गणेश वाल्मीकि की संदिग्ध मौत से दलित समुदाय में बेहद नाराजगी है। परिवार ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया। राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं ने इस घटना को लेकर संवेदना व्यक्त की।

प्रतीकात्मक तस्वीर ; साभार : एक्सप्रेस
हरियाणा के हिसार में 10 दिनों तक शव लेने से इनकार करने और न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे परिवार ने शुक्रवार को अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस की कार्रवाई के दौरान 16 वर्षीय दलित छात्र गणेश वाल्मीकि की संदिग्ध मौत को लेकर गतिरोध बना हुआ था।
ये मुद्दा गुरुवार को राष्ट्रीय स्तर पर तब सामने आया जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसको लेकर बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, गणेश कुमार की मौत के बाद से उनके परिजन 7 जुलाई से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और पुलिस पर उनकी हत्या का आरोप लगा रहे थे। परिजन आरोप लगा रहे हैं कि गणेश की मौत पुलिस द्वारा उसे छत से धक्का देने के कारण हुई।
प्रदेश की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि गणेश कुमार के परिवार ने राज्य सरकार द्वारा उनकी पांच मांगों को स्वीकार किए जाने के बाद विरोध समाप्त करने और शव का अंतिम संस्कार करने पर सहमति जताई।
मंत्री ने कहा, “हमारी सरकार ने गणेश की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज करने की उनकी मांग स्वीकार की है और जांच किसी भी स्वतंत्र एजेंसी से करवाई जाएगी, जिसे पीड़ित का परिवार चाहेगा। परिवार की दूसरी मांग - डॉक्टरों की एक टीम द्वारा पोस्टमॉर्टम- को भी मान लिया गया है और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवाई गई है। सरकार ने उनके एक परिजन को सरकारी नौकरी देने पर भी सहमति जताई है।”
बेदी ने बताया कि उन्होंने गुरुवार रात पीड़ित के पिता विक्रम और अन्य परिजनों की मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात करवाई, जिसके बाद परिवार ने विरोध खत्म करने पर सहमति जताई।
ज्ञात हो कि राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “जब सत्ता मनुवादी सोच की गोद में बैठती है, तो दलितों की जान की कोई कीमत नहीं बचती! हरियाणा के हिसार में दलित युवक गणेश वाल्मीकि की हत्या और उसके परिवार के साथ हुई बर्बरता सिर्फ एक अपराध नहीं है - यह BJP-RSS की मनुवादी सिस्टम का वो घिनौना चेहरा है जो आज भारत में बहुजनों के जीवन को सस्ता समझता है, जो उन्हें समानता और सम्मान का हकदार नहीं मानता...”
इसके बाद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने भी हिसार पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की। इससे एक दिन पहले पार्टी की वरिष्ठ दलित नेता कुमारी शैलजा ने भी परिवार से मिलकर समर्थन जताया था।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि हरियाणा सरकार ने पहले ही इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है, और सामाजिक न्याय मंत्री कृष्ण बेदी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात भी की, फिर भी परिजन गणेश के शव के साथ हिसार सिविल अस्पताल के बाहर धरने पर डटे रहे। सोमवार को बड़ी संख्या में दलित समुदाय के लोगों ने इकट्ठा होकर महापंचायत की और परिवार की मांगों के समर्थन में आवाज उठाई।
गुरुवार को हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण बेदी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि समझौता हो गया है।
उन्होंने कहा, “हम परिवार के लोगों से लगातार संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री आवास पर बैठक हुई जिसमें गणेश के पिता विक्रम, चाचा दिनेश और अन्य दलित समाज के लोग शामिल हुए। मामला सुलझ गया है। हम शुक्रवार सुबह हिसार जाकर अंतिम संस्कार करेंगे।”
सरकार ने पहली बार हरियाणा सम्मानजनक शव दाह अधिनियम, 2024 के तहत परिवार को नोटिस भी जारी किया था। इसके अनुसार यदि परिवार शव लेने से इनकार करता है तो प्रशासन समयबद्ध और गरिमामय अंतिम संस्कार सुनिश्चित कर सकता है।
7 जुलाई की रात की घटना
रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 7 जुलाई की रात की है, जब पुलिस को सूचना मिली कि इलाके में रात 10 बजे के बाद भी लाउडस्पीकर पर तेज आवाज में संगीत चलाया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, उस समय गणेश और उसके दोस्त एक जन्मदिन का जश्न मना रहे थे। जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो उन पर हमला कर दिया गया।
पुलिस का दावा है कि इसके बाद गणेश और उसका एक दोस्त आकाश पास के एक मकान की छत पर भाग गए और वहां से कूद पड़े। गणेश की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि आकाश घायल हो गया। पुलिस अब कुछ युवकों को तलाश रही है जो कथित रूप से पुलिस पर हमले में शामिल थे।
वहीं, गणेश के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उसे छत से नीचे धक्का दिया। वे इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। उधर, पुलिस ने अपने पक्ष को सही ठहराने के लिए कुछ सीसीटीवी फुटेज भी सार्वजनिक किए हैं।
एक वीडियो में गणेश रात करीब 9 बजे अपने घर की छत पर खड़ा दिखाई देता है। इसके बाद, 10:45 बजे वह अपने घर के बाहर सड़क किनारे एक खाट पर लेटा नजर आता है। करीब 10:55 बजे दो युवक बाइक पर एक बड़ा लाउडस्पीकर लेकर आते हैं और तेज आवाज में संगीत बजाना शुरू कर देते हैं। 11:32 बजे, जब कई युवक सड़क पर नाच रहे होते हैं, तभी पुलिस मौके पर पहुंचती है। वीडियो फुटेज में यह भी देखा जा सकता है कि युवकों ने पुलिस पर लाठियों से हमला किया और पत्थरबाज़ी की, जिससे पुलिसकर्मियों को पास के एक घर में छिपना पड़ा।
घायल आकाश ने पुलिस को दिए बयान में माना कि उन्होंने पुलिस पर हमला किया था। जब पुलिस ने उनका पीछा किया तो वे दोनों भागने के लिए छत से कूद गए। इस घटना में गणेश की मौत हो गई, जबकि आकाश घायल हो गया।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) के.के. राव ने बताया, “पुलिस पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए तैयार है। हम केवल अपनी सुरक्षा कर रहे थे। इलाके के लोगों ने तेज आवाज में संगीत बजाने की शिकायत की थी।”
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प्रतीकात्मक तस्वीर ; साभार : एक्सप्रेस
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ये मुद्दा गुरुवार को राष्ट्रीय स्तर पर तब सामने आया जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसको लेकर बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, गणेश कुमार की मौत के बाद से उनके परिजन 7 जुलाई से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और पुलिस पर उनकी हत्या का आरोप लगा रहे थे। परिजन आरोप लगा रहे हैं कि गणेश की मौत पुलिस द्वारा उसे छत से धक्का देने के कारण हुई।
प्रदेश की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि गणेश कुमार के परिवार ने राज्य सरकार द्वारा उनकी पांच मांगों को स्वीकार किए जाने के बाद विरोध समाप्त करने और शव का अंतिम संस्कार करने पर सहमति जताई।
मंत्री ने कहा, “हमारी सरकार ने गणेश की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज करने की उनकी मांग स्वीकार की है और जांच किसी भी स्वतंत्र एजेंसी से करवाई जाएगी, जिसे पीड़ित का परिवार चाहेगा। परिवार की दूसरी मांग - डॉक्टरों की एक टीम द्वारा पोस्टमॉर्टम- को भी मान लिया गया है और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवाई गई है। सरकार ने उनके एक परिजन को सरकारी नौकरी देने पर भी सहमति जताई है।”
बेदी ने बताया कि उन्होंने गुरुवार रात पीड़ित के पिता विक्रम और अन्य परिजनों की मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात करवाई, जिसके बाद परिवार ने विरोध खत्म करने पर सहमति जताई।
ज्ञात हो कि राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “जब सत्ता मनुवादी सोच की गोद में बैठती है, तो दलितों की जान की कोई कीमत नहीं बचती! हरियाणा के हिसार में दलित युवक गणेश वाल्मीकि की हत्या और उसके परिवार के साथ हुई बर्बरता सिर्फ एक अपराध नहीं है - यह BJP-RSS की मनुवादी सिस्टम का वो घिनौना चेहरा है जो आज भारत में बहुजनों के जीवन को सस्ता समझता है, जो उन्हें समानता और सम्मान का हकदार नहीं मानता...”
