बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह एक बार फिर चर्चा में आए हैं। बेबाकी से अपनी बात रखने वाले एक्टर नसीरुद्दीन शाह हाल ही में मॉब लिंचिंग में मारे गए लोगों के परिजनों से मिले। रविवार को हुई इस मुलाकात में नसीरुद्दीन शाह ने परिजनों को दिलासा दिया। 'घृणा अपराधों (Hate Crimes) में राज्य की सहभागिता' को लेकर मुंबई के दादर में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में नसीरुद्दीन शाह ने कहा, 'पीड़ित और उसके परिजनों को मॉब लिंचिंग में काफी कुछ भुगतना पड़ता है।' दादर इलाके में हुआ ये सम्मेलन 'डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया' ने आयोजित किया था।
शाह ने कहा, 'मैं पीड़ितों के परिवार से मिलकर गर्व महसूस कर रहा हूं और मैं इनके साहस को सलाम करता हूं। ये अपनी जिंदगी में हम लोगों से ज्यादा परेशानियों का सामना करते हैं। हम अपनी जिंदगी में इसका 2 प्रतिशत भी नहीं झेलते।' नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि उनको भी उनके कुछ कमेंट को लेकर काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने आगे कहा, 'कुछ लोगों ने मुझे गद्दार कहा, कुछ लोगों ने कहा कि मुझे पाकिस्तान चले जाना चाहिए। लेकिन ये ताने मॉब द्वारा मारे गए लोगों की तुलना में कुछ भी नहीं है।' उन्होंने आगे कहा, 'मेरी सहानुभूति और साथ इन लोगों के हमेशा रहेगा।'
नसीरुद्दीन शाह ने कुछ समय पहले देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर टिप्पणी की थी, जिसे लेकर उनकी काफी आलोचना भी की गई थी। उन्होंने बुलंदशहर में मॉब लिंचिंग में पुलिसकर्मी की मौत पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि पुलिसकर्मी की हत्या से ज्यादा तवज्जो गाय की मौत को दी गई। उन्होंने कहा था कि वे बच्चों के लिए चिंतित हैं।
शाह ने कहा, 'मैं पीड़ितों के परिवार से मिलकर गर्व महसूस कर रहा हूं और मैं इनके साहस को सलाम करता हूं। ये अपनी जिंदगी में हम लोगों से ज्यादा परेशानियों का सामना करते हैं। हम अपनी जिंदगी में इसका 2 प्रतिशत भी नहीं झेलते।' नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि उनको भी उनके कुछ कमेंट को लेकर काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने आगे कहा, 'कुछ लोगों ने मुझे गद्दार कहा, कुछ लोगों ने कहा कि मुझे पाकिस्तान चले जाना चाहिए। लेकिन ये ताने मॉब द्वारा मारे गए लोगों की तुलना में कुछ भी नहीं है।' उन्होंने आगे कहा, 'मेरी सहानुभूति और साथ इन लोगों के हमेशा रहेगा।'
नसीरुद्दीन शाह ने कुछ समय पहले देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर टिप्पणी की थी, जिसे लेकर उनकी काफी आलोचना भी की गई थी। उन्होंने बुलंदशहर में मॉब लिंचिंग में पुलिसकर्मी की मौत पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि पुलिसकर्मी की हत्या से ज्यादा तवज्जो गाय की मौत को दी गई। उन्होंने कहा था कि वे बच्चों के लिए चिंतित हैं।