‘चुनाव आयोग वोट चोरी में शामिल’: राहुल गांधी ने फिर दोहराया आरोप, बिहार चुनाव से पहले किया ‘परमाणु बम’ जारी करने का दावा, साथ ही कहा ‘आपको बख्शा नहीं जाएगा’

Written by sabrang india | Published on: August 2, 2025
राहुल गांधी ने 1 अगस्त को लोकसभा के बाहर बोलते हुए फिर से आरोप लगाया कि चुनाव आयोग वोट चोरी में शामिल है। उन्होंने दावा किया कि एक स्वतंत्र जांच में हालिया चुनावों से जुड़ी भारी अनियमितताओं का पता चला है। यह विपक्ष के नेता का जून 2025 में और उससे पहले शुरू हुआ लगातार जारी विरोध का हिस्सा है।



बिहार में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) प्रक्रिया के संचालन को लेकर उठ रही विवादों के बीच लोकसभा में विपक्ष के नेता और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष द्वारा कराई गई एक स्वतंत्र जांच में यह सामने आया है कि निर्वाचन आयोग (ECI) की भूमिका एक बड़े पैमाने में कथित तौर पर “वोट चोरी” (vote theft) में रही है, जिसका उद्देश्य सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) को लाभ पहुंचाना है।

1 अगस्त को संसद भवन के बाहर मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "हमारे पास पक्के सबूत हैं कि चुनाव आयोग वोट चोरी में शामिल है। सबसे जरूरी बात ये है कि चुनाव आयोग में ऊपर से लेकर नीचे तक जो भी लोग इस काम में शामिल हैं हम किसी को नहीं छोड़ेंगे।" बिना किसी व्यक्ति का नाम लिए उन्होंने चुनाव आयोग के भीतर शामिल लोगों को कड़ी चेतावनी दी और कहा,
"आप देश के खिलाफ काम कर रहे हैं और ये देशद्रोह से कम नहीं है। आप चाहे जहां भी हों, चाहे रिटायर ही क्यों न हो गए हों हम आपको ढूंढ निकालेंगे।"

विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी के बयान का वीडियो यहां देखा जा सकता है।



राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए चौंकाने वाले आरोप

संसद में बिहार SIR के खिलाफ INDIA गठबंधन द्वारा जारी भारी विरोध के बीच राहुल गांधी ने दावा किया कि विपक्ष ने हालिया चुनाव परिणामों के बाद एक स्वतंत्र जांच करवाई, जिसमें ऐसा सबूत मिला है जो चुनाव आयोग की मतदाता चोरी में संलिप्तता को उजागर करेगा।"

राहुल गांधी ने कहा, "मध्य प्रदेश और लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद हमें शक हुआ। यह शक तब और गहरा हो गया जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव हुए खासकर तब, जब हमने देखा कि अंतिम मतदाता सूची में अचानक 1 करोड़ नए मतदाता जोड़ दिए गए हैं। तभी हमें एहसास हुआ कि चुनाव आयोग कोई कार्रवाई नहीं करेगा। इसलिए हमने खुद अपनी छह महीने लंबी जांच शुरू की। और जो हमने सामने लाया है, वह किसी परमाणु बम से कम नहीं है। जब यह फटेगा, तब चुनाव आयोग के पास छिपने की कोई जगह नहीं बचेगी।"

राहुल गांधी का लगातार विरोध, जून 2025 और उससे पहले

इस साल की शुरुआत में 7/8 जून और फिर 26 जून, 2025 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कथित “चुनावी धांधली” को लेकर चुनाव आयोग पर अपनी आरोप-प्रत्यारोपों को और तेज कर दिया था। उन्होंने आयोग की इस मामले में चुप्पी पर सवाल उठाए, जबकि चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा था कि उन्होंने गांधी को मतदान से संबंधित सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए बैठक का निमंत्रण भेजा था, लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिला। 7 जून को एक ओप-एड लेख में, गांधी ने आरोप लगाया था कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों के बीच मतदाताओं की संख्या में 31 लाख की वृद्धि हुई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों के बीच के पांच महीनों में मतदाताओं की संख्या में 41 लाख की बढ़ी, और इसे उन्होंने फर्जी मतदाता बताया था।

