बच्चा स्कूल से वापस आते वक्त नल से पानी पीने के लिए पहुंचा, उस बच्चे की दलित पहचान के चलते नल के 'मालिक' का क्रोध आसमान में पहुंच गया
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राजस्थान के बाड़मेर में तिरसिंगदा गांव में एक प्यासा बच्चा स्कूल से लौटते समय नल से पानी पीने लगा। बच्चे के पानी पीने के चलते नल के 'मालिक' को गुस्सा आ गया, क्योंकि बच्चा दलित था। द मूकनायक की एक रिपोर्ट के अनुसार, तथाकथित "उच्च जाति" के व्यक्ति ने नल छूने पर दलित बच्चे की कथित तौर पर पिटाई कर दी। रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चे को इतनी बुरी तरह पीटा गया कि उसे रीढ़ की हड्डी में चोट लग सकती थी।
मूकनायक ने बताया कि दलित छात्र पर 12 नवंबर को हमला किया गया था। इस तरह के मामलों में मुख्यधारा के मीडिया की उदासीनता के चलते यह खबर राष्ट्रीय बहस में नहीं आई, और सोशल मीडिया पर वायरल होने पर सुर्खियों में आई। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, बच्चा प्यासा था और उसने पास के नल से पानी पी लिया जिससे उस नल के 'मालिक' ने हमला कर दिया। आरोपी ने बच्चे को जातिसूचक गाली गलौज करते हुए मारपीट भी की। बच्चे के परिवार ने आरोप लगाया कि पड़ोसियों द्वारा सूचना दिये जाने के बाद उन्होंने घायल बच्चे को पास के एक खेत में पाया। परिजन घायल बच्चे को रोते हुए देख अस्पताल ले गए।
सबरंगइंडिया ने बाड़मेर के डीएम, लोक बंधु को फोन किया तो बताया गया कि वह 26 नवंबर तक छुट्टी पर हैं। हालांकि जिला परिषद के सीईओ मोहन दान रत्नू ने कहा कि मामला एससी / एसटी सेल को भेज दिया गया है और जल्द ही एक रिपोर्ट की उम्मीद है। आधिकारिक प्रतिक्रिया मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा।
पीड़ित परिवार ने मीडिया को बताया कि आरोपी ने पीड़ित परिवार को धमकी दी है कि अगर वे फिर से उस इलाके से गुजरे तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के साथ कई धाराओं के तहत शिकायत दर्ज की है। हालांकि दलित परिवार का आरोप है कि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
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मूकनायक ने बताया कि दलित छात्र पर 12 नवंबर को हमला किया गया था। इस तरह के मामलों में मुख्यधारा के मीडिया की उदासीनता के चलते यह खबर राष्ट्रीय बहस में नहीं आई, और सोशल मीडिया पर वायरल होने पर सुर्खियों में आई। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, बच्चा प्यासा था और उसने पास के नल से पानी पी लिया जिससे उस नल के 'मालिक' ने हमला कर दिया। आरोपी ने बच्चे को जातिसूचक गाली गलौज करते हुए मारपीट भी की। बच्चे के परिवार ने आरोप लगाया कि पड़ोसियों द्वारा सूचना दिये जाने के बाद उन्होंने घायल बच्चे को पास के एक खेत में पाया। परिजन घायल बच्चे को रोते हुए देख अस्पताल ले गए।
सबरंगइंडिया ने बाड़मेर के डीएम, लोक बंधु को फोन किया तो बताया गया कि वह 26 नवंबर तक छुट्टी पर हैं। हालांकि जिला परिषद के सीईओ मोहन दान रत्नू ने कहा कि मामला एससी / एसटी सेल को भेज दिया गया है और जल्द ही एक रिपोर्ट की उम्मीद है। आधिकारिक प्रतिक्रिया मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा।
पीड़ित परिवार ने मीडिया को बताया कि आरोपी ने पीड़ित परिवार को धमकी दी है कि अगर वे फिर से उस इलाके से गुजरे तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के साथ कई धाराओं के तहत शिकायत दर्ज की है। हालांकि दलित परिवार का आरोप है कि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
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