गुजरात में कोरोना वायरस की स्थितियां काफी भयावह- हाईकोर्ट

Written by sabrang india | Published on: August 26, 2020
अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट ने सूरत में कोरोना की स्थिति और इससे सबंंधित दिक्कतों से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य में उभर रही स्थिति काफी भयावह है।



इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हाईकोर्ट ने कहा कि इस खराब स्थिति से निपटने के लिए राज्य को अपनी पूरी मशीनरी को दुरुस्त करने की जरूरत है।

गुजरात हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी 17 अगस्त को सुनवाई के दौरान की। हालांकि अदालत के इस आदेश को सोमवार को सार्वजनिक किया गया।

चीफ जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कि हालांकि सूरत में कोरोना की स्थिति पर राज्य की रिपोर्ट उत्साहजनक रुझान को दर्शा रही है, लेकिन मौजूदा समय में गुजरात में जो स्थितियां बन रही हैं, वह काफी भयावह है।

अदालत ने कहा कि हालांकि कोरोना से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन राज्य को अपनी मशीनरी दुरुस्त कर इस स्थिति से निपटने की जरूरत है।

अदालत ने कहा कि सूरत में स्थिति से अवगत कराने के अलावा वह यह जानना पसंद करेगा कि राज्य के सभी सिविल अस्पतालों विशेष रूप से- वडोदरा, राजकोट, भावनगर और गांधीनगर के अस्पतालों की मौजूदा स्थिति क्या है।

अदालत ने स्पष्ट किया है कि राज्य से इस बात की अपेक्षा की जारी है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव की विधिपूर्वक पुष्टि के साथ वह कोविड-19 की स्थिति पर शपथ-पत्र के रूप में एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे।

अदालत के समक्ष 17 अगस्त को पेश की गई आखिरी रिपोर्ट सरकारी वकील मनीषा शाह और स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सा शिक्षा के अतिरिक्त निदेशक डॉ। राघवेंद्र दीक्षित की थी।

गुजरात हाईकोर्ट कोरोना महामारी को लेकर अस्पतालों की दयनीय हालत और राज्य की स्वास्थ्य अव्यस्थताओं पर गुजरात सरकार को पहले भी फटकार लगा चुकी है।

इससे पहले जस्टिस जेबी पर्दीवाला और जस्टिस आईजे वोरा की पीठ ने इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए 22 मई को अपने आदेश में कहा था कि सरकार द्वारा संचालित अहमदाबाद सिविल अस्पताल की हालत ‘दयनीय और कालकोठरी से भी बदतर है।’

 

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