तुम्हें एक औरत जन्म देती है। तुम्हारी किलकारी एक औरत के श्रम की देन है जब तुम उसे चीरते हुए इस दुनिया में आते हो; तुम्हारा जन्म एक औरत को हमेशा के लिए बदल देता है। अब उसे केवल तेरे लिए जीना है।
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मुंबई में कानून की एक युवा छात्रा ने जब छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा एक हत्यारे-बलात्कारी पति को बेशर्मी से बरी किए जाने की खबर पढ़ी तब उसका खून खौल गया। यह लेख इस युवती के गुस्से और टूटे दिल की कराह है। सबरंगइंडिया इस लेख को उन असंख्य युवा महिलाओं को श्रद्धांजलि (और एकजुटता) के रूप में प्रकाशित कर रहा है जो एक सामूहिक मीडिया के मौन और हमारे सार्वजनिक विमर्श के इर्द-गिर्द घूमती हिंसक तुच्छ बातों का शिकार हैं और जिन्होंने अदालत के इस फैसले और इसके इर्द-गिर्द व्यापक चुप्पी से गहरा विश्वासघात महसूस किया है।
तुम्हें एक औरत जन्म देती है। तुम्हारी किलकारी एक औरत के श्रम की देन है जब तुम उसे चीरते हुए इस दुनिया में आते हो; तुम्हारा जन्म एक औरत को हमेशा के लिए बदल देता है। अब उसे केवल तेरे लिए जीना है। उसके जीवन का एकमात्र उद्देश्य अपनी संतान को आगे बढ़ाना है और वो भी अपने अस्तित्व को मिटा कर, अपने हर दाग की अवहेलना कर मुसकुराते हुए । यदि औरत के कोख में तुम एक बच्ची हो तो उसी क्षण तुम्हारा भविष्य भी तय हो जाता है। एक दिन तुम्हें भी जन्म देने के लिए खुद को चीरना-फाड़ना होगा... यही सब झेलना होगा। दुनिया अपनी मरज़ी से तुम पर अत्याचार करती रहेगी और तुम को अपने उन्हीं ज़ख़्मों के साथ जीना पड़ेगा। तुम को मात्र जीवित रहने के लिए संघर्ष करना होगा, तुम्हारा खून और आँसू दोनों बहेंगे, पर यह दुनिया तुम्हें यूँ ही कुचलती रहेगी। शुरू में तुम्हें आस-पास के पुरुष अच्छे और प्यारे लगेंगे, वह कहेंगे कि तुमसे प्यार करना चाहते हैं, तुम्हारी देखभाल करना चाहते हैं और तुम्हें सुरक्षित रखना चाहते हैं। वह ऐसी कोशिश कर भी सकते हैं। तुम एक उम्र तक अगर इन पुरुषों से थोड़ी बहुत अछूती और अप्रभावित पार कर लेती हो, तो तुम को एक आदर्श मेमना बनाया जाएगा। बलिदान के लिए तैयार एक मूक बकरी।
जब तुम्हें एक औरत की जीवन गाथा सुनाई जाती है तब उसकी पीड़ा, जिम्मेदारियों और श्रम को इस तरह से परियों की कहानियों, गानों, भव्य महलों और रेशमी वेषभूषा में गौरवान्वित कर देते हैं की तुम उन्हें सुनकर अपने भविष्य से डरने के बजाय मुस्करा उठती हो। मातृत्व को इतनी महान पदवी दी जाती ही कि तुम बेसब्री से माँ बनने का इंतज़ार करती हो। तुम एक ऐसे प्यार की कल्पना करती हो जो तुम्हें हवा में उड़ा ले जायेगा; एक ऐसे प्रेमी का सपना देखती हो जो तुम्हें पहचाने और समझे... और उसके जीवन और उसके परिवार में जगह बनाने के लिए तुम अपने ही सपनों, महत्वाकांक्षाओं, चाहतों और अस्तित्व को एक कोने में रख भूल जाती हो। तुम अपने आप को इस हद तक छोटा कर देती हो की तुम्हें आराम से निगल लिया जाए और तुम अपने आप को ही न पहचान पाओ। ऐसा हो जाना तुम्हारे जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी होगी।
