"सावरदट्टी तालुका के श्री राम सेना (हिंदू दक्षिणपंथी संगठन) अध्यक्ष सागर पाटिल मुस्लिम प्रधानाध्यापक पर गंभीर आरोप लगवाकर उनका तबादला करवाना चाहता था।

साभार : द टेलिग्राफ
कर्नाटक के बेलगावी जिले में एक सरकारी स्कूल की पानी की टंकी में जहर मिलाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक हिंदू दक्षिणपंथी संगठन का नेता भी शामिल है। पुलिस के अनुसार, यह साजिश स्कूल के मुस्लिम प्रधानाध्यापक को हटाने के इरादे से रची गई थी।
हिंदुस्तान टाइम्स ने पीटीआई इनपुट के साथ लिखा, बेलगावी के हुल्लीकट्टी गांव के कन्नड़-माध्यम सरकारी स्कूल में 20 जुलाई को करीब 11 छात्र बीमार पड़ गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। जांच के दौरान पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्कूल की पानी की टंकी में कीटनाशक मिलाया गया था, जिससे यह घटना हुई।
1 अगस्त को पुलिस ने तीन आरोपियों सागर पाटिल, कृष्णा मडार और मंगनगौड़ा पाटिल को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने स्कूल के मुस्लिम प्रधानाध्यापक का तबादला करवाने के इरादे से स्कूल की पीने की पानी की टंकी में जहर मिलाया था।
बेलगावी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) भीमाशंकर गुलेद ने शनिवार को बताया, “श्री राम सेना (हिंदू दक्षिणपंथी संगठन) से जुड़ा सावदत्ती तालुका अध्यक्ष सागर पाटिल मुस्लिम प्रधानाध्यापक पर गंभीर आरोप लगवाकर उनका तबादला करवाना चाहता था। इस योजना को अंजाम देने के लिए उसने कृष्णा मडार को ब्लैकमेल किया. मडार की एक अन्य समुदाय की महिला से संबंधों को लेकर उसे डराया गया, और इसी दबाव में उसने मदद की।”
एसपी गुलेद ने बताया, “आरोपियों ने 18 जुलाई को मुनवाली गांव की एक दुकान से कीटनाशक खरीदा था। योजना को अंजाम देने के लिए उन्होंने सागर पाटिल के एक रिश्तेदार छात्र को इसमें शामिल किया और उसे 500 रूपये और नाश्ते का लालच देकर स्कूल की पानी की टंकी में कीटनाशक मिलाने को कहा।”
एसपी गुलेद ने बताया, “छात्र को यह पता न चले कि बोतल में क्या है, इसलिए कीटनाशक को एक प्लास्टिक की सॉफ्ट ड्रिंक की बोतल में डालकर दिया गया। छात्र ने पानी की टंकी में मिलाने के बाद वह बोतल पास में फेंक दी।” उन्होंने आगे कहा कि यही बोतल इस पूरे मामले का अहम सबूत बनी, जिससे पुलिस को साजिश का पर्दाफाश करने में मदद मिली।
पुलिस ने उस दुकानदार का पता लगाया जिससे कीटनाशक खरीदा गया था। एसपी गुलेद ने बताया, “दुकानदार के बयान के आधार पर तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के दौरान उन्होंने साजिश कबूल की, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।”
आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 123 (जहर के जरिए घायल करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रविवार को इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे “सांप्रदायिक नफरत से प्रेरित घिनौना कृत्य” करार दिया।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कन्नड़ में एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखे एक पोस्ट में कहा, "धार्मिक कट्टरता और सांप्रदायिक घृणा ऐसे जघन्य अपराधों को जन्म दे सकती है, और यह घटना -जो मासूम बच्चों की सामूहिक हत्या में बदल सकती थी - इसका जीता-जागता उदाहरण है।"
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साभार : द टेलिग्राफ
कर्नाटक के बेलगावी जिले में एक सरकारी स्कूल की पानी की टंकी में जहर मिलाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक हिंदू दक्षिणपंथी संगठन का नेता भी शामिल है। पुलिस के अनुसार, यह साजिश स्कूल के मुस्लिम प्रधानाध्यापक को हटाने के इरादे से रची गई थी।
हिंदुस्तान टाइम्स ने पीटीआई इनपुट के साथ लिखा, बेलगावी के हुल्लीकट्टी गांव के कन्नड़-माध्यम सरकारी स्कूल में 20 जुलाई को करीब 11 छात्र बीमार पड़ गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। जांच के दौरान पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्कूल की पानी की टंकी में कीटनाशक मिलाया गया था, जिससे यह घटना हुई।
1 अगस्त को पुलिस ने तीन आरोपियों सागर पाटिल, कृष्णा मडार और मंगनगौड़ा पाटिल को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने स्कूल के मुस्लिम प्रधानाध्यापक का तबादला करवाने के इरादे से स्कूल की पीने की पानी की टंकी में जहर मिलाया था।
बेलगावी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) भीमाशंकर गुलेद ने शनिवार को बताया, “श्री राम सेना (हिंदू दक्षिणपंथी संगठन) से जुड़ा सावदत्ती तालुका अध्यक्ष सागर पाटिल मुस्लिम प्रधानाध्यापक पर गंभीर आरोप लगवाकर उनका तबादला करवाना चाहता था। इस योजना को अंजाम देने के लिए उसने कृष्णा मडार को ब्लैकमेल किया. मडार की एक अन्य समुदाय की महिला से संबंधों को लेकर उसे डराया गया, और इसी दबाव में उसने मदद की।”
एसपी गुलेद ने बताया, “आरोपियों ने 18 जुलाई को मुनवाली गांव की एक दुकान से कीटनाशक खरीदा था। योजना को अंजाम देने के लिए उन्होंने सागर पाटिल के एक रिश्तेदार छात्र को इसमें शामिल किया और उसे 500 रूपये और नाश्ते का लालच देकर स्कूल की पानी की टंकी में कीटनाशक मिलाने को कहा।”
एसपी गुलेद ने बताया, “छात्र को यह पता न चले कि बोतल में क्या है, इसलिए कीटनाशक को एक प्लास्टिक की सॉफ्ट ड्रिंक की बोतल में डालकर दिया गया। छात्र ने पानी की टंकी में मिलाने के बाद वह बोतल पास में फेंक दी।” उन्होंने आगे कहा कि यही बोतल इस पूरे मामले का अहम सबूत बनी, जिससे पुलिस को साजिश का पर्दाफाश करने में मदद मिली।
पुलिस ने उस दुकानदार का पता लगाया जिससे कीटनाशक खरीदा गया था। एसपी गुलेद ने बताया, “दुकानदार के बयान के आधार पर तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के दौरान उन्होंने साजिश कबूल की, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।”
आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 123 (जहर के जरिए घायल करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रविवार को इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे “सांप्रदायिक नफरत से प्रेरित घिनौना कृत्य” करार दिया।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कन्नड़ में एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखे एक पोस्ट में कहा, "धार्मिक कट्टरता और सांप्रदायिक घृणा ऐसे जघन्य अपराधों को जन्म दे सकती है, और यह घटना -जो मासूम बच्चों की सामूहिक हत्या में बदल सकती थी - इसका जीता-जागता उदाहरण है।"
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