लद्दाख की कई मांगों को लेकर दिल्ली सीमा पर पहुंचे वांगचुक समेत 124 प्रदर्शनकारी हिरासत में

Written by sabrang india | Published on: October 1, 2024
सोनम वांगचुक ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “मुझे और मेरे साथ 150 पदयात्रियों को दिल्ली सीमा पर सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल द्वारा हिरासत में लिया गया है। इनमें 80 साल से अधिक उम्र के कई बुजुर्ग पुरुष और महिलाएं और कई सेना के पूर्व सैनिक शामिल हैं।



दिल्ली पुलिस ने सोमवार को लद्दाख के करीब 125 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया, जिनमें जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक भी शामिल हैं। राष्ट्रीय राजधानी में 6 अक्टूबर तक लागू निषेधाज्ञा के तहत यह कदम उठाया गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वांगचुक के नेतृत्व में ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ लेह से करीब 1000 लोगों के साथ दिल्ली की सीमा पर पहुंची।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पदयात्रा का समापन 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर राजघाट पर होना था। सोनम वांगचुक ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “मुझे और मेरे साथ 150 पदयात्रियों को दिल्ली सीमा पर सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल द्वारा हिरासत में लिया गया है। इनमें 80 साल से अधिक उम्र के कई बुजुर्ग पुरुष और महिलाएं और कई सेना के पूर्व सैनिक शामिल हैं।हमारे भविष्य का कुछ पता नहीं है, यह चिंता का विषय है। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, लोकतंत्र की जननी बापू की समाधि की ओर शांतिपूर्ण मार्च कर रहे थे…हे राम।”

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वांगचुक और कई अन्य लोगों को हिरासत में लेने का फैसला सोमवार शाम को दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा द्वारा जारी निषेधाज्ञा के बाद लिया गया।
आदेश में कहा गया है कि बीएनएसएस की धारा 163 के तहत 30 सितंबर से 6 अक्टूबर तक दिल्ली की किसी भी सीमा और नई दिल्ली, उत्तरी दिल्ली और मध्य दिल्ली के जिलों के पास पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने, धरना देने या प्लेकार्ड दिखाने की अनुमति नहीं होगी।

इस आदेश में सांप्रदायिक माहौल, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति के चुनाव, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चल रहे विधानसभा चुनाव और गांधी जयंती के दौरान संभावित वीवीआईपी मूवमेंट जैसे कारण बताए गए हैं।

1 सितंबर को शुरू हुआ यह मार्च केंद्र से लद्दाख के नेतृत्व के साथ अपने चार सूत्री एजेंडे पर रुकी हुई बातचीत को फिर से शुरू करने का आग्रह करने के लिए है। इस एजेंडे में राज्य का दर्जा, संविधान की छठी अनुसूची का विस्तार, लद्दाख के लिए लोक सेवा आयोग के साथ शीघ्र भर्ती प्रक्रिया और लेह व कारगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटों की मांग शामिल हैं।

इस साल सितंबर में मार्च को हरी झंडी दिखाते समय वांगचुक ने उम्मीद जताई थी कि गांधी जयंती पर दिल्ली पहुंचने पर सरकार उन्हें खुशखबरी देगी।

राहुल गांधी ने इस हिरासत को ‘अस्वीकार्य’ बताया

वांगचुक की हिरासत को “अस्वीकार्य” बताते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें “लद्दाख की आवाज़ सुननी होगी।”

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उनके पोस्ट में कहा गया “लद्दाख के भविष्य के लिए खड़े होने के लिए दिल्ली की सीमा पर बुजुर्ग नागरिकों को क्यों हिरासत में लिया जा रहा है?”

उन्होंने कहा, “मोदी जी, किसानों की तरह, यह ‘चक्रव्यूह’ भी टूट जाएगा और आपका अहंकार भी टूट जाएगा।”

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