लेकिन यह शानदार होगा और तुम बहुत सुंदर दिखोगी और सब लोग बहुत खुश होंगे, इसलिए तुम अपने आंतरिक एकालाप को चुप करा कर, सब्यसाची जैसे महँगे डिज़ाइनर के कपड़े पहन अपने जीवनसाथी से मिलने जाओगी और अपने व्यक्तित्व और पहचान को इस धूमधाम में पीछे छोड़ दोगी। शुरुआत में यह नया जीवन सुहाना लगेगा। तुम्हें प्यार का एहसास भर ही प्यारा लगेगा; तुम्हें उस आदमी का प्यार बरसाना आनंदित करेगा। तुम उसका नाम, उसके झूठे बर्तन, उसके गंदे कपड़ों के साथ उसके माता-पिता की उम्मीदों को भी अपना लोगी। इस सब में लीन होकर तुम्हें सही होने की तसल्ली मिलेगी। उसके साथ ही प्यार की गरमाहट के एहसास से तुम अपने अस्तित्व के उस खालीपन को भर दोगी जहाँ तुम हुआ करती थी। तुम दिन भर उसकी और उसके परिवार की सेवा करोगी और रात के सन्नाटे में उसकी। तुम इसका आनंद लोगी और इसे अपनी इच्छा मानोगी। तुम ज़ोर-ज़ोर से घोषणा करोगी कि तुम स्वयं अपने भाग्य की मालिक हो और प्यार और परिवार ही सब कुछ है और इस "परिवार" द्वारा तुम पर लगाई गई अपेक्षाओं की स्वेच्छा से दासी बन जाओगी। तुम इस घर में जितना भी करोगी वह कभी भी पर्याप्त नहीं होगा। चाहे कितनी भी मेहनत, कितनी भी कोशिश, जी-जान लगा दोगी, फिर भी तुम्हें एक बाहर वाला ही माना जाएगा जो सिर्फ अपना धर्म निभा रहा है, और वह भी ठीक से नहीं। तुम उसे बच्चे दोगी और अगर न देना चाहो तो वो तुम्हारा बलात्कार कर तुम्हें बच्चे देने पर मजबूर करेगा। तुम खुद को धक्का दोगी, थोड़ा और धकेलोगी और तुम्हारे अंदर की वह दबी हुई आवाज़, अब एक चीख बनकर गूँजेगी। तुम उस बच्चे को थामोगी जो तुम्हें चीर कर इस दुनिया में आया है। तुम अपने बच्चे को प्यार करोगी और अपनी पीड़ा/दर्द को निगल लोगी।
लेकिन बच्चे का नाम उसका होगा, तुम्हारा बच्चा उसकी विरासत होगा, बच्चा उसके परिवार का हिस्सा होगा, और तुम केवल उस बच्चे को दुनिया में लाने वाला माध्यम, और वह मजदूर जो उस बच्चे की परवरिश करेगा। तुम्हारी आंतरिक आवाज़ अब तुम्हें भस्म करने लगेगी। तुम उससे लड़ोगी, अपने आप से लड़ोगी, अपने आप को यह समझाने के लिए लड़ोगी के यह अब भी तुम्हारी इच्छा है और वह प्यार अब भी मौजूद है केवल जिम्मेदारी और अपेक्षाओं के कारण वो प्यार दिखता नहीं है। तुम यहाँ इस ही प्यार के कारण हो, न की किसी मजबूरी के और इसलिए भी नहीं कि और तुम्हारे पास और कोई रास्ता नहीं है। तुम यहाँ इसलिए हो क्योंकि तुम उसे प्यार करती हो।
