बंद होने के कगार पर जेट एयरवेज, निवेशकों के 800 करोड़ रूपये डूबे

Written by sabrang india | Published on: April 18, 2019
नई दिल्ली। बंद होने की कगार पर खड़ी प्राइवेट एयरलाइन जेट एयरवेज का संकट बढ़ता जा रहा है। बीते बुधवार को जेट एयरवेज ने बैंकों द्वारा इमरजेंसी फंड की मदद के इनकार के बाद अपनी सभी विमान सेवाएं अस्‍थायी रूप से बंद कर दी हैं। वहीं इस एयरलाइन के संकट का असर गुरुवार को शेयर बाजार में देखने को मिला। कारोबार के दौरान जेट एयरवेज के शेयर करीब 30 फीसदी तक टूट गए। इस वजह से निवेशकों के 800 करोड़ रुपये से ज्‍यादा डूब गए हैं।



गुरुवार को कारोबार की शुरुआत में जेट एयरवेज का शेयर 217.70 रुपये के भाव पर खुला। कारोबार के कुछ ही मिनटों में जेट एयरवेज के शेयर में करीब 30 फीसदी की गिरावट आई और यह 168.60 रुपये के भाव पर आ गया। इस भाव पर आते ही जेट एयरवेज का मार्केट कैप 1916 करोड़ रह गया। इससे पहले मंगलवार को जेट एयरवेज का मार्केट कैप 2749 करोड़ रुपये पर बंद हुआ था।

इसका मतलब यह हुआ कि चंद मिनटों में 833 करोड़ रुपये निवेशकों की दौलत घट गई। बता दें कि मंगलवार को जेट एयरवेज का शेयर 241.85 रुपये के भाव पर बंद हुआ था। 1 अक्‍टूबर 2018 को सेंसेक्‍स में जेट एयरवेज का शेयर 163 रुपये के भाव पर आ गया। यह 52 सप्‍ताह का लो लेवल था। अगर एक साल के आंकड़ों पर गौर करें तो जेट एयरवेज के शेयर में 73 फीसदी तक गिरावट आई है। दरअसल, 18 अप्रैल 2018 को शेयर का भाव 618 रुपये था, जो 18 अप्रैल 2019 को घटकर 169 के लो पर आ गया। यानी एक साल में 73 फीसदी की गिरावट हुई है।

इस बीच नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने गुरुवार को कहा कि जेट एयरवेज के परिचालन बंद करने के बाद वह नियमों के तहत कार्रवाई करेगा। डीजीसीए का कहना है कि परिचालन दुबारा शुरू करने में हर संभव मदद की जाएगी। नियामक के मुताबिक, “जेट एयरवेज के 17 अप्रैल 2019 के बाद परिचालन अस्थायी तौर पर ठप करने के फैसले के बाद डीजीसीए संबद्ध नियमों के तहत प्रक्रियाओं का पालन करते हुये कार्रवाई करेगा।”

 

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