पश्चिम बंगाल के लिए भाजपा का घोषणापत्र: नौकरी में महिलाओं को आरक्षण, CAA लागू करने का वादा

Written by Sabrangindia Staff | Published on: March 22, 2021
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को घोषणा की कि यदि पश्चिम बंगाल में उसकी सरकार बनती है तो राज्य सरकार की सभी नौकरियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण, पांच साल के भीतर प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को रोजगार और मंत्रिमंडल की पहली बैठक में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू किया जाएगा।



केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए भाजपा का चुनाव घोषणा पत्र ‘सोनार बांग्ला संकल्प पत्र’ जारी करते हुए यह भी दावा कि यदि राज्य में भाजपा की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री शरणार्थी योजना की शुरुआत की जाएगी और इसके तहत प्रत्येक शरणर्थी परिवार को पांच साल तक प्रति वर्ष 10 हजार रुपये दिए जाएंगे। शाह ने यह भी कहा कि बांग्ला को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए केंद्र सरकार हरसंभव प्रयास करेंगी।

उन्होंने कहा, ‘हमने तय किया है कि नागरिकता संशोधन कानून को पहली ही कैबिनेट में लागू करेंगे और मुख्यमंत्री शरणार्थी योजना के तहत प्रत्येक शरणार्थी परिवार को पांच साल तक सीधे बैंक खाते में 10 हजार रुपये प्रतिवर्ष दिए जाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार की सभी नौकरियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ देने के साथ ही 75 लाख किसानों को जो 18 हजार रुपये तीन साल से ममता दीदी ने नहीं पहुंचाया है, वह भी सीधे किसानों को बैंक खाते में देंगे।’

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत हर वर्ष किसानों को भारत सरकार की ओर से जो 6000 रुपये दिए जाते हैं, उसमें राज्य सरकार का चार हजार रुपया जोड़कर दिया जाएगा। इसके अलावा मत्स्य पालकों को हर वर्ष छह हजार रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद पांच साल में हर परिवार के एक सदस्य को रोजगार देंगे।’

घोषणा पत्र जारी करने के अवसर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, राष्ट्रीय महासचिव व पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और प्रदेशा के भाजपा सांसद सहित अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।

शाह ने कहा कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र को हमेशा एक संकल्प पत्र के रूप में स्थान दिया है। उन्होंने कहा कि यह पार्टी का संकल्प है कि कैसे पश्चिम बंगाल को ‘सोनार बांग्ला’ के रूप में परिवर्तित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संकल्प पत्र के लिए भाजपा ने विभिन्न माध्यमों से बंगाल के जन-जन तक पहुंचने का प्रयत्न किया और फिर यह संकल्प पत्र तैयार किया। उन्होंने कहा, ‘संकल्प पत्र हमारे सोनार बांग्ला के संकल्प पर आधारित है और यह बजट के अनुकूल हो इसका भी ध्यान रखा गया है।’ उन्होंने कहा कि बंगाल ने सदियों तक भारत की अगुवाई की है और वह चाहे आजादी का संग्राम रहा हो, चाहे राजनीति का क्षेत्र या फिर विज्ञान, शिक्षा और साहित्य का।

राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए शाह ने दावा कि पिछले 10 वर्षों में बंगाल के अंदर तृणमूल कांग्रेस के कुशासन ने एक ‘काले अध्याय’ की शुरुआत की है, जिसकी वजह से चारों ओर निराशा व्याप्त है। उन्होंने कहा, ‘ममता बनर्जी ने अपने वोट बैंक के लिए तुष्टीकरण को चरम सीमा पर पहुंचाया है। देश की सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषयों को भी इन्होंने वोट बैंक की राजनीति से जोड़कर देखा। परंपरागत उत्सवों को भी वोट बैंक की राजनीति का जरिया बनाया।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर वोट बैंक के लिए तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि उनका ‘मां, माटी मानुष’ का वादा बेमानी था क्योंकि उनके 10 वर्षों के शासन में आम जनता बेहाल रही जबकि उनकी पार्टी के नेता ‘मालामाल’ होते चले गए। एक चुनावी रैली को यहां संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगाल में भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्थाएं मिलें, विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता मिले और महाविद्यालयों व विश्वविद्याालयों की आधुनिकता बढ़े, इसके लिए भाजपा की सरकार जरूरी है।

ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति ने आपको क्या बना दिया है। आपने अपना ये असली चेहरा 10 साल पहले दिखा दिया होता तो बंगाल में कभी आपकी सरकार नहीं बनती। ये हिंसा, ये अत्याचार, ये उत्पीड़न ही करना था तो फिर मां-माटी-मानुष की बात क्यों की आपने?’प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगाल में ‘असली परिवर्तन’ लाने के भाजपा के संकल्प का मतलब है कि यहां एक ऐसी सरकार लाना है, जो सरकारी योजनाओं का पैसा सौ फीसदी गरीबों तक पहुंचाए, ‘तोलाबाजों और सिंडिकेट’ को जेल भेजे और भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्रवाई करे।

उन्होंने कहा, ‘अब भ्रष्टाचार का खेल नहीं चलेगा। अब सिंडिकेट का खेल नहीं चलेगा। अब कट मनी का खेल नहीं चलेगा। बंगाल के लोगों ने ठान लिया है। दो मई को दीदी जा रही है। असॉल पोरिबोर्तोन (असली परिवर्तन) आ रहा है। असली परिवर्तन बंगाल के विकास के लिए, बंगाल के गौरव को बढ़ाने के लिए। ऐसी सरकार लाने के लिए जो गरीबों की सेवा लाने लिए। असली परिवर्तन अब बंगाल में भाजपा लाकर दिखाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘स्कीम किसी भी सरकार की हो, किसी ने भी लागू की हो लेकिन तृणमूल कांग्रेस स्कैम के लिए कोई न कोई तरीका निकाल ही लेती है। तृणमूल कांग्रेस का मंत्र ही है कि जहां स्कीम, वहां स्कैम।’प्रधानमंत्री ने दावा किया कि केंद्र के आयुष्मान भारत, पीएम किसान सम्मान निधि और ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर’ से जुड़ी योजनाओं में ‘स्कैम’ संभव नहीं था इसलिए ममता सरकार ने इन्हें लागू करने से ही इनकार कर दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह जब चुनावी रैली को संबोधित करने सभा स्थल पहुंच रहे थे, तब उन्होंने देखा कि यहां ‘दीदी के लोग दीवारों पर तस्वीरें बना रहे हैं जिसमें ‘दीदी मेरे सिर पर अपना पैर मार रही हैं।’ मोदी ने कहा, ‘दीदी मेरे सिर के साथ फुटबॉल खेल रही हैं।’ उन्होंने पूछा, ‘आप बंगाल के संस्कार, यहां की महान परंपरा का अपमान क्यों कर रही हैं दीदी?’

प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी पर हमला करते हुए कहा कि वह अब उन्हें बंगाल के लोगों के सपनों और गरीब आदिवासी-वनवासी भाई-बहनों को ‘लात’ नहीं मारने देंगे। प्रधानमंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल खड़ा करने के लिए भी ममता बनर्जी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, ‘दीदी अभी से ईवीएम पर सवाल खड़े करने लगी हैं। 10 साल जिस ईवीएम ने उन्हें सत्ता सौंपी, वही ईवीएम अब उन्हें रास नहीं आ रही है। साफ है, दीदी आपको पराजय दिन में भी दिखता है और पराजय रात में भी दिखता है।’

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