नई दिल्ली। नंदीग्राम में एक हादसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घायल होने के बाद सुरक्षा निदेशक विवेक सहाय और पूर्व मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक प्रवीन प्रकाश को रविवार को निलंबित कर दिया गया। चुनाव आयोग ने यह जानकारी दी। आयोग ने कहा कि उस घटना के सिलसिले में जिला मजिस्ट्रेट विभु गोयल को भी हटा दिया गया है और गैर-चुनावी पद पर उनका तबादला कर दिया गया है।

एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव की ओर से दी गई रिपोर्ट और विशेष आम पर्यवेक्षकों अजय नायक तथा विवेक दुबे की संयुक्त रिपोर्ट पर आयोग की एक बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। हादसा 10 मार्च को हुआ था।
वक्तव्य में कहा गया, 'इन रिपोर्टों को देखने के बाद आयोग ने फैसला लिया है कि आईपीएस विवेक सहाय, निदेशक सुरक्षा को इस पद से हटाया जाएगा और तत्काल निलंबन में रखा जाएगा। बतौर सुरक्षा निदेशक जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करने की उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी अदा नहीं कर पाने के कारण हफ्ते भर के भीतर उनके खिलाफ आरोप तय किए जाने चाहिए।' आयोग ने कहा कि मुख्य सचिव को पुलिस महानिदेशक के साथ परामर्श करके नए सुरक्षा निदेशक के बारे में तत्काल फैसला करने का अधिकार है।
वक्तव्य में कहा गया, 'स्मिता पांडे को तत्काल जिलाधिकारी और पूर्व मेदिनीपुर का डीईओ बनाया जाता है। वह विभु गोयल की जगह लेंगी। गोयल का गैर-चुनावी पद पर तबादला किया जाएगा। पूर्व मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक प्रवीण प्रकाश को भी तत्काल निलंबन में भेजा जाएगा और बंदोबस्त करने में बड़ी नाकामी के लिए उनके खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे।' सुनील कुमार यादव को पूर्वी मेदिनीपुर का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया। आयोग ने कहा कि मुख्य सचिव सुनिश्चित करेंगे कि नंदीग्राम मामले की जांच पूरी और अगले पंद्रह दिन में कानून के हिसाब से कार्रवाई हो। इस संबंध में आयोग को 31 मार्च 2021 तक रिपोर्ट भेजी जाएगी।
इसके साथ ही इस घटना पर चुनाव आयोग ने कहा है कि उनके साथ बुधवार को जो हुआ था वह एक दुर्घटना थी। इसने ममता पर हमले की रिपोर्टों से इनकार किया है। इसने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री के सुरक्षा कर्मियों की लापरवाही भी सामने आई है। आयोग को शुक्रवार को उस घटना के संदर्भ में रिपोर्ट सौंपी गई थी। आयोग का यह बयान तब आया है जब ममता बनर्जी आज ही कोलकाता में व्हील चेयर पर प्रचार करने निकली हैं। माना जा रहा है कि ममता को चोट लगने, अस्पताल में भर्ती होने और फिर व्हील चेयर पर प्रचार करने से बीजेपी को नुक़सान हो सकता है।
तृणमूल प्रमुख को बुधवार को नंदीग्राम में उनके बाएं पैर, दाहिने कंधे, बाँह के अगले हिस्से और गर्दन पर चोटें आई थीं। उन्हें इलाज के लिए कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल लाया गया था, जहां से शुक्रवार शाम को उन्हें छुट्टी दे दी गई। ममता ने कहा था कि उन्हें नंदीग्राम की यात्रा के दौरान उनकी कार की तरफ़ चार-पांच लोगों ने धक्का दिया था और उसका दरवाजा बंद कर दिया था। उन्होंने कहा था कि उनके आपसास कोई पुलिसकर्मी नहीं था।
बाद में जब ममता ने उस बारे में बयान दिया तो उन्होंने हमले का ज़िक्र नहीं किया था। उन्होंने कहा था, 'मैं कार बोनट से लोगों का अभिवादन कर रही थी और एक बड़ा दबाव आया और कार ने मेरा पैर कुचल दिया।'
बीजेपी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले में शुक्रवार को चुनाव आयोग के अफ़सरों से मुलाक़ात की थी और ममता के साथ हुई इस घटना से जुड़ा एक वीडियो उन्हें सौंपा था। बीजेपी नेताओं ने मांग की थी कि इस वीडियो को सार्वजनिक किया जाए। तृणमूल पार्टी ने कहा था कि चुनाव आयोग को राज्य के पुलिस प्रमुख को बदलना नहीं चाहिए था।
इस मामले में चुनाव आयोग ने जाँच के आदेश दिए थे। एक दिन पहले ही शुक्रवार को राज्य के मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी थी, लेकिन चुनाव आयोग इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं था और उसने विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। मुख्य सचिव अलापान बंदोपाध्याय ने शुक्रवार शाम को चुनाव आयोग को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि नंदीग्राम में ममता के पैर में चोट कार के दरवाज़े के कारण लगी है।

एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव की ओर से दी गई रिपोर्ट और विशेष आम पर्यवेक्षकों अजय नायक तथा विवेक दुबे की संयुक्त रिपोर्ट पर आयोग की एक बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। हादसा 10 मार्च को हुआ था।
वक्तव्य में कहा गया, 'इन रिपोर्टों को देखने के बाद आयोग ने फैसला लिया है कि आईपीएस विवेक सहाय, निदेशक सुरक्षा को इस पद से हटाया जाएगा और तत्काल निलंबन में रखा जाएगा। बतौर सुरक्षा निदेशक जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करने की उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी अदा नहीं कर पाने के कारण हफ्ते भर के भीतर उनके खिलाफ आरोप तय किए जाने चाहिए।' आयोग ने कहा कि मुख्य सचिव को पुलिस महानिदेशक के साथ परामर्श करके नए सुरक्षा निदेशक के बारे में तत्काल फैसला करने का अधिकार है।
वक्तव्य में कहा गया, 'स्मिता पांडे को तत्काल जिलाधिकारी और पूर्व मेदिनीपुर का डीईओ बनाया जाता है। वह विभु गोयल की जगह लेंगी। गोयल का गैर-चुनावी पद पर तबादला किया जाएगा। पूर्व मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक प्रवीण प्रकाश को भी तत्काल निलंबन में भेजा जाएगा और बंदोबस्त करने में बड़ी नाकामी के लिए उनके खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे।' सुनील कुमार यादव को पूर्वी मेदिनीपुर का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया। आयोग ने कहा कि मुख्य सचिव सुनिश्चित करेंगे कि नंदीग्राम मामले की जांच पूरी और अगले पंद्रह दिन में कानून के हिसाब से कार्रवाई हो। इस संबंध में आयोग को 31 मार्च 2021 तक रिपोर्ट भेजी जाएगी।
इसके साथ ही इस घटना पर चुनाव आयोग ने कहा है कि उनके साथ बुधवार को जो हुआ था वह एक दुर्घटना थी। इसने ममता पर हमले की रिपोर्टों से इनकार किया है। इसने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री के सुरक्षा कर्मियों की लापरवाही भी सामने आई है। आयोग को शुक्रवार को उस घटना के संदर्भ में रिपोर्ट सौंपी गई थी। आयोग का यह बयान तब आया है जब ममता बनर्जी आज ही कोलकाता में व्हील चेयर पर प्रचार करने निकली हैं। माना जा रहा है कि ममता को चोट लगने, अस्पताल में भर्ती होने और फिर व्हील चेयर पर प्रचार करने से बीजेपी को नुक़सान हो सकता है।
तृणमूल प्रमुख को बुधवार को नंदीग्राम में उनके बाएं पैर, दाहिने कंधे, बाँह के अगले हिस्से और गर्दन पर चोटें आई थीं। उन्हें इलाज के लिए कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल लाया गया था, जहां से शुक्रवार शाम को उन्हें छुट्टी दे दी गई। ममता ने कहा था कि उन्हें नंदीग्राम की यात्रा के दौरान उनकी कार की तरफ़ चार-पांच लोगों ने धक्का दिया था और उसका दरवाजा बंद कर दिया था। उन्होंने कहा था कि उनके आपसास कोई पुलिसकर्मी नहीं था।
बाद में जब ममता ने उस बारे में बयान दिया तो उन्होंने हमले का ज़िक्र नहीं किया था। उन्होंने कहा था, 'मैं कार बोनट से लोगों का अभिवादन कर रही थी और एक बड़ा दबाव आया और कार ने मेरा पैर कुचल दिया।'
बीजेपी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले में शुक्रवार को चुनाव आयोग के अफ़सरों से मुलाक़ात की थी और ममता के साथ हुई इस घटना से जुड़ा एक वीडियो उन्हें सौंपा था। बीजेपी नेताओं ने मांग की थी कि इस वीडियो को सार्वजनिक किया जाए। तृणमूल पार्टी ने कहा था कि चुनाव आयोग को राज्य के पुलिस प्रमुख को बदलना नहीं चाहिए था।
इस मामले में चुनाव आयोग ने जाँच के आदेश दिए थे। एक दिन पहले ही शुक्रवार को राज्य के मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी थी, लेकिन चुनाव आयोग इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं था और उसने विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। मुख्य सचिव अलापान बंदोपाध्याय ने शुक्रवार शाम को चुनाव आयोग को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि नंदीग्राम में ममता के पैर में चोट कार के दरवाज़े के कारण लगी है।