तुम उससे से प्यार करती हो? और यह तुम्हारा परिवार है। है न? तुम विद्रोह करना, लड़ना और रोना शुरू कर दोगी। तुम लड़ोगी, चिल्लाओगी और विलाप करोगी। लेकिन तुम अब भी दिन में रसोई में और रात में कमरे के अंधेरे में उसकी दासी बनोगी। तुम सोचोगी की तुम मना कर सकती हो और एक दिन तुम इनकार करने की कोशिश भी करोगी, और उस दिन तुम्हें कुछ पता चलेगा... तुम्हें यह पता चलेगा की वह तुम्हारे साथ जो चाहे कर सकता है। वह तुम्हारे साथ कुछ भी कर सकता है... हर हैवानियत कर सकता है। वह हर मर्यादा की सीमा को तोड़ कर तुम्हारी योनि में उसकी मुट्ठी घुसाकर तुम्हारा बलात्कार कर सकता है। सब जायज़ है क्योंकि वह तुम्हारा पति है, क्योंकि तुमने एक शानदार मंडप में सब्यसाची जैसे महंगे डिज़ाइनर के कपड़े पहने थे, और फूलों की बारिश हुई थी और जब तुमने उसे वरमाला पहनाई थी उस पल से तुम उसकी दया की मोहताज हो गयी थी। तुम जान जाओगी की तुम्हारा खून, तुम्हारी हड्डियाँ, तुम्हारी आवाज़, माँसपेशियाँ और तुम्हारे हाथ-पाँव, तुम्हारा आगा-पीछा, तुम्हारा पूरा शरीर, तुम्हारी साँसें, सभी उसके हैं और वह इनमें से किसी के साथ कुछ भी कर सकता है। वह औरत जिसने तुम्हें जन्म दिया, वह पुरुष जिन्हें तुम्हारा रक्षक बनना चाहिए था, तुम्हें जल्द ही इनमें वो कसाई दिखेंगे जिन्होंने तुम्हें बलि का बकरा बनाया है।
एक सुंदर और मासूम मेमने की तरह तुम चल तो पड़ी थी पर अब तुम्हारी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गयी है और तुम कटने के लिए तैयार हो। तुम चीख़ोगी-चिल्लाओगी पर पंच, न्यायाधीश और जल्लाद तमाशा देखेंगे कि अपने शक्ति प्रदर्शन और अपनी वासना की लिए किस क्रूरता से वह तुम्हें मारता है। जब वह तुम्हें लहूलुहान करके मरने के लिए छोड़ देगा, जब वह तुम्हें दरिंदगी से फाड़ देगा, दुनिया में नया जीवन लाने के लिए नहीं बल्कि तुम्हारे प्राण निकालने के लिए, जब तुम्हारी आवाज हमेशा के लिए खामोश हो जाएगी और तुम्हारी कोख की अब उसे ज़रूरत नहीं हैं तब वह तुम्हें फेंक देगा। लोग तुम्हारे खून में सने उसके हाथ देखेंगे, तुम्हारे टूटे हुए शरीर और चिथड़े हुई योनि को देखेंगे और उसे निर्दोष घोषित करेंगे। नॉट गिल्टी।
जिन लोगों ने तुम्हें बचाया, उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि एक आदमी और केवल एक आदमी तुम पर अपना दावा कर सके, इसलिए वह तुम्हारा पहला, तुम्हारा आखिरी, तुम्हारा एकमात्र स्वामी होगा और तुम्हारी पहली साँस उसकी सेवा के लिए ली गई थी और तुम्हारी आखिरी साँस भी उसकी सेवा में ही होगी।
तो क्या एक आदमी के लिए अपनी संपत्ति के साथ मनमानी करना अपराध है?
