टूलकिट मामला: निकिता जैकब को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत, तीन सप्ताह तक गिरफ्तारी पर रोक

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 17, 2021
नई दिल्ली। मुंबई की वकील निकिता जैकब को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत मिली है। अदालत ने बुधवार को निकिता की गिरफ़्तारी पर तीन हफ़्ते तक की रोक लगा दी है। पुलिस ने सोमवार को निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया था। दोनों के ख़िलाफ़ दर्ज केस में उन पर ग़ैर जमानती धाराएं लगाई गई हैं। 



सूत्रों के मुताबिक़, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम 11 फ़रवरी को निकिता जैकब की खोज में उनके घर पहुंची थी। पुलिस के मुताबिक़, निकिता ने कहा था कि वह जांच में शामिल होंगी लेकिन वह अंडरग्राउंड हो गयीं। इसके बाद निकिता ने पुलिस की कार्रवाई से राहत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। 

पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ़्तारी के बाद से ही दिल्ली पुलिस निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु की तलाश कर रही है। पुलिस ने कहा है कि दिशा ने निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु के साथ मिलकर एक टूलकिट तैयार की थी। इस टूलकिट को स्वीडन की पर्यावरणविद् ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) ने ट्वीट किया था। 

पुलिस का दावा है कि इस टूलकिट के पीछे खालिस्तानी अलगाववादी संगठन पोएटिक जस्टिस फ़ाउंडेशन का हाथ है। इस संगठन ने निकिता जैकब से भी संपर्क किया था और कहा था कि वह गणतंत्र दिवस के दिन हुई किसानों की रैली से पहले ट्वीट करें। 

दिशा रवि को शनिवार को गिरफ़्तार किया गया था, इसके बाद उसे दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया और पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। दिशा पर आरोप है कि उसने इस टूलकिट को तैयार करने और इसे सोशल मीडिया पर आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। 

3 फरवरी को ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों के समर्थन में इस टूलकिट को ट्वीट किया था। लेकिन बाद में उन्होंने इसे डिलीट कर अपडेटेड टूलकिट को ट्वीट किया था। दिशा पर राजद्रोह, आपराधिक साज़िश रचने सहित कई गंभीर मुक़दमे दर्ज किए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि दिशा ने एक वॉट्सऐप ग्रुप भी बनाया था और इस टूलकिट को बनाने में सहयोग किया था। 

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