देश की राजधानी में एक और बलात्कार व हत्या को लेकर आक्रोशित हुए लोग!

Written by Sabrangindia Staff | Published on: September 7, 2021
4 सितंबर से, नागरिक दिल्ली में 21 वर्षीय महिला की नृशंस हत्या और यौन उत्पीड़न के खिलाफ रोष व्यक्त कर हैं।


 
शाहीन बाग के गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने 21 वर्षीय नागरिक सुरक्षा अधिकारी के कथित यौन उत्पीड़न और हत्या मामले में न्याय की मांग करते हुए 5 सितंबर, 2021 को हाथों में मोमबत्तियां लेकर सड़कों पर मार्च किया।
 
SheThePeople के अनुसार, परिवार के सदस्यों को 27 अगस्त को महिला का शव बुरी तरह से क्षत-विक्षत मिला था। आरोपी निजामुद्दीन ने नई दिल्ली के कालिंदी कुंज पुलिस थाने में आत्मसमर्पण कर दिया और दावा किया कि वह महिला का पति है। निजामुद्दीन ने पुलिस को बताया कि दोनों ने महिला के परिवार की सहमति के बिना गुपचुप तरीके से शादी कर ली। बाद में, उसने उस पर किसी अन्य व्यक्ति के साथ शामिल होने का आरोप लगाया और बहस के दौरान उसे चाकू मार दिया।
 
घटना से चार महीने पहले 21 वर्षीय निजामुद्दीन रक्षा बल में शामिल हुआ था। वह लाजपत नगर में काम से लौट रही थी जब निजामुद्दीन ने कथित तौर पर उसका अपहरण कर लिया। उसकी कथित तौर पर हरियाणा के सूरजकुंड में हत्या कर दी गई थी। संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी (एसएचओ) बताते हैं कि निष्पक्ष जांच की गई है।
 
हालांकि, परिवार ने इन दावों को खारिज कर दिया और कहा कि उनकी बेटी के दो सहयोगी अपराध में शामिल थे। सदस्यों ने बताया कि महिला की तलाश करते हुए उन्होंने कलेक्टर से संपर्क भी किया लेकिन कोई मदद नहीं मिली। उसके माता-पिता ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।


 
बहरहाल, अधिकारी की मौत की खबर ने न केवल जमीन पर बल्कि सोशल मीडिया पर भी व्यापक आक्रोश पैदा किया है। अपराध के लिए न्याय की मांग करने वाले हैशटैग ट्विटर, फेसबुक और अन्य वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर प्रसारित हो रहे हैं।
 
तेलंगाना के कामारेड्डी जिले में नागरिकों ने कैंडल मार्च निकाला। इसी तरह राजस्थान के सीकर जिले में कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया और उसी राज्य की एसडीपीआई पार्टी ने भी विरोध किया और जघन्य वारदात में न्याय की मांग की। क्षेत्रीय मीडिया द्वारा दिखाए गए  समाचार अनुसार, "हम शर्मिंदा हैं, तुम्हारे हत्यारे जिंदा हैं" के नारे सोशल मीडिया और विरोध स्थलों पर लगाए जा रहे हैं।
 
यह लगातार दूसरा महीना है जब हरियाणा में यौन उत्पीड़न का जघन्य अपराध हुआ और भारत की राजधानी के पास तीसरी ऐसी घटना हुई। फिर भी उनकी मृत्यु की खबर पर मुख्यधारा के मीडिया का ध्यान नहीं गया। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग को लेकर जमीनी स्तर पर विरोध प्रदर्शन जारी है।

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