नहीं। क्या एक आदमी के लिए अपनी पत्नी के लिए हवस महसूस करना अपराध है? नहीं। तुम, मेरे प्यार, मेरी इच्छाओं को पूरा करने के लिए ही बनी हो। तुम नहीं जानती थी कि बेड़ियाँ लाल थी और बहुत कुछ प्यार की तरह दिखती थी और वे खून की थी लेकिन तुम नहीं जानती थी। तुम्हें नहीं पता कि अच्छी पत्नियाँ वही होती हैं जो अपनी मौत से पहले ही घुट-घुट कर मर जाती हैं।
तुम्हें नहीं पता था कि अक्सर भेड़िये जो हमारे शरीर के मालिक होते हैं और हमारा खून पीते हैं, वही प्यार के वादे करते हैं। और जो कहते हैं कि हमारी रक्षा करेंगे और हमें प्यार करेंगे, वो ही हमारा सौदा ऐसे भेड़ियों के साथ कर देते हैं।
(लेखक मुंबई में कानून की छात्र हैं और उनसे parulekarpriyanka02@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है)
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मुंबई में कानून की एक युवा छात्रा ने जब छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा एक हत्यारे-बलात्कारी पति को बेशर्मी से बरी किए जाने की खबर पढ़ी तब उसका खून खौल गया। यह लेख इस युवती के गुस्से और टूटे दिल की कराह है। सबरंगइंडिया इस लेख को उन असंख्य युवा महिलाओं को श्रद्धांजलि (और एकजुटता) के रूप में प्रकाशित कर रहा है जो एक सामूहिक मीडिया के मौन और हमारे सार्वजनिक विमर्श के इर्द-गिर्द घूमती हिंसक तुच्छ बातों का शिकार हैं और जिन्होंने अदालत के इस फैसले और इसके इर्द-गिर्द व्यापक चुप्पी से गहरा विश्वासघात महसूस किया है।
तुम्हें एक औरत जन्म देती है। तुम्हारी किलकारी एक औरत के श्रम की देन है जब तुम उसे चीरते हुए इस दुनिया में आते हो; तुम्हारा जन्म एक औरत को हमेशा के लिए बदल देता है। अब उसे केवल तेरे लिए जीना है। उसके जीवन का एकमात्र उद्देश्य अपनी संतान को आगे बढ़ाना है और वो भी अपने अस्तित्व को मिटा कर, अपने हर दाग की अवहेलना कर मुसकुराते हुए । यदि औरत के कोख में तुम एक बच्ची हो तो उसी क्षण तुम्हारा भविष्य भी तय हो जाता है। एक दिन तुम्हें भी जन्म देने के लिए खुद को चीरना-फाड़ना होगा... यही सब झेलना होगा। दुनिया अपनी मरज़ी से तुम पर अत्याचार करती रहेगी और तुम को अपने उन्हीं ज़ख़्मों के साथ जीना पड़ेगा। तुम को मात्र जीवित रहने के लिए संघर्ष करना होगा, तुम्हारा खून और आँसू दोनों बहेंगे, पर यह दुनिया तुम्हें यूँ ही कुचलती रहेगी। शुरू में तुम्हें आस-पास के पुरुष अच्छे और प्यारे लगेंगे, वह कहेंगे कि तुमसे प्यार करना चाहते हैं, तुम्हारी देखभाल करना चाहते हैं और तुम्हें सुरक्षित रखना चाहते हैं। वह ऐसी कोशिश कर भी सकते हैं। तुम एक उम्र तक अगर इन पुरुषों से थोड़ी बहुत अछूती और अप्रभावित पार कर लेती हो, तो तुम को एक आदर्श मेमना बनाया जाएगा। बलिदान के लिए तैयार एक मूक बकरी।
