उन्नाव रेप पीड़िता की शिकायत पर रायबरेली में हुए सड़क हादसे के मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर, उनके भाई समेत दस लोगों के खिलाफ हत्या की साजिश का मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर के अनुसार उन्नाव रेप पीड़िता की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों ने ही उसकी गतिविधियों की सूचना जेल में बंद बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर को पहुंचाई थी।

बता दें कि बीते रविवार को एक ट्रक ने उन्नाव रेप पीड़िता की कार को टक्कर मार दी थी। इसमें पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गई थी जबकि इस हादसे में उसकी मौसी, चाची और ड्राइवर की मौत हो गई। पीड़िता को लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
वहीं पीड़ित लड़की के परिवार ने विधायक पर आरोप लगाया कि 'कार दुर्घटना लड़की को जान से मारने की साजिश' थी। पीड़िता के चाचा की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर में पुलिस ने बताया कि लड़की की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने उसके यात्रा प्लान की जानकारी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर और उसके सहयोगियों तक पहुंचाई। बता दें कि रविवार को हादसे के समय लड़की की सुरक्षा में तैनात कोई भी पुलिसकर्मी उसके साथ नहीं था।
लड़की की सुरक्षा में तैनात गनर सुरेश ने बताया कि कार में जगह नहीं होने के कारण सुरक्षाकर्मियों को रुकने के लिए कहा गया था। सुरेश ने बताया, 'चाची ने कहा था कि चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि पांच लोग जा रहे थे और शाम तक वापस आ जाएंगे।' एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि विधायक कुलदीप सेंगर और उनके सहयोगी इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार थे और पीड़ित परिवार पर केस वापस लेने के लिए लगातार दबाव बना रहे थे।
पीड़िता की मां ने कहा कि मामले के सह-आरोपी के बेटे शाही सिंह और गांव के एक अन्य युवक ने उन्हें धमकी दी थी। पीड़िता की मां का कहना है कि 'हमें पता चला है कि विधायक के लोग जिम्मेदार हैं। ये लोग पिछले कई दिनों से धमकी दे रहे थे। जब भी हम कोर्ट जाते थे तो कहते थे कि वह भले जेल में हैं, लेकिन उनके आदमी बाहर हैं। वह जेल के अंदर मोबाइल फोन यूज किया करता था। हमें न्याय चाहिए।' वहीं, पुलिस ने कहा कि वह पीड़ित परिवार के दावों की जांच कर रही है।
बता दें कि उन्नाव रेप मामला पिछले साल उस समय चर्चा में आया था जब, उस समय 16 साल की रही पीड़ित लड़की ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर न्याय के लिए प्रदर्शन किया था। पीड़ित लड़की ने आरोप लगाया था कि 2017 में नौकरी के लिए जब वह बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर के घर गई थी तो उसके साथ बलात्कार किया गया था। घटना के लगभग एक साल बाद अप्रैल 2018 में लड़की ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर के बाहर खुद को आग लगाने की कोशिश की थी।

बता दें कि बीते रविवार को एक ट्रक ने उन्नाव रेप पीड़िता की कार को टक्कर मार दी थी। इसमें पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गई थी जबकि इस हादसे में उसकी मौसी, चाची और ड्राइवर की मौत हो गई। पीड़िता को लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
वहीं पीड़ित लड़की के परिवार ने विधायक पर आरोप लगाया कि 'कार दुर्घटना लड़की को जान से मारने की साजिश' थी। पीड़िता के चाचा की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर में पुलिस ने बताया कि लड़की की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने उसके यात्रा प्लान की जानकारी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर और उसके सहयोगियों तक पहुंचाई। बता दें कि रविवार को हादसे के समय लड़की की सुरक्षा में तैनात कोई भी पुलिसकर्मी उसके साथ नहीं था।
लड़की की सुरक्षा में तैनात गनर सुरेश ने बताया कि कार में जगह नहीं होने के कारण सुरक्षाकर्मियों को रुकने के लिए कहा गया था। सुरेश ने बताया, 'चाची ने कहा था कि चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि पांच लोग जा रहे थे और शाम तक वापस आ जाएंगे।' एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि विधायक कुलदीप सेंगर और उनके सहयोगी इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार थे और पीड़ित परिवार पर केस वापस लेने के लिए लगातार दबाव बना रहे थे।
पीड़िता की मां ने कहा कि मामले के सह-आरोपी के बेटे शाही सिंह और गांव के एक अन्य युवक ने उन्हें धमकी दी थी। पीड़िता की मां का कहना है कि 'हमें पता चला है कि विधायक के लोग जिम्मेदार हैं। ये लोग पिछले कई दिनों से धमकी दे रहे थे। जब भी हम कोर्ट जाते थे तो कहते थे कि वह भले जेल में हैं, लेकिन उनके आदमी बाहर हैं। वह जेल के अंदर मोबाइल फोन यूज किया करता था। हमें न्याय चाहिए।' वहीं, पुलिस ने कहा कि वह पीड़ित परिवार के दावों की जांच कर रही है।
बता दें कि उन्नाव रेप मामला पिछले साल उस समय चर्चा में आया था जब, उस समय 16 साल की रही पीड़ित लड़की ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर न्याय के लिए प्रदर्शन किया था। पीड़ित लड़की ने आरोप लगाया था कि 2017 में नौकरी के लिए जब वह बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर के घर गई थी तो उसके साथ बलात्कार किया गया था। घटना के लगभग एक साल बाद अप्रैल 2018 में लड़की ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर के बाहर खुद को आग लगाने की कोशिश की थी।