इतिहास

October 7, 2022
तीन सौ रामायण के लेखक एके रामानुजन द्वारा द संग्रहीत निबंधों से निकाले गए अंशों और मई 2008 में कम्युनलिज्म कॉम्बैट में प्रकाशित (वर्ष 14, संख्या 131) ने वास्तव में युगों के माध्यम से महाकाव्य की शानदार और विविध यात्रा को बताया।   अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर के प्रधान पुजारी, जिन्हें भारी राजनीतिक समर्थन प्राप्त है, ने बॉलीवुड द्वारा जारी नवीनतम फिल्मों में से एक फिल्म '...
September 30, 2022
यह लेख भगत सिंह ने जेल में रहते हुए लिखा था और यह 27 सितम्बर 1931 को लाहौर के अखबार “ द पीपल “ में प्रकाशित हुआ । इस लेख में भगतसिंह ने ईश्वर कि उपस्थिति पर अनेक तर्कपूर्ण सवाल खड़े किये हैं और इस संसार के निर्माण , मनुष्य के जन्म , मनुष्य के मन में ईश्वर की कल्पना के साथ साथ संसार में मनुष्य की दीनता, उसके शोषण , दुनिया में व्याप्त अराजकता और और वर्गभेद की स्थितियों का भी विश्लेषण...
September 27, 2022
सरदार भगत सिंह का नाम जेहन में आते ही एक ऐसे जोशीले नौजवान का चेहरा उभरता है, जो अकेले अपने दम पर हिंदुस्तान की धरती को गोरी हुकूमत से मुक्त कराने का हौसला और जज्बा रखता था। वही भगत सिंह जिसने असेंबली में बम फेंका था और हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया था। अगर आप यही जानते हैं तो आप भगत सिंह को नहीं जानते। भगत सिंह सिर्फ क्रांतिकारी ही नहीं बल्कि प्रखर पत्रकार भी थे। उन्होंने सांप्रदायिकता...
August 15, 2022
1946 में स्वतंत्रता की खातिर अंतिम जंग, रॉयल इंडियन नेवी म्युटिनी द्वारा लड़ी गई थी, उस आईएनए से प्रेरित युवा रॉयल इंडियन नेवी के नौसैनिकों के ऐतिहासिक विद्रोह की घटना को प्रमोद कपूर एक बार फिर से वर्णित कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि फरवरी 1946 के नौसैनिक विद्रोह को रॉयल इंडियन नेवी (आरआईएन) के भीतर उनके साथ किये जा रहे दुर्व्यवहार ने हवा दी थी, लेकिन इसके साथ ही वे इंडियन नेशनल आर्मी (...
August 15, 2022
अगस्त १५, २०१७ मुसलमान तो सिर्फ बहाना है, असली निशाना बाबासाहेब ने दिया हुआ संविधान है   First published on August 15, 2017
July 19, 2022
संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत प्रकाशित होने वाली मैगजीन ‘अंतिम जन’ को इस बार विनायक दामोदर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) को समर्पित किया गया है. अंतिम जन को संस्कृति मंत्रालय के अधीन काम करने वाली गांधी स्मृति और दर्शन स्मृति (GSDS) प्रकाशित करते हैं. जिसके चेयरपर्सन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. इस मैगजीन में सावरकर की तुलना महात्मा गांधी से भी की गई है. इसमें कहा गया है...
June 17, 2022
बलराज मधोक (1920-2016) की 1963 में छपी आत्मकथा, ज़िंदगी का सफ़र-3-दीनदयाल उपाध्याय कि हत्या से इंदिरा गांधी की हत्या तक, हर उस इंसान को पढ़ना ज़रूरी है जो आरएसएस के राष्ट्र-समाज-इंसानियतविरोधी चरित्र को समझना चाहता है। आरएसएस का यह दावा रहता है कि वे हिंदु धर्म/हिंदुओं के पुनर्जागरण और पुनरुत्थान के लिये 1925 में अस्तित्व में आया। इसके अनुसार, आरएसएस हिंदुओं के लिये एक ऐसा अनोखा इकलौता आदर्श...
June 11, 2022
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम-1857 में यदि किसी एक व्यक्ति की सबसे उल्लेखनीय भूमिका रही तो वह मौलवी अहमदुल्ला शाह हैं। डंका शाह / नक्कार शाह / मौलवी अहमदउल्लाह। ये अलग अलग व्यक्ति नहीं बल्कि एक ही थे जो 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक के तौर पर पहचाने जाते हैं। मिज़ाज से फकीर मौलवी अहमदउल्लाह शाह को अवध के हीरो के तौर पर भी पहचाना जाता है।   शाह को एक ऐसे रहस्यमयी लीडर के रूप में...
June 2, 2022
गत 30 मई को नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बतौर आठ साल पूरे कर लिए। इस मौके पर सरकार के कार्यों और सफलताओं के बारे में कई दावे किए जा रहे हैं। अमित शाह से शुरू कर अनेक नेताओं ने सरकार के पिछले आठ सालों को उपलब्धियों से भरपूर बताया है। अन्यों ने उज्जवला, जनधन, आवास आदि योजनाओं को अनुकरणीय बताया है। स्मृति ईरानी ने कहा है कि नई सरकार ने महिलाओं को आगे आकर कामकाज संभालने के लिए न केवल प्रेरित किया है...
May 24, 2022
महंत राजेंद्र तिवारी और महंत गणेश शंकर का कहना है कि उन्होंने वजू स्थल को बचपन से देखा है और इसमें मौजूद पत्थर की संरचना को "शिवलिंग" नहीं कहा जा सकता है। Image courtesy: Lallantop   काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत राजेंद्र तिवारी ने ज्ञानवापी मस्जिद के वज़ू खाना में "शिवलिंग" पाए जाने के दक्षिणपंथी आख्यान को ध्वस्त कर दिया है। तिवारी ने दावा किया कि यह संरचना वास्तव...