1,700 लोगों को ‘मिस्ड डेथ’ श्रेणी में रखा गया। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने हाल ही में पुणे प्रशासन को आंकड़ों का पुनर्मिलान करने को कहा है। दो फरवरी को पुणे में कोरोना के 4,971 सक्रिय मामले दर्ज हुए थे लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में यह संख्या 13,487 रही, जो मुंबई और ठाणे सभी ज्यादा थी।
 

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