जब तुम्हें एक औरत की जीवन गाथा सुनाई जाती है तब उसकी पीड़ा, जिम्मेदारियों और श्रम को इस तरह से परियों की कहानियों, गानों, भव्य महलों और रेशमी वेषभूषा में गौरवान्वित कर देते हैं की तुम उन्हें सुनकर अपने भविष्य से डरने के बजाय मुस्करा उठती हो। मातृत्व को इतनी महान पदवी दी जाती ही कि तुम बेसब्री से माँ बनने का इंतज़ार करती हो। तुम एक ऐसे प्यार की कल्पना करती हो जो तुम्हें हवा में उड़ा ले जायेगा; एक ऐसे प्रेमी का सपना देखती हो जो तुम्हें पहचाने और समझे... और उसके जीवन और उसके परिवार में जगह बनाने के लिए तुम अपने ही सपनों, महत्वाकांक्षाओं, चाहतों और अस्तित्व को एक कोने में रख भूल जाती हो। तुम अपने आप को इस हद तक छोटा कर देती हो की तुम्हें आराम से निगल लिया जाए और तुम अपने आप को ही न पहचान पाओ। ऐसा हो जाना तुम्हारे जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी होगी।
लेकिन यह शानदार होगा और तुम बहुत सुंदर दिखोगी और सब लोग बहुत खुश होंगे, इसलिए तुम अपने आंतरिक एकालाप को चुप करा कर, सब्यसाची जैसे महँगे डिज़ाइनर के कपड़े पहन अपने जीवनसाथी से मिलने जाओगी और अपने व्यक्तित्व और पहचान को इस धूमधाम में पीछे छोड़ दोगी। शुरुआत में यह नया जीवन सुहाना लगेगा। तुम्हें प्यार का एहसास भर ही प्यारा लगेगा; तुम्हें उस आदमी का प्यार बरसाना आनंदित करेगा। तुम उसका नाम, उसके झूठे बर्तन, उसके गंदे कपड़ों के साथ उसके माता-पिता की उम्मीदों को भी अपना लोगी। इस सब में लीन होकर तुम्हें सही होने की तसल्ली मिलेगी। उसके साथ ही प्यार की गरमाहट के एहसास से तुम अपने अस्तित्व के उस खालीपन को भर दोगी जहाँ तुम हुआ करती थी। तुम दिन भर उसकी और उसके परिवार की सेवा करोगी और रात के सन्नाटे में उसकी। तुम इसका आनंद लोगी और इसे अपनी इच्छा मानोगी। तुम ज़ोर-ज़ोर से घोषणा करोगी कि तुम स्वयं अपने भाग्य की मालिक हो और प्यार और परिवार ही सब कुछ है और इस "परिवार" द्वारा तुम पर लगाई गई अपेक्षाओं की स्वेच्छा से दासी बन जाओगी। तुम इस घर में जितना भी करोगी वह कभी भी पर्याप्त नहीं होगा। चाहे कितनी भी मेहनत, कितनी भी कोशिश, जी-जान लगा दोगी, फिर भी तुम्हें एक बाहर वाला ही माना जाएगा जो सिर्फ अपना धर्म निभा रहा है, और वह भी ठीक से नहीं। तुम उसे बच्चे दोगी और अगर न देना चाहो तो वो तुम्हारा बलात्कार कर तुम्हें बच्चे देने पर मजबूर करेगा। तुम खुद को धक्का दोगी, थोड़ा और धकेलोगी और तुम्हारे अंदर की वह दबी हुई आवाज़, अब एक चीख बनकर गूँजेगी। तुम उस बच्चे को थामोगी जो तुम्हें चीर कर इस दुनिया में आया है। तुम अपने बच्चे को प्यार करोगी और अपनी पीड़ा/दर्द को निगल लोगी।
लेकिन बच्चे का नाम उसका होगा, तुम्हारा बच्चा उसकी विरासत होगा, बच्चा उसके परिवार का हिस्सा होगा, और तुम केवल उस बच्चे को दुनिया में लाने वाला माध्यम, और वह मजदूर जो उस बच्चे की परवरिश करेगा। तुम्हारी आंतरिक आवाज़ अब तुम्हें भस्म करने लगेगी। तुम उससे लड़ोगी, अपने आप से लड़ोगी, अपने आप को यह समझाने के लिए लड़ोगी के यह अब भी तुम्हारी इच्छा है और वह प्यार अब भी मौजूद है केवल जिम्मेदारी और अपेक्षाओं के कारण वो प्यार दिखता नहीं है। तुम यहाँ इस ही प्यार के कारण हो, न की किसी मजबूरी के और इसलिए भी नहीं कि और तुम्हारे पास और कोई रास्ता नहीं है। तुम यहाँ इसलिए हो क्योंकि तुम उसे प्यार करती हो।
