इतिहास
May 10, 2017
नई दिल्ली। आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर देश दुनिया के तमाम लोग एक दूसरे को बुद्ध पूर्णिमा की बधाई दें रहे है। लेकिन क्या आप जानते है कि बुद्ध के इतिहास को बहुत तोड़ा-मरोड़ा गया है। आज हम आपको भाषाविशेषज्ञ और इतिहासकार राजेन्द्र प्रसाद सिंह के लेखों के माध्यम से बुद्ध के असली इतिहास के बारे में जानकारी देंगे। इतनी तार्किक जानकारी आपको और कही नहीं मिलेगी....
तो पढ़िए बुद्ध उन तथ्यों के बारे...
April 25, 2017
नई दिल्ली। बाबरी विध्वंस मामले के मुख्य आरोपी पवन पांडे ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि बाबरी ढांचे को योजनाबद्ध तरीके से गिराया गया और कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही इसकी तैयारी शुरु हो गई थी। गौरतलब है कि केस में बीजेपी के सीनियर नेता लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती समेत 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट आदेश दे चुकी है। पांडे के बयाने के बाद यह बहस और तेज हो गई है।...
April 22, 2017
इस लेख का शीर्षक दो मसलों को जोड़कर बनाया गया है। लेनिन के आदर्शों पर भगत सिंह के भरोसे और ख़ुद को फाँसी नहीं गोली से उड़ाने की लिखित अपील।
भगत सिंह, सुखदेवा और राजगुरु की फाँसी के लिए 24 मार्च की सुबह का समय तय किया गया था, लेकिन देश में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए उन्हें एक दिन पहले यानी 23 मार्च 1931 की शाम को ही लाहौर जेल में फाँसी दे दी गई। तीनों शहीदों ने ज़ोर-शोर से इन्क़लाब ज़िंदाबाद...
April 21, 2017
* झूठ 1- 1378 मेँ भारत से एक हिस्सा अलग हुआ, इस्लामिक राष्ट्र बना
■ सच - क़सम से ऐसा झूठ तो अदालत के जरखरीद गवाह भी नहीं बोलते। ईसा पूर्व 550 ईसवी में वहां Achaemenid साम्राज्य था। शासक था साइरस। 330 ईसा पूर्व में उसे सिकन्दर ने जीत लिया। 633 ईसवी से अरबों का आधिपत्य था। इस्लाम से पहले वहां हिंदुत्व नहीं पारसी और स्थनीय Manichaeism धर्म का प्रभाव था। 1502 में सफावी वंश का शासन आ गया। 1378 में...
April 20, 2017
आनंद पटवर्धन की ऐतिहासिक डाक्यूमेंट्री "राम के नाम " के कुछ हिस्से
April 20, 2017
क्या दलितों और मुस्लिमों के बीच एकता संभव है? इस सवाल के जवाब के सूत्र 1850 के उस दौर में तलाशे जा सकते हैं, जब ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले ने फातिमा शेख के साथ मिल कर पिछड़ों, दलितों और वंचितों के लिए तालीम की रोशनी फैलाने का जिम्मा उठाया था।
पिछले कुछ सालों से कई राजनीतिक मंचों, पार्टियों और फोरम में मुसलमानों और दलितों की एकता को लेकर प्रयोग चल रहे हैं। हिन्दुस्तान में...
April 12, 2017
आधुनिक भारत के इतिहास की तारीख़ में अप्रैल 1917 का भारी महत्व है. सौ साल पहले इसी महीने मोहनदास करमचंद गाँधी ने बिहार के चंपारण में जाकर सत्याग्रह की शुरुआत की थी. भारत की धरती पर अपने पहले अहिंसक सत्याग्रह के बारे में उन्होंने लिखा है- ‘मैंने वहाँ ईश्वर का, अहिंसा का और सत्य का साक्षात्कार किया.’ भले ही गाँधी के लिए चंपारण अनजाना था, बिहार की जनता, चंपारण के लोक के लिए वे अपरिचित...
April 11, 2017
आदाब,
आज मुंबई की मुग़ल मस्जिद में आयोजित यौम-ए-अली (13 रजब, हज़रत अली के जन्मदिन) पर मुझे दो शब्द कहने का अवसर देने के लिए शुक्रिया.
मैं न ही धर्म का जानकार हूँ, न ही मेरी इल्म इतनी है कि मैं बाब-ए-इल्म (इल्म के द्वार)1 के बारे में कुछ कह सकूं.
मैं इक्कीसवीं सदी का आम भारतीय नागरिक हूँ, जिसकी लगभग वही समस्याएं हैं जो किसी अन्य भारतीय की हैं. रोटी, रोज़ी, कपड़ा, मकान, बच्चों की पढ़ाई,...
April 8, 2017
यह स्टोरी सबरंगइंडिया को व्हाट्सअप पर इसके एक पाठक ने भेजी है।
सत्ता में बैठे कुछ अज्ञानी कट्टरपंथियों को अखंड भारत के मिथक और उत्तर के वर्चस्व के आगे झुकने से मना करने मलयालियों को निशाना बनाने से पहले कुछ चीजों को समझ लेना चाहिए।
सबसे पहले तो यह जान लें कि केरल के हिंदू गाय को माता के रूप में नहीं पूजते हैं। हां हमारे यहां स्टार के मंदिरों की तरह ही शिव मंदिरों में नंदी की मूर्ति जरूर...
April 6, 2017
‘‘हम मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं रखते लेकिन प्रतीकात्मक तौर पर इसके महत्व को कम करके नहीं देखा जा सकता। हम अपने प्यारे, हीरो या गुरु की फोटो या प्रतिमा को अपने घरों में सजाते हैं, ये तस्वीरें या मूर्तिया हमारे अंदर प्रेरणा और उत्साह पैदा करती हैं। अगर मूर्तियों की कोई महत्वता न होती तो रूस में समाजवाद चले जाने के बाद व पूंजीवादी व्यवस्था के कायम होने पर महान् समाजवादी नेता लेनिन के...