UP: मुठभेड़ में हुई थी जीशान हैदर की मौत, 3 एसआई समेत 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश

Written by Navnish Kumar | Published on: January 24, 2023
उत्तर प्रदेश में 50 वर्षीय किसान की कथित तौर पर हत्या करने और उस पर गोकशी का आरोप लगाने के आरोप में सीजेएम कोर्ट ने तीन उप-निरीक्षकों सहित उत्तर प्रदेश के 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के आदेश दिए हैं। 



UP में तीन उपनिरीक्षकों सहित 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या के मुकदमे के आदेश दिए गए हैं। कथित तौर पर गौहत्या को लेकर हुई मुठभेड़ में 50 वर्षीय किसान जीशान हैदर को गोली मारी गई थी जिसमें खून बहने से बाद में उसकी मौत हो गई थी। इसे लेकर सहारनपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अनिल कुमार ने 20 जनवरी को पुलिस को 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था।

मामला सहारनपुर में देवबंद क्षेत्र के गांव थीतकी का है जहां करीब डेढ़ साल पूर्व 5 सितंबर 2021 को पुलिस और गो-तस्करों के बीच हुई कथित मुठभेड़ में जीशान हैदर नक़वी की मौत हो गई थी। जीशान की पत्नी अफरोज ने कहा है कि वह तब तक चैन से नहीं बैठेंगी जब तक सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हो जाते हैं। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अखबार से बात करते हुए, जीशान की पत्नी अफरोज ने कहा, “हमने लड़ाई जीत ली है लेकिन उनका संघर्ष अभी जारी है। पति के लिए इंसाफ पाने को उन्हें लंबा रास्ता तय करना है। इन पुलिसकर्मियों ने मेरे तीन बेटों को अनाथ कर दिया है और उन्हें सलाखों के पीछे होना चाहिए। मैं तब तक चुप नहीं बैठूंगी जब तक यह सुनिश्चित नहीं हो जाता कि उन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

20 जनवरी को सहारनपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अनिल कुमार ने पुलिस को 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। सहारनपुर पुलिस का कहना है कि कोर्ट आदेश पर इन सभी पुलिसकर्मियों पर हत्या और आपराधिक साजिश से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

सहारनपुर देवबंद के गांव थीतकी में लगभग 40 बीघा जमीन के मालिक और समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व राज्य मंत्री सैयद ईसा रजा के चचेरे भाई जीशान की 5 सितंबर, 2021 की रात को हत्या कर दी गई थी, जब गोतस्करों से एक कथित मुठभेड़ में उनके दाहिने पैर में गोली मार दी गई थी। जहां परिवार ने दावा किया है कि पुलिस द्वारा जीशान को उसके घर से बुलाकर जंगल में ले जाया गया और मार दिया गया, वहीं पुलिस का कहना है कि उन्होंने थीतकी गांव के पास एक जंगल में गायों के वध किए जाने और जीशान के बारे में गुप्त सूचना पर कार्रवाई की थी, जो कथित तौर पर एक देशी पिस्टल (तमंचे) के साथ मौके पर मौजूद था और एक देशी गाय ले जा रहा था और भागते समय उसने गलती से खुद के पैर में गोली मार ली। बाद में जीशान को अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, जबकि बाकी 5 आरोपियों को जेल भेज दिया गया। पांचों पर गोहत्या से संबंधित आईपीसी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया।

पुलिस ने मौके से लगभग 250 किलोग्राम गाय के मांस (शव) बरामद करने का दावा किया है, साथ ही जानवरों को मारने के लिए कथित तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण भी बरामद किए हैं।

घटना के दो दिन बाद 7 सितंबर, 2021 को जीशान की पत्नी अफरोज ने एसएसपी कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कराई। जिसमें अफरोज ने कहा, “मेरे पति घर पर थे जब पुलिस उन्हें बुलाकर पास के एक खेत में ले गई और उन्हें मार डाला। मैं अपने पति को इंसाफ के लिए हत्यारों को सजा दिलाना चाहती हूं। लेकिन उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अफरोज ने  केंद्रीय और राज्य के मंत्रियों और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सहित कई पत्र लिखे। 22 फरवरी को अफरोज ने आखिरकार इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद लखनऊ खंडपीठ ने सहारनपुर अदालत को मामले को शीघ्रता से निपटाने का निर्देश दिया।

20 जनवरी को सहारनपुर सीजेएम अनिल कुमार ने पुलिस को 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सीजेएम कुमार ने कहा, “यह आश्चर्यजनक है कि क्षेत्र की पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि मृतक (जीशान) के खिलाफ, उनकी मृत्यु के समय चार मामले दर्ज थे। हैरानी की बात यह है कि यह चारों मामले उनकी मौत वाले दिन (5 सितंबर, 2021) दर्ज किए गए थे। कहा कि पुलिस का यह कृत्य एक अवैध कार्य को कानूनी बनाने के लिए किया गया एक कवर-अप अभ्यास प्रतीत होता है।

