इस्लाम या ईसाई में धर्मांतरण करने वाले दलितों को चुनाव में SC आरक्षण का लाभ नहीं- केंद्रीय मंत्री

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 13, 2021
नई दिल्ली। इस्लाम या ईसाई धर्म में धर्मांतरण करने वाले दलित वर्ग के लोग अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा नहीं कर सकते। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकार प्रसाद ने एक सवाल के जवाब में राज्यसभा में ये जानकारी दी। प्रसाद ने भाजपा नेता जीवीएल नरसिम्हा राव के एक सवाल पर साफ किया- जिन हिंदुओं ने सिख या बौद्ध धर्म अपनाया है। ऐसे लोग एससी वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने और अन्य तरह के आरक्षण का लाभ पाने के पात्र हैं।



रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश का पैरा तीन एससी वर्ग की राज्यवार सूची को परिभाषित करता है। इसके अनुसार कोई व्यक्ति जो हिंदू, सिख और बौद्ध धर्म से अलग मानता है, उसे अनुसूचित जाति का सदस्य नहीं समझा जाएगा। वैध अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र के साथ कोई भी व्यक्ति आरक्षित स्थानों से चुनाव लड़ने के लिए योग्य है।

एक सवाल पर क्या सरकार जन प्रतिनिधित्व कानून और निर्वाचन नियमावली में ऐसे किसी संशोधन पर विचार कर रही है जिसमें स्पष्ट हो कि ईसाई या इस्लाम में धर्मांतरित होने वाले दलित आरक्षित सीटों से चुनाव लड़ने के योग्य नहीं होंगे। कानून मंत्री ने कहा कि सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव विचार में नहीं है। मालूम हो कि साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि जब कोई व्यक्ति हिंदू धर्म से धर्मांतरित होकर ईसाई बन जाता है तो व्यक्ति को एसएसी वर्ग से संबंधित नहीं माना जा सकता। 

उल्लेखनीय है कि हाल में भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने मांग उठाई थी कि हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई बनने वालों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोहरे आरक्षण का लाभ लेने के लिए कुछ लोग हिंदू धर्म को बदलकर ईसाई बनते हैं। ऐसे लोगों का आरक्षण खत्म होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा पर दलितों, पिछड़ों व मुस्लिम विरोधी होने का आरोप लगता था जबकि भाजपा ने मुस्लिम समाज से अब्दुल कलाम को और दलित समाज के रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाया।

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