यूपी: वाराणसी में दरगाह के पास एक युवक ने लगाया विवादित पोस्टर, नफरत फैलाने का आरोप

Written by sabrang india | Published on: September 25, 2024
युवक के इंस्टाग्राम पेज पर यह स्पष्ट देखा जा सकता है कि वह वाराणसी की संवेदनशील जगहों पर इस प्रकार के विवादित पोस्टर के साथ रील बनाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, वे यह सवाल उठा रहे हैं कि पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करती।



उत्तर प्रदेश के वाराणसी में चौक थाने के पास स्थित जाहिद शहीद बाबा की दरगाह के पास एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। दरगाह के सामने खड़े एक युवक ने विवादित पोस्टर हाथ में लिया हुआ है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

एक यूट्यूब चैनल ने इस घटना पर रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें बताया गया है कि युवक के इंस्टाग्राम पेज पर यह स्पष्ट देखा जा सकता है कि वह वाराणसी की संवेदनशील जगहों पर इस प्रकार के विवादित पोस्टर के साथ रील बनाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, वे यह सवाल उठा रहे हैं कि पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करती।



रिपोर्ट में कहा गया है कि पोस्टर पर लिखी इंस्टाग्राम आईडी (kattarhindu45927) को जब सर्च किया गया, तो पाया गया कि इस आईडी पर सभी वीडियो विवादित हैं। इनमें से अधिकांश वीडियो ज्ञानवापी मस्जिद के आस-पास बनाए गए हैं। एक अन्य वीडियो में युवक ज्ञानवापी मस्जिद के गेट नंबर चार के बाहर विवादित पोस्टर के साथ खड़ा दिखाई देता है, जहां वह एक पुलिसकर्मी से बातचीत करता है। हालांकि, पुलिसकर्मी उसे ऐसा करने से रोकते नहीं हैं और वहां से चले जाते हैं।



यह बताना जरूरी है कि समुदाय विशेष के खिलाफ इस तरह का पोस्टर लगाने का यह मामला नया नहीं है।

लगभग एक सप्ताह पहले, लखनऊ के रहीमाबाद इलाके में धार्मिक झंडे और बैनर लगाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था। इस मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर कार्रवाई की। पहला मामला बलदेवखेड़ा निवासी चप्पल दुकानदार विशनू की तहरीर पर दर्ज हुआ, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि बजरंग दल के लोग झंडे लगा रहे थे, तभी दूसरे पक्ष के लोगों ने इसका विरोध किया। इस पर रहीमाबाद थाने में मामला दर्ज किया गया। इसके बाद दूसरे समुदाय के लोग नाराज होकर धर्म कांटे पर इकट्ठा हो गए और आरोप लगाया कि उनके धार्मिक झंडों के ऊपर दूसरे पक्ष ने अपने धार्मिक झंडे लगा दिए और उनके बैनर फाड़ दिए।

आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल यूपी के गाजियाबाद के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक नफरत फैलाने के इरादे से विवादित पोस्टर लगाने के मामले में तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। नंदग्राम पुलिस ने एक आरोपी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था, लेकिन बाद में उसे रिहा कर दिया गया।

पुलिस ने बताया कि नंदग्राम थाना क्षेत्र में प्रमुख स्थानों पर ऐसे पोस्टर लगाए गए थे, जिसमें मुस्लिम व्यापारियों के बहिष्कार का आह्वान किया गया था। सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद पुलिस ने तीन युवकों नितिन चौहान, ब्रह्मानंद पुजारी और शेखर पंडित की पहचान की और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया।

बता दें कि पिछले साल बिहार के दरभंगा में सड़क पर "हिंदू राष्ट्र" लिखा बैनर लगाने पर विवाद हो गया था। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, लहेरियासराय थाना पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति, जिसका नाम राजीव प्रकाश मधुकर बताया गया, को गिरफ्तार किया। आरोप है कि विहिप नेता ने शहर का माहौल बिगाड़ने के उद्देश्य से यह बैनर लगाया था। लहेरियासराय थाना अध्यक्ष कुमार कीर्ति ने मीडिया को बताया कि हिंदू नववर्ष और चैती दुर्गा पूजा के अवसर पर शहर में "हिंदू राष्ट्र" लिखा बैनर सड़क पर लगाया गया था। इसे लेकर दूसरे धार्मिक संगठनों के लोगों ने विरोध किया और धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया। इसके बाद इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई, और जांच के बाद आरोपी राजीव प्रकाश मधुकर को गिरफ्तार कर लिया गया।

अब सवाल यह है कि इस तरह के विवादित पोस्टर-बैनर लगाने वालों को कब तक ऐसी खुली छूट मिलती रहेगी।

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