अदालत ने आगे कहा कि पुलिस को "भागते हुए अपराधियों के पैर के निचले हिस्से पर गोली चलानी चाहिए थी", परंतु जीशान के मामले में उन्हें पीछे से गोली मारी गई थी, जिसमें गोली उनकी जांघ पर लगी थी। गोली के घाव के कारण भारी खून बह रहा था और तत्समय कोई उपचार उपलब्ध नहीं कराए जाने के चलते वह मर गया।

सहारनपुर एसएसपी विपिन टाडा ने कहा, 'अदालत के निर्देश के बाद तीन सब इंस्पेक्टर और नौ कांस्टेबल समेत 12पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। हम सभी आरोपी पुलिसकर्मियों की वर्तमान पोस्टिंग सहित उनका विवरण एकत्र कर रहे हैं। हमने एक नई जांच भी शुरू की है।”

उपनिरीक्षक यशपाल सिंह, असगर अली व ओमवीर सिंह, प्रधान आरक्षक सुखपाल सिंह, आरक्षक भरत सिंह, विपिन कुमार, प्रमोद कुमार, राजवीर सिंह (अब सेवानिवृत्त), नीतू यादव, देवेंद्र कुमार (सेवानिवृत्त), बृजेश (सेवानिवृत्त) व अंकित कुमार को रविवार को दर्ज प्राथमिकी में नामजद किया गया है।

दूसरी ओर, गोपाली पुलिस चौकी में तैनात 53 वर्षीय हेड कांस्टेबल सुखपाल सिंह को अदालत के आदेश के कुछ ही घंटे बाद ब्रेन हैमरेज हो गया और उन्हें एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, देवबंद कोतवाली थाने के प्रभारी हृदय नारायण सिंह ने कहा, “कानूनी प्रक्रिया शुरू हो गई है और एक बार जब हम एफआईआर में नामित लोगों की वर्तमान पोस्टिंग का विवरण एकत्र कर लेंगे, तो हम कार्रवाई शुरू कर देंगे। पता चला है कि 3 पुलिस अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

अखिलेश यादव सरकार में राज्य मंत्री रहे सपा नेता ईसा रजा ने कहा, 'मेरे चचेरे भाई जीशान के नाम पर दो लाइसेंसी हथियार थे। ये हथियार जिले के पुलिस अधिकारियों ने विस्तृत छानबीन के बाद जारी किए थे, तो वह बिना लाइसेंस वाली पिस्तौल क्यों ले जाएगा, जैसा कि तब पुलिस दावा कर रही थी? यही नहीं, उनकी मृत्यु के समय तक उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था। कहा- हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। हमारा परिवार काफी दबाव में था लेकिन हमने लड़ाई जारी रखी।”

अदालत पर पूरा भरोसा, मिलेगा इंसाफ : ईसा रजा

जीशान हैदर के चचेरे भाई सय्यद ईसा रजा ने कहा कि उन्हें अदालत पर पूरा भरोसा है। इसलिए वह कानूनी लड़ाई को हिम्मत के साथ लड़ रहे हैं। इस अवधि में एक समय ऐसा भी आया जब कुछ लोगों ने मामले में फैसला करने का दबाव बनाया, लेकिन वह कानूनी लड़ाई लड़ते रहे। उन्होंने इंसाफ पाने के लिए अदालत का सहारा लिया है।

यह था मामला
पांच सितंबर 2021 को गांव थीतकी में गोकशी की सूचना पर पुलिस जंगल में पहुंची थी। मुठभेड़ के दौरान जीशान हैदर के पैर में गोली लगने से वह गंभीर रुप से घायल हो गया था, जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी। पुलिस का दावा था कि भागते समय जीशान के हाथ में तमंचा था, जिससे चली गोली उसके पैर में लगी और दहशत के चलते उसकी मौत हो गई थी, जबकि इस मामले में मृतक की पत्नी अफरोज ने पुलिस के दावे को झूठा बताते हुए आरोप लगाया था कि पुलिस ने पूछताछ के लिए पति को घर से बुलाकर ले गई थी, जिसको जंगल में ले जाकर गोली माकर हत्या कर दी गई। अफरोज ने मामले में केंद्रीय गृहमंत्री सहित मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग और मानवाधिकार आयोग में इंसाफ की गुहार लगाई थी। वहीं, अदालत में पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। सीजेएम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने और 24 घंटे में पुलिस को आख्या प्रस्तुत करने आदेश दिए थे।

इंसाफ की लड़ाई जारी रहेगीः अफरोज

मृतक जीशान हैदर की पत्नी अफरोज ने कहा कि जिसने गलत किया, उसको सजा मिलनी चाहिए। वह रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए जाने पर अदालत का आभार जताती हैं। उनकी इंसाफ की लड़ाई जारी रहेगी।

अदालत द्वारा सुनवाई करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश देने पर खुशी जताते हुए अफरोज ने कहा कि अदालत ने उनके हक में सुनवाई कर यह साबित कर दिया कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है। उनके तीन पुत्र हैं। पुलिस की वजह से तीनों बेटों के सिर से पिता का साया उठ गया।

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