इसके बाद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने भी हिसार पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की। इससे एक दिन पहले पार्टी की वरिष्ठ दलित नेता कुमारी शैलजा ने भी परिवार से मिलकर समर्थन जताया था।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि हरियाणा सरकार ने पहले ही इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है, और सामाजिक न्याय मंत्री कृष्ण बेदी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात भी की, फिर भी परिजन गणेश के शव के साथ हिसार सिविल अस्पताल के बाहर धरने पर डटे रहे। सोमवार को बड़ी संख्या में दलित समुदाय के लोगों ने इकट्ठा होकर महापंचायत की और परिवार की मांगों के समर्थन में आवाज उठाई।
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उन्होंने कहा, “हम परिवार के लोगों से लगातार संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री आवास पर बैठक हुई जिसमें गणेश के पिता विक्रम, चाचा दिनेश और अन्य दलित समाज के लोग शामिल हुए। मामला सुलझ गया है। हम शुक्रवार सुबह हिसार जाकर अंतिम संस्कार करेंगे।”
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7 जुलाई की रात की घटना
रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 7 जुलाई की रात की है, जब पुलिस को सूचना मिली कि इलाके में रात 10 बजे के बाद भी लाउडस्पीकर पर तेज आवाज में संगीत चलाया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, उस समय गणेश और उसके दोस्त एक जन्मदिन का जश्न मना रहे थे। जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो उन पर हमला कर दिया गया।
पुलिस का दावा है कि इसके बाद गणेश और उसका एक दोस्त आकाश पास के एक मकान की छत पर भाग गए और वहां से कूद पड़े। गणेश की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि आकाश घायल हो गया। पुलिस अब कुछ युवकों को तलाश रही है जो कथित रूप से पुलिस पर हमले में शामिल थे।
वहीं, गणेश के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उसे छत से नीचे धक्का दिया। वे इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। उधर, पुलिस ने अपने पक्ष को सही ठहराने के लिए कुछ सीसीटीवी फुटेज भी सार्वजनिक किए हैं।
एक वीडियो में गणेश रात करीब 9 बजे अपने घर की छत पर खड़ा दिखाई देता है। इसके बाद, 10:45 बजे वह अपने घर के बाहर सड़क किनारे एक खाट पर लेटा नजर आता है। करीब 10:55 बजे दो युवक बाइक पर एक बड़ा लाउडस्पीकर लेकर आते हैं और तेज आवाज में संगीत बजाना शुरू कर देते हैं। 11:32 बजे, जब कई युवक सड़क पर नाच रहे होते हैं, तभी पुलिस मौके पर पहुंचती है। वीडियो फुटेज में यह भी देखा जा सकता है कि युवकों ने पुलिस पर लाठियों से हमला किया और पत्थरबाज़ी की, जिससे पुलिसकर्मियों को पास के एक घर में छिपना पड़ा।
घायल आकाश ने पुलिस को दिए बयान में माना कि उन्होंने पुलिस पर हमला किया था। जब पुलिस ने उनका पीछा किया तो वे दोनों भागने के लिए छत से कूद गए। इस घटना में गणेश की मौत हो गई, जबकि आकाश घायल हो गया।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) के.के. राव ने बताया, “पुलिस पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए तैयार है। हम केवल अपनी सुरक्षा कर रहे थे। इलाके के लोगों ने तेज आवाज में संगीत बजाने की शिकायत की थी।”
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