मोदी सरकार को एक और झटका, 21 माह के निचले स्तर पर आ गया औद्योगिक उत्पादन

Written by Sabrangindia Staff | Published on: May 10, 2019
मशहूर अमेरिकी टाइम मैग्जीन में कवर स्टोरी के बाद केंद्र की मोदी सरकार को एक और बड़ा झटका लगा है। दरअसल औद्योगिक उत्पादन सूचकांक मार्च के दौरान गिरकर 21 माह के निचले स्तर पर आ गया है। मुख्य रूप से मेन्यूफेक्चरिंग सेक्टर में सुस्ती आने से इसमें 0.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।



केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (सीएसओ) की ओर से जारी हालिया आंकड़ों के मुताबिक औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आइआइपी) पिछले साल मार्च में बढ़कर 5.3 फीसद हो गया था। इससे पहले आइआइपी जून 2017 में 0.3 फीसदी गिरा था। वार्षिक आधार पर देखें तो बीते वित्त वर्ष 2018019 के दौरान आइआइपी घटकर 3.6 फीसद पर रह गया। उससे पिछले वित्त वर्ष में इसकी वृ्द्धि दर 4.4 फीसदी थी। वित्त वर्ष 2016-17 और 2015-16 के दौरान आइआइपी क्रमशः 4.6 और 3.3 फीसद पर था।

इस साल फरवरी का आइआइपी भी संशोधित किया गया। नए आंकड़ों के मुताबिक यह 0.1 फीसद घटकर 0.7 फीसदी रह गया। आइआइपी में 77.63 फीसदी की हिस्सेदारी वाले मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का सूचकांक इस साल मार्च में 0.4 फीसद घटकर 5.7 फीसद रह गया। कैपिटल गुड्स का सूचकांक 8.7 फीसदी घट गया जबकि पिछले साल मार्च में इसमें 3.1 फीसदी की गिरावट आई थी। पावर सेक्टर का सूचकांक घटकर 2.2 फीसद रह गया जबकि पिछले साल मार्च में 5.9 फीसद था। माइनिंग सेक्टर में रफ्तार 3.1 फीसद से घटकर 0.8 फीसद रह गई। उपयोगिता आधारित वर्गीकरण के अनुसार इस साल मार्च में प्राइमरी गुड्स में विकास दर 2.5 फसीद, इंटरमीडिएटरी गुड्स में –2.5 फीसदी और इन्फ्रास्ट्रक्चर व कंस्ट्रक्शन गुड्स में 6.4 फीसद रही।

इसी तरह कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स में वृद्धि दर नकारात्मक रही यानी क्रमशः -5.1 फीसदी और 0.3 फीसदी रही। उद्योगों के लिहाज से बात करें तो मैन्यूफैक्चरिंग के 23 उद्योग समूहों में से 12 समूहों में मार्च के दौरान वृ्द्धि दर पिछले साल के मुकाबले नकारात्मक रही।

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