आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने से सीजेआई गवई की मां ने किया इंकार, जताई आंबेडकरवाद के प्रति प्रतिबद्धता

Written by sabrang india | Published on: October 1, 2025
आरएसएस द्वारा विजयादशमी और संगठन के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की मां को आमंत्रित किए जाने की खबर सामने आने के बाद, कमलताई ने कथित तौर पर एक बयान जारी कर कहा कि वह एक ‘कट्टर आंबेडकरवादी’ हैं और इस कारण इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी।



राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा विजयादशमी और संगठन के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की मां को आमंत्रित किए जाने की खबर सामने आने के एक दिन बाद, उन्होंने कथित रूप से एक बयान जारी कर यह निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है।

द वायर के अनुसार, कथित तौर पर कमलताई गवई द्वारा लिखित एक पत्र में उन्होंने कहा है कि वह एक ‘कट्टर आंबेडकरवादी’ हैं और इसी कारण से वह आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी।

कई न्यूज चैनलों ने पहले रिपोर्ट किया था कि कमलताई गवई आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होंगी। हालांकि, लिखे गए अपने पत्र में कथित तौर पर कमलताई ने इन दावों को 'पूरी तरह से झूठा' बताते हुए खारिज कर दिया और इसे आरएसएस द्वारा फैलाई गई एक 'साजिश' करार दिया।

‘द वायर’ ने लिखा कि वह स्वतंत्र रूप से इस पत्र की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर पाया है कि क्या यह वास्तव में कमलताई गवई द्वारा ही जारी किया गया है। संगठन ने कमलताई से संपर्क करने के लिए कई बार फोन किया, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

कमलताई गवई को महाराष्ट्र में आरएसएस की अमरावती महानगर इकाई द्वारा 5 अक्टूबर को अमरावती के किरण नगर स्थित श्रीमती नरसम्मा महाविद्यालय मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।

इससे पहले, भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई के छोटे भाई राजेंद्र गवई - जो एक राजनेता और चिकित्सक हैं - ने एएनआई से बातचीत में कहा था कि उनकी मां कमलताई गवई कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सहमत हो गई थीं। उन्होंने अपने साक्षात्कार में इस कथित निर्णय का बचाव करते हुए कहा था कि "व्यक्तिगत संबंधों को राजनीतिक विचारधाराओं से भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए।"

राजेंद्र गवई ने कहा, "मेरे पिता, आर.एस. गवई, सभी दलों के नेताओं के करीबी थे। वह इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी दोनों के निकट थे और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया करते थे। लेकिन इसका यह अर्थ बिल्कुल नहीं है कि उन्होंने कभी अपने राजनीतिक विचारों से समझौता किया।"

उन्होंने आगे बताया कि जिस कार्यक्रम में उनकी मां कमलताई को आमंत्रित किया गया था, वह ‘मुख्य कार्यक्रम’ नहीं है और यह 2 अक्टूबर को होने वाला है। राजेंद्र ने दावा किया, ‘मेरे पिता ने भी पहले इस निमंत्रण को स्वीकार किया था और कार्यक्रम में शामिल हुए थे। मेरी मां ने भी इसी कारण से इसे स्वीकार करने का फैसला किया।’

उल्लेखनीय है कि पूर्व राज्यसभा सदस्य आर.एस. गवई, बिहार और केरल के राज्यपाल रह चुके हैं। आंबेडकरवादी आंदोलन के एक वरिष्ठ नेता के रूप में वे रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) से जुड़े रहे और बाद में उन्होंने पार्टी से अलग होकर अपना गुट - आरपीआई (गवई) - स्थापित किया था।

मंगलवार 29 सितंबर को राजेंद्र गवई के प्रेस बयान जारी होने के कुछ ही घंटों के भीतर कमलताई का पत्र मीडिया में वायरल हो गया।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राजेंद्र गवई ने द वायर से कहा, "मैं अपनी मां का समर्थन करता हूं। यदि वह इस कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला करती हैं, तो भी मैं उनके साथ हूं और अगर उन्होंने शामिल न होने का निर्णय लिया है, तब भी मैं उनका समर्थन करता हूं।"

हालांकि द वायर ने लिखा कि कमलताई ने उसके कॉल और मैसेज का जवाब नहीं दिया लेकिन राजेंद्र गवई ने दावा किया, ‘मेरी मां उदास हैं। वह किसी का भी फोन नहीं उठा रही हैं, मेरा भी नहीं। मैं पुष्टि नहीं कर सकता कि मीडिया में प्रसारित हो रहा पत्र वास्तव में उनका ही है। लेकिन अगर यह उनका पत्र है, तो मैं उनके साथ हूं।’

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