असम के भाजपा नेता दिलीप कुमार पॉल ने अजीबो-गरीब बयान दिया है। भाजपा नेता का कहना है कि गाय का दूध निकालते समय बांसुरी बजाने से वह ज्यादा दूध देती है। दिलीप कुमार सिलचर से दो बार विधायक रह चुके हैं।
अंग्रेजी समाचार पत्र द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक दिलीप कुमार ने कहा कि भगवान कृष्ण की तरह बांसुरी बजाए जाने से गाय कई गुना अधिक दूध देती है। वह सिलचर में रविवार की शाम एक लोक उत्सव कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा किआधुनिक वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध किया है कि अगर हम भगवान कृष्ण की तरह बांसुरी बजाई जाए तो गाय कई गुना अधिक दूध देती है। उन्होंने कहा कि मैं कोई वैज्ञानिक नहीं हूं लेकिन भारतीय परंपराओं के व्यापक अध्ययन के साथ मैं कह सकता हूं कि ये दावे सही हैं और आजकल वैज्ञानिकों ने भी इन पर विश्वास करना शुरू कर दिया है।
2014 में सिलचर विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव जीतने के बाद पॉल पहली बार विधायक चुने गए थे। उन्होंने 39,000 वोटों के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष मोहन देव की पत्नी बिथिका देव को हराया था।
पॉल को असम विधानसभा का डिप्टी स्पीकर भी चुना गया, जो असम में किसी बंगाली भाषी विधायक के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। सिलचर में संयुक्त संसदीय समिति के अस्तित्व में आने से एक दिन पहले मई 2018 में पॉल ने फेसबुक पर ऐलान किया था कि वह पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
लंबे समय से आरएसएस के समर्थक रहे पॉल असम में बंगाली प्रभुत्व वाले बराक वैली के 15 विधायकों में से एक हैं। बराक वैली के तीन जिलों में लगभग 35 लाख बंगाली भाषी लोग रहते हैं, जिनमें से लगभग चार लाख लोगों के नाम एनआरसी के अंतिम मसौदे में शामिल नहीं हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल सिलचर से सांसद और ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव की आलोचना करने को लेकर पॉल विवादों में आ गए थे।
अंग्रेजी समाचार पत्र द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक दिलीप कुमार ने कहा कि भगवान कृष्ण की तरह बांसुरी बजाए जाने से गाय कई गुना अधिक दूध देती है। वह सिलचर में रविवार की शाम एक लोक उत्सव कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा किआधुनिक वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध किया है कि अगर हम भगवान कृष्ण की तरह बांसुरी बजाई जाए तो गाय कई गुना अधिक दूध देती है। उन्होंने कहा कि मैं कोई वैज्ञानिक नहीं हूं लेकिन भारतीय परंपराओं के व्यापक अध्ययन के साथ मैं कह सकता हूं कि ये दावे सही हैं और आजकल वैज्ञानिकों ने भी इन पर विश्वास करना शुरू कर दिया है।
2014 में सिलचर विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव जीतने के बाद पॉल पहली बार विधायक चुने गए थे। उन्होंने 39,000 वोटों के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष मोहन देव की पत्नी बिथिका देव को हराया था।
पॉल को असम विधानसभा का डिप्टी स्पीकर भी चुना गया, जो असम में किसी बंगाली भाषी विधायक के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। सिलचर में संयुक्त संसदीय समिति के अस्तित्व में आने से एक दिन पहले मई 2018 में पॉल ने फेसबुक पर ऐलान किया था कि वह पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
लंबे समय से आरएसएस के समर्थक रहे पॉल असम में बंगाली प्रभुत्व वाले बराक वैली के 15 विधायकों में से एक हैं। बराक वैली के तीन जिलों में लगभग 35 लाख बंगाली भाषी लोग रहते हैं, जिनमें से लगभग चार लाख लोगों के नाम एनआरसी के अंतिम मसौदे में शामिल नहीं हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल सिलचर से सांसद और ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव की आलोचना करने को लेकर पॉल विवादों में आ गए थे।