ऑक्सीजन की कमी को दिल्ली HC ने बताया 'जॉर्ज फ्लॉयड क्षण

Written by Sabrangindia Staff | Published on: May 22, 2021
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए लोगों द्वारा आयातित ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर केंद्र की तरफ से लगाए गए एकीकृत माल एवं सेवा कर (एकीकृत जीएसटी) को असंवैधानिक करार दिया।



ये फैसला देते हुए अदालत ने कहा कि कोविड-19 महामारी भारत के नागरिकों के लिए ‘जॉर्ज फ्लॉयड क्षण’ की तरह है, जहां ऑक्सीजन, अस्पताल में बिस्तरों और अन्य चिकित्सा उपकरणों की कमी ने सबसे अच्छे और बुरे लोगों को सामने ला दिया है। जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस तलवंत सिंह ने इस संदर्भ में वित्त मंत्रालय की एक मई को जारी अधिसूचना को खारिज कर दिया।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पीठ ने कहा कि इस देश के लोगों के लिए यह ‘जॉर्ज फ्लॉयड क्षण’ है। पीठ ने कहा कि ‘मैं सांस नहीं ले सकता’ (I can’t breathe), ये अलग संदर्भ और स्थिति में कहे गए थे, हालांकि इन परिस्थितियों में कुछ लोग इसे बहुत अधिक भयावह कहेंगे। पीठ ने कहा कि कोरोना वायरस लोगों को हताशा और निराशा की तरफ ले गया है।

अमेरिका में 46 वर्षीय अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पिछले साल मई में गिरफ्तारी के दौरान हुई थी, जब पुलिस बल ने उनके साथ क्रूरता से व्यवहार किया था। एक पुलिस अधिकारी ने फ्लॉयड की गर्दन पर अपने घुटने से नौ मिनट से ज्यादा वक्त तक दबाव बनाकर उन्हें जमीन पर गिराए रखा था, जबकि वह बार-बार कह रहे थे कि ‘मैं सांस नहीं ले सकता’। इसके बाद उनकी मौत हो जाती है। फ्लॉयड की निर्मम मौत से अमेरिका में हिंसक प्रदर्शन हुए थे।

महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए पीठ ने कहा कि तरल चिकित्सा ऑक्सीजन, दवाओं, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, अस्पताल में बिस्तर, वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सा उपकरणों की कमी ने सबसे अच्छे और बुरे लोगों को सामने ला दिया है। हमारे पास मसीहा भी हैं, नीक-हकीम भी और जमाखोर भी हैं।

पीठ ने कहा कि हमने अजनबियों में दयालु और देखभाल करने वालों को देखा, जबकि वे अपने घरों में सुरक्षित रह सकते थे। बहादुर दिल वाले कई हैं; डॉक्टर, नर्स और सार्वजनिक संस्थानों के कर्मचारी हैं। ये वे लोग हैं जो इस लड़ाई में सबसे आगे हैं, अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं, ताकि आम आदमी जी सके। इस वायरस को मात देना, उनका एकमात्र लक्ष्य है। इस प्रकार इस मुकदमे में वायरस के अलावा कोई विरोधी नहीं है।

ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर को वर्तमान समय में जीवनरक्षक दवाओं के बराबर बताते हुए अदालत ने कहा कि हम व्यक्तियों द्वारा आयात किए जाने वाले और व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपहार (मुफ्त) के रूप में प्राप्त होने वाले ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटरों पर एकीकृत जीएसटी लगाने को असंवैधानिक करार देते हैं। इसके साथ अदालत ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय की 1 मई की अधिसूचना को रद्द कर दिया, जिसमें सरकार ने कहा था कि व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयातित ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, चाहे वे उपहार में लिए गए हो या किसी अन्य माध्यम से, पर 12 प्रतिशत का एकीकृत जीएसटी लगाया जाएगा।

1 मई से पहले किसी भी आयातक को व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपहार में दिए गए ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर के लिए 28 प्रतिशत एकीकृत जीएसटी का भुगतान करना पड़ता था। हालांकि ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर के दुरुपयोग को रोकने के लिए अदालत ने कहा कि ऐसे व्यक्तियों को अधिकारियों को यह लिखित में देना होगा कि इसे व्यावसायिक उपयोग के लिए नहीं बल्कि व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयात किया जा रहा है।

अदालत का फैसला 85 वर्षीय गुरचरण सिंह की याचिका पर आया, जो कोविड-19 से पीड़ित थे, जिसमें व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपहार के रूप में ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर के आयात पर एकीकृत जीएसटी लगाने को चुनौती दी गई थी। याचिका में उन्होंने कहा था कि उनके भतीजे ने उनकी हालत में सुधार के लिए अमेरिका से उपहार के रूप में उनके लिए एक ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर भेजा था।

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