'धर्म एक व्यक्तिगत मामला है। लेकिन आरएसएस/बीजेपी ने लंबे समय से अयोध्या में मंदिर को राजनीतिक प्रोजेक्ट बना दिया है। भाजपा और आरएसएस के नेताओं द्वारा अधूरे मंदिर का उद्घाटन स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए किया गया है,' पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक बयान में कहा।
नई दिल्ली: कांग्रेस ने बुधवार (10 जनवरी) को कहा कि उसने अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के निमंत्रण को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया है कि यह "स्पष्ट रूप से आरएसएस/भाजपा का कार्यक्रम" है। अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने को लेकर कांग्रेस ने लेटर जारी किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी को 22 जनवरी को होने जा रहे राम मंदिर के समारोह के लिए निमंत्रण मिला था।
इसी के जवाब में कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।
कांग्रेस ने कहा है कि धर्म व्यक्तिगत मामला है लेकिन आरएसएस और बीजेपी ने अयोध्या मंदिर को राजनीतिक प्रोजेक्ट बना दिया है। बीजेपी और आरएसएस के नेता अयोध्या में अधूरे मंदिर का उद्घाटन कर रहे हैं और यह स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है।
कांग्रेस की ओर से जारी लेटर में लिखा गया है कि
भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं। धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है, लेकिन बीजेपी और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है। स्पष्ट है कि एक अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है। 2019 के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करते हुए एवं लोगों की आस्था के सम्मान में श्री मल्लिकार्जुन खरगे, श्रीमती सोनिया गांधी एवं श्री अधीर रंजन चौधरी बीजेपीऔर आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं।"
कांग्रेस द्वारा जारी बयान यहां पढ़ा जा सकता है.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने बुधवार (10 जनवरी) को कहा कि उसने अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के निमंत्रण को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया है कि यह "स्पष्ट रूप से आरएसएस/भाजपा का कार्यक्रम" है। अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने को लेकर कांग्रेस ने लेटर जारी किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी को 22 जनवरी को होने जा रहे राम मंदिर के समारोह के लिए निमंत्रण मिला था।
इसी के जवाब में कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।
कांग्रेस ने कहा है कि धर्म व्यक्तिगत मामला है लेकिन आरएसएस और बीजेपी ने अयोध्या मंदिर को राजनीतिक प्रोजेक्ट बना दिया है। बीजेपी और आरएसएस के नेता अयोध्या में अधूरे मंदिर का उद्घाटन कर रहे हैं और यह स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है।
कांग्रेस की ओर से जारी लेटर में लिखा गया है कि
भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं। धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है, लेकिन बीजेपी और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है। स्पष्ट है कि एक अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है। 2019 के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करते हुए एवं लोगों की आस्था के सम्मान में श्री मल्लिकार्जुन खरगे, श्रीमती सोनिया गांधी एवं श्री अधीर रंजन चौधरी बीजेपीऔर आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं।"
कांग्रेस द्वारा जारी बयान यहां पढ़ा जा सकता है.