कांग्रेस ने मार्क जुकरबर्ग को लिखा पत्र, हेट कंटेंट पर कार्रवाई न करने की रिपोर्ट पर जांच की मांग

Written by sabrang india | Published on: August 19, 2020
नई दिल्ली। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल में भाजपा-आरएसएस और फेसबुक के बीच सांठ-गांठ पर रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। दरअसल रिपोर्ट में कहा गया है कि फेसबुक इंडिया ने नाराजगी के डर से भाजपा नेता की मुस्लिम विरोधी पोस्ट पर कार्रवाई नहीं की। वहीं मंगलवार को कांग्रेस ने इसको लेकर मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। 



कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से लिए गए पत्र में कहा गया है कि एक या दो महीने के भीतर यह जांच पूरी की जाए और इस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। बता दें कि वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में फेसबुक की दक्षिण और मध्य एशिया प्रभार की पॉलिसी निदेशक आंखी दास ने भाजपा नेता टी। राजा सिंह के खिलाफ फेसबुक के हेट स्पीच नियमों को लागू करने का विरोध किया था क्योंकि उन्हें डर था कि इससे कंपनी के संबंध भाजपा से बिगड़ सकते हैं।

टी राजा सिंह तेलंगाना विधानसभा में भाजपा के एकमात्र विधायक हैं और वह अपने सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ बयानों के लिए जाने जाते हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में फेसबुक के कुछ पूर्व और कुछ वर्तमान कर्मचारियों के हवाले से कहा गया था कि आंखी दास ने अपने स्टाफ को बताया कि मोदी के नेताओं द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर उन्हें दंडित करने से भारत में कंपनी की कारोबारी संभावनाओं को नुकसान पहुंच सकता है।

कांग्रेस ने अपने पत्र में कहा है कि रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि फेसबुक इंडिया के मौजूदा नेतृत्व ने एक राजनीतिक दल भाजपा का लगातार समर्थन किया है और इस पार्टी के नेताओं द्वारा फैलाए जा रहे हेट स्पीच को लेकर नरमी बरती है।

पार्टी ने कहा, ‘यह भारत के चुनावी लोकतंत्र में फेसबुक इंडिया द्वारा हस्तक्षेप करने का एक बहुत ही गंभीर आरोप है। रिपोर्ट यह भी बताती है कि फेसबुक इंडिया ने वॉल स्टीट जर्नल द्वारा जांच संबंधी पूछताछ के बाद अभद्र भाषा वाले पोस्ट हटा दिए, जो अगर सही है, तो अपराध स्वीकार करने का स्पष्ट मामला बनता है।’

कांग्रेस पार्टी ने मांग की गई है कि इस मामले में जांच पूरी किए जाने तक फेसबुक इंडिया ऑपरेशन की देखरेख एक नई टीम द्वारा किया जाना चाहिए।

इसके अलावा कांग्रेस ने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग से यह भी मांग की है कि साल 2014 से ऐसे सभी हेट स्पीच के उदाहरणों को सार्वजनिक किया जाए, जिसे फेसबुक पेज से हटाया नहीं गया है।

कांग्रेस द्वारा मार्क जुकरबर्ग को पत्र ऐसे समय पर लिखा गया है जब सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि वे इस मामले में फेसबुक का पक्ष सुनना चाहेंगे।

थरूर ने कहा है कि यह विषय इस संसदीय समिति के कार्यक्षेत्र में हैं और जब समिति अपना कामकाज शुरू करेगी तो इस मामले पर जरूर चर्चा की जाएगी।

हालांकि समिति के भाजपा सदस्यों का कहना है कि स्थायी समिति तब तक किसी विषय पर चर्चा नहीं कर सकती है जब तक इसके सदस्यों में सर्वसम्मति न बन जाए। उन्होंने कहा है कि इस संबंध में समिति के अध्यक्ष एकतरफा फैसला नहीं ले सकते हैं।

इस मामले में विवाद बढ़ने के बाद फेसबुक इंडिया ने सफाई दी है कि उसके मंच पर नफरत या द्वेष फैलाने वालों ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहती है।

वहीं दूसरी ओर दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति ने बीते सोमवार को कहा कि वे आंखी दास सहित फेसबुक के अधिकारियों को समन भेजेंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में इस सोशल मीडिया के किसी अधिकारी का तो हाथ नहीं था।

आप विधायक राघव चड्ढा के नेतृत्व वाली समिति ने कहा कि उन्हें फेसबुक को लेकर कई शिकायत प्राप्त हुई हैं जिसमें ये आरोप लगाया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने जानबूझकर नफरती बयानों और हेट स्पीच पर उचित कदम नहीं उठाया है।

समिति ने एक प्रेस रिलीज में कहा, ‘शिकायतों में आरोप लगाया गया है कि घृणित और आपत्तिजनक सामग्री के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए फेसबुक अपनी व्यापक नीतियों और नियमों के बावजूद, बड़े पैमाने पर घृणित और सांप्रदायिक चीजों प्रसार पर आंखें मूंद रहा है, जो न केवल बुरा है बल्कि हिंसा और दंगा जैसी स्थिति को भड़काने की क्षमता रखता है।’

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