इसके बाद, 26 जून को लोकसभा में विपक्ष के नेता ने इंडिपेंडेंट न्यूज पोर्टल न्यूजलॉन्ड्री की एक जांच का हवाला देते हुए वेबसाइट के लेख के आधार पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि पर जरूरी जांच की कमी को लेकर सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक नया पोस्ट साझा किया।

गांधी ने लिखा, “महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के अपने निर्वाचन क्षेत्र में केवल 5 महीनों में मतदाता सूची में 8% की वृद्धि हुई है। कुछ बूथों पर 20 से 50% तक बढ़ोतरी देखी गई है। बूथ स्तर के अधिकारियों (BLOs) ने अज्ञात व्यक्तियों को वोट डालते हुए रिपोर्ट किया है। मीडिया ने हजारों ऐसे मतदाताओं का पता लगाया है जिनके पते सत्यापित नहीं हैं। और चुनाव आयोग चुप्पी साधे हुए है या फिर सहभागी है। ये कोई मामूली गड़बड़ी नहीं है। यह वोट चोरी है। इसे छिपाने से ही सच्चाई सामने आ जाती है। इसलिए हम मशीन-रीजेबल डिजिटल वोटर रॉल्स और सीसीटीवी फुटेज तुरंत जारी करने की मांग करते हैं।”



राहुल गांधी लगातार सार्वजनिक मंचों पर चुनाव आयोग द्वारा मतदाता हेरफेर के मुद्दे को उठा रहे हैं।



चुनाव आयोग ने प्रतिक्रिया दी थी। गांधी को 12 जून को भेजे गए अपने पत्र "आयोग के साथ बातचीत के लिए निमंत्रण" में आयोग ने कहा, "हम मानते हैं कि चुनावों के संचालन से संबंधित कोई भी मुद्दा पहले ही INC प्रत्याशियों द्वारा सक्षम न्यायालय में दायर चुनाव याचिकाओं के माध्यम से उठाया गया होगा। हालांकि, यदि आपके पास अभी भी कोई समस्या है, तो आप हमें लिख सकते हैं और आयोग भी आपसे व्यक्तिगत रूप से किसी सुविधाजनक तारीख और समय पर मिलने के लिए तैयार है ताकि सभी मुद्दों पर चर्चा की जा सके। कृपया इस संदर्भ में सुविधाजनक तारीख और समय बताएं।"

2-25 अगस्त, राहुल गांधी की नयी "चेतावनी"

शुक्रवार, 1 अगस्त को अपने दावों के बाद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी और कहा कि चाहे जो सेवानिवृत्त हो चुके हों, उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा। गांधी ने कहा, “सबसे अहम बात यह है कि चुनाव आयोग में जो भी इस काले खेल में शामिल है, ऊपर से नीचे तक, हम किसी को नहीं बख्शेंगे। आप भारत के खिलाफ काम कर रहे हैं और यह गद्दारी से कम नहीं है। आप जहां कहीं भी हैं, चाहे सेवानिवृत्त ही क्यों न हो, हम आपको ढूंढ निकालेंगे।”

चुनाव आयोग ने भी इन आरोपों का जवाब दिया है।



बिहार SIR को लेकर विवाद

INDIA ब्लॉक के संसद सदस्यों ने शुक्रवार को संसद में मकर द्वार के सामने विरोध प्रदर्शन की घोषणा की, जिसमें बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) पर दोनों सदनों में चर्चा की मांग की गई। इस मांग को लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को एक संयुक्त पत्र भी सौंपा गया। कल, गुरुवार, 31 जुलाई को, INDIA ब्लॉक की पार्टियों ने अपनी बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि वे संसद के अंदर और बाहर चल रहे SIR के खिलाफ अपने विरोध प्रदर्शन को और तेज करेंगे। संसद के अंदर दृढ़ संकल्प विपक्ष के दबाव से घबराई सत्ताधारी पार्टी ने कुछ सांसदों के लोकसभा के वेल में घुसने को रोकने के लिए सशस्त्र अर्धसैनिक बलों का इस्तेमाल किया।





चुनाव आयोग के बिहार की प्रारूप मतदाता सूची शुक्रवार को प्रकाशित करने के साथ ही INDIA ब्लॉक का विरोध प्रदर्शन भी शुरू हुआ।

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