महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की मॉब लिंचिंग पर जमकर हंगामा हुआ। मीडिया का एक धड़ा, खासतौर पर अर्नब गोस्वामी चीख चीखकर सोनिया गांधी से सवाल पूछते रहे क्योंकि शायद उद्धव ठाकरे से सवाल पूछने की हिम्मत नहीं थी और वहां बीजेपी भी सत्ता में नहीं थी। लेकिन इसके चंद दिन बाद ही भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या कर दी गई। इस पर मीडिया का पुराना हल्ला गायब था। इसके बाद अयोध्या में एक साधु की भूख से मौत का मामला सामने आया जिसे पुलिस ने साधारण मौत बताकर मीडिया का मुंह सिल दिया। अब यूपी के अमरोहा में एक पुजारी की हत्या का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस हत्याकांड में बीजेपी नेता के भाई का नाम सामने आ रहा है।
दैनिक समाचार हिंदुस्तान लाइव की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा नेता के भाई ने प्याऊ मंदिर के पुजारी की ईंट से कूचकर हत्या की थी। पुजारी का मोबाइल नंबर सर्विलांस लगाने के बाद हत्या की घटना का खुलासा हुआ। दरअसल आरोपी बहन से झगड़ा करने के बाद गुस्से में मंदिर के पुजारी के पास रात को सोने गया था। इस पर पुजारी ने उसके साथ गाली-गलौज कर दी। इससे गुस्साए आरोपी ने उसकी हत्या कर दी और उसका मोबाइल लेकर वहां से फरार हो गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
शहर के सलेमपुर गोंसाई मार्ग पर स्थित गंगा प्याऊ मंदिर में रहने वाले ग्वालियर जिले के निवासी विजेंद्र गिरि पुत्र माया गिरि दो अप्रैल की रात को हत्या कर दी गई थी। पुजारी के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगाकर पुलिस ने हत्या का राज खोल दिया है। हत्या भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष रामरत्न के भाई भरत सिंह पुत्र जगराम ने की थी। पुलिस के मुताबिक दो अप्रैल को भरत बस्ती में स्थित अपनी बहन सुहागवती के यहां गया था। वहां से झगड़ा करने के बाद रात को भरत प्याऊ मंदिर में पुजारी के पास पहुंचा। वहां पुजारी ने उसके साथ गाली-गलौज कर दी। पहले से ही गुस्से में भरे भरत ने पुजारी को धक्का दे दिया। इससे उसका सिर मंदिर के पिलर में लगा और लहूलुहान हो गया। इसके बाद भरत ने ईंट से पुजारी का सिर कूच दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद भरत पुजारी का मोबाइल लेकर वहां से फरार हो गया। प्रभारी निरीक्षक जयवीर सिंह ने बताया कि तीन अप्रैल की दोपहर एक बजे कुछ देर के लिए मोबाइल का स्विच ऑन हुआ। उसकी लोकेशन गंगनगर में भरत सिंह के घर के आसपास मिली। जिससे पुजारी की हत्या का राज खुला।
दबी जुबान में कुछ और ही कह रहे लोग
गजरौला। शहर में बड़े पैमाने पर सट्टा होता है। यह बात अधिकतर लोगों की जानकारी में है। खास बात तो यह है कि पुजारी लोगों को सट्टे का नंबर बताता था। कई लोगों का नंबर सही निकला तो लोगों ने पुजारी से नंबर पूछना शुरू कर दिया। इसकी एवज में लोग पुजारी को शराब भी पिला देते थे। शहर के एक सट्टा कारोबारी को भी इसकी जानकारी हो गई थी। उसे सट्टे में नुकसान होने लगा था। यह बात लोग दबी जुबान में कह रहे हैं कि पुलिस ने घटना की सही खुलासा नहीं किया। लोगों को शक है कि सट्टे के कारोबारी ने ही पुजारी की हत्या की है।
दैनिक समाचार हिंदुस्तान लाइव की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा नेता के भाई ने प्याऊ मंदिर के पुजारी की ईंट से कूचकर हत्या की थी। पुजारी का मोबाइल नंबर सर्विलांस लगाने के बाद हत्या की घटना का खुलासा हुआ। दरअसल आरोपी बहन से झगड़ा करने के बाद गुस्से में मंदिर के पुजारी के पास रात को सोने गया था। इस पर पुजारी ने उसके साथ गाली-गलौज कर दी। इससे गुस्साए आरोपी ने उसकी हत्या कर दी और उसका मोबाइल लेकर वहां से फरार हो गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
शहर के सलेमपुर गोंसाई मार्ग पर स्थित गंगा प्याऊ मंदिर में रहने वाले ग्वालियर जिले के निवासी विजेंद्र गिरि पुत्र माया गिरि दो अप्रैल की रात को हत्या कर दी गई थी। पुजारी के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगाकर पुलिस ने हत्या का राज खोल दिया है। हत्या भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष रामरत्न के भाई भरत सिंह पुत्र जगराम ने की थी। पुलिस के मुताबिक दो अप्रैल को भरत बस्ती में स्थित अपनी बहन सुहागवती के यहां गया था। वहां से झगड़ा करने के बाद रात को भरत प्याऊ मंदिर में पुजारी के पास पहुंचा। वहां पुजारी ने उसके साथ गाली-गलौज कर दी। पहले से ही गुस्से में भरे भरत ने पुजारी को धक्का दे दिया। इससे उसका सिर मंदिर के पिलर में लगा और लहूलुहान हो गया। इसके बाद भरत ने ईंट से पुजारी का सिर कूच दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद भरत पुजारी का मोबाइल लेकर वहां से फरार हो गया। प्रभारी निरीक्षक जयवीर सिंह ने बताया कि तीन अप्रैल की दोपहर एक बजे कुछ देर के लिए मोबाइल का स्विच ऑन हुआ। उसकी लोकेशन गंगनगर में भरत सिंह के घर के आसपास मिली। जिससे पुजारी की हत्या का राज खुला।
दबी जुबान में कुछ और ही कह रहे लोग
गजरौला। शहर में बड़े पैमाने पर सट्टा होता है। यह बात अधिकतर लोगों की जानकारी में है। खास बात तो यह है कि पुजारी लोगों को सट्टे का नंबर बताता था। कई लोगों का नंबर सही निकला तो लोगों ने पुजारी से नंबर पूछना शुरू कर दिया। इसकी एवज में लोग पुजारी को शराब भी पिला देते थे। शहर के एक सट्टा कारोबारी को भी इसकी जानकारी हो गई थी। उसे सट्टे में नुकसान होने लगा था। यह बात लोग दबी जुबान में कह रहे हैं कि पुलिस ने घटना की सही खुलासा नहीं किया। लोगों को शक है कि सट्टे के कारोबारी ने ही पुजारी की हत्या की है।