तुम उससे से प्यार करती हो? और यह तुम्हारा परिवार है। है न? तुम विद्रोह करना, लड़ना और रोना शुरू कर दोगी। तुम लड़ोगी, चिल्लाओगी और विलाप करोगी। लेकिन तुम अब भी दिन में रसोई में और रात में कमरे के अंधेरे में उसकी दासी बनोगी। तुम सोचोगी की तुम मना कर सकती हो और एक दिन तुम इनकार करने की कोशिश भी करोगी, और उस दिन तुम्हें कुछ पता चलेगा... तुम्हें यह पता चलेगा की वह तुम्हारे साथ जो चाहे कर सकता है। वह तुम्हारे साथ कुछ भी कर सकता है... हर हैवानियत कर सकता है। वह हर मर्यादा की सीमा को तोड़ कर तुम्हारी योनि में उसकी मुट्ठी घुसाकर तुम्हारा बलात्कार कर सकता है। सब जायज़ है क्योंकि वह तुम्हारा पति है, क्योंकि तुमने एक शानदार मंडप में सब्यसाची जैसे महंगे डिज़ाइनर के कपड़े पहने थे, और फूलों की बारिश हुई थी और जब तुमने उसे वरमाला पहनाई थी उस पल से तुम उसकी दया की मोहताज हो गयी थी। तुम जान जाओगी की तुम्हारा खून, तुम्हारी हड्डियाँ, तुम्हारी आवाज़, माँसपेशियाँ और तुम्हारे हाथ-पाँव, तुम्हारा आगा-पीछा, तुम्हारा पूरा शरीर, तुम्हारी साँसें, सभी उसके हैं और वह इनमें से किसी के साथ कुछ भी कर सकता है। वह औरत जिसने तुम्हें जन्म दिया, वह पुरुष जिन्हें तुम्हारा रक्षक बनना चाहिए था, तुम्हें जल्द ही इनमें वो कसाई दिखेंगे जिन्होंने तुम्हें बलि का बकरा बनाया है।
एक सुंदर और मासूम मेमने की तरह तुम चल तो पड़ी थी पर अब तुम्हारी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गयी है और तुम कटने के लिए तैयार हो। तुम चीख़ोगी-चिल्लाओगी पर पंच, न्यायाधीश और जल्लाद तमाशा देखेंगे कि अपने शक्ति प्रदर्शन और अपनी वासना की लिए किस क्रूरता से वह तुम्हें मारता है। जब वह तुम्हें लहूलुहान करके मरने के लिए छोड़ देगा, जब वह तुम्हें दरिंदगी से फाड़ देगा, दुनिया में नया जीवन लाने के लिए नहीं बल्कि तुम्हारे प्राण निकालने के लिए, जब तुम्हारी आवाज हमेशा के लिए खामोश हो जाएगी और तुम्हारी कोख की अब उसे ज़रूरत नहीं हैं तब वह तुम्हें फेंक देगा। लोग तुम्हारे खून में सने उसके हाथ देखेंगे, तुम्हारे टूटे हुए शरीर और चिथड़े हुई योनि को देखेंगे और उसे निर्दोष घोषित करेंगे। नॉट गिल्टी।
जिन लोगों ने तुम्हें बचाया, उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि एक आदमी और केवल एक आदमी तुम पर अपना दावा कर सके, इसलिए वह तुम्हारा पहला, तुम्हारा आखिरी, तुम्हारा एकमात्र स्वामी होगा और तुम्हारी पहली साँस उसकी सेवा के लिए ली गई थी और तुम्हारी आखिरी साँस भी उसकी सेवा में ही होगी।
तो क्या एक आदमी के लिए अपनी संपत्ति के साथ मनमानी करना अपराध है?
नहीं। क्या एक आदमी के लिए अपनी पत्नी के लिए हवस महसूस करना अपराध है? नहीं। तुम, मेरे प्यार, मेरी इच्छाओं को पूरा करने के लिए ही बनी हो। तुम नहीं जानती थी कि बेड़ियाँ लाल थी और बहुत कुछ प्यार की तरह दिखती थी और वे खून की थी लेकिन तुम नहीं जानती थी। तुम्हें नहीं पता कि अच्छी पत्नियाँ वही होती हैं जो अपनी मौत से पहले ही घुट-घुट कर मर जाती हैं।
तुम्हें नहीं पता था कि अक्सर भेड़िये जो हमारे शरीर के मालिक होते हैं और हमारा खून पीते हैं, वही प्यार के वादे करते हैं। और जो कहते हैं कि हमारी रक्षा करेंगे और हमें प्यार करेंगे, वो ही हमारा सौदा ऐसे भेड़ियों के साथ कर देते हैं।
(लेखक मुंबई में कानून की छात्र हैं और उनसे parulekarpriyanka02@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है)