प्रोटोकॉल तोड़ते हुए मोदीजी प्रिंस के गले पड़ ही गए, कल यही प्रिंस पाकिस्तान को अपना दूसरा घर बता रहे थे. आज पुलवामा हमले को बिसराते हुए मोदीं रेड कारपेट बिछा रहे हैं. यह तिज़ारत जो न करवाए कम है..जी हाँ इसमे सियासत का रोल कम है और तिजारत का ही असली खेल है.
मोदी जी की यह प्रिंस से दूसरी मुलाकात है प्रिंस से मोदीजी ब्यूनर्स आयर्स में तब मिले थे जब प्रिंस मुहम्मद बिन सुलेमान पर अमेरिकी पत्रकार खशोजी की हत्या का आरोप सुर्खियों में था. विश्व का कोई नेता उनसे मिलना पसंद नही कर रहा था. इस मुलाकात में अजीत डोभाल का अहम रोल था.
यह एक तरह का नेक्सस है. भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल प्रिंस ओर सऊदी के शाही खानदान के विश्वस्त बने हुए हैं. सऊदी अरब के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर हुए कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल मौजूद रहते हैं और मोदी जी को सऊदी अरब के शाह सलमान ने अपने देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाज देते हैं.
सऊदी डिप्लोमैट के नेपाली महिलाओं के साथ रेप करने के मामले को सुलझाने की जिम्मेदारी भी डोभाल जी को सौपी जाती है और वही उन डिप्लोमेट को बिना कानूनी कार्यवाही के भारत से बाहर निकलने का सेफ पैसेज दिलवा देते हैं बदले में डोभाल के पुत्र सऊदी अरब के अमीर शेखों के सपोर्ट से कम्पनी बनाते हैं जिसमे उनके बिजनेस पार्टनर सऊदी राजकुमार है, तो दूसरा पार्टनर सैयद अली अब्बास एक पाकिस्तानी है.
आप पूछ सकते हैं कि इस सारे खेल में सऊदी का क्या फायदा ? दरअसल सदियों से बन्द समाज माने जाने वाला सउदी अरब अब बदलाव के दौर में है, प्रिंस भी जानता है कि यह तेल का धंधा ज्यादा सालो तक चलने वाला नही है जब दक्षिण अफ्रीका की जमीन से भूमिगत जल लगातार दोहन से गायब हो गया तो थोड़े दिनों में तेल के कुँए भी खाली हो जाएंगे, प्रिंस का शाही खानदान अब चाह रहा है कि सऊदी निजी निवेश आधारित अर्थव्यवस्था बने.
कुछ महीनों पहले सऊदी अरब सरकार ने अपनी कंपनी सरकारी तेल कम्पनी अरामको के लिए दुनिया का सबसे बड़ा IPO लाने का ऐलान किया था यह आईपीओ सऊदी अरब के प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान का ड्रीम प्रोजेक्ट था.
बाद में इस ऐलान को वापस लेना पड़ा, इसके पीछे उनकी दुनिया भर के बड़े इन्वेस्टर्स से करीब 7 लाख करोड़ फंड जुटाने की योजना थी, लेकिन निकट भविष्य में यह IPO आएगा ही ओर प्रिंस का भारत का दौरा भी इसी की एक कड़ी है.
दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी सऊदी अरामको भारत के महाराष्ट्र की 44 अरब डॉलर लागत वाली रिफाइनरी सह पेट्रोरसायन परियोजना में 50% हिस्सेदारी खरीदने की बात कर रही हैं, यह देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी होगी, साथ ही वह भारत में फ्यूल रिटेलिंग की अनुमति भी चाह रही है. अब आप अच्छी तरह से जानते है कि भारत मे इस क्षेत्र में कौन सी कम्पनी कार्यरत हैं ......वह कम्पनी हैं रिलायंस....
अब सबसे कमाल की बात समझिए प्रिंस ने पाकिस्तान में कल करार में भारी निवेश की बाते की है वह सारे करार पेट्रोलियम रिफाइनिंग, Liquified Natural Gas (LNG) और खनिज विकास के क्षेत्र से जुड़े हुए है
ओर इसी बीच रिलायन्स पाकिस्तान की आईपीएल जैसी स्पर्धा में PSL में स्पॉन्सर बन जाती है......कुछ बुझाया......
यह इस हाथ ले और उस हाथ दे कि बात है पाकिस्तान में रिलायंस सऊदी प्रिंस की गारंटी पर आगे बढ़ेगी और भारत मे मोदी सऊदी की गारंटी बनेंगे.
मोदी जी की यह प्रिंस से दूसरी मुलाकात है प्रिंस से मोदीजी ब्यूनर्स आयर्स में तब मिले थे जब प्रिंस मुहम्मद बिन सुलेमान पर अमेरिकी पत्रकार खशोजी की हत्या का आरोप सुर्खियों में था. विश्व का कोई नेता उनसे मिलना पसंद नही कर रहा था. इस मुलाकात में अजीत डोभाल का अहम रोल था.
यह एक तरह का नेक्सस है. भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल प्रिंस ओर सऊदी के शाही खानदान के विश्वस्त बने हुए हैं. सऊदी अरब के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर हुए कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल मौजूद रहते हैं और मोदी जी को सऊदी अरब के शाह सलमान ने अपने देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाज देते हैं.
सऊदी डिप्लोमैट के नेपाली महिलाओं के साथ रेप करने के मामले को सुलझाने की जिम्मेदारी भी डोभाल जी को सौपी जाती है और वही उन डिप्लोमेट को बिना कानूनी कार्यवाही के भारत से बाहर निकलने का सेफ पैसेज दिलवा देते हैं बदले में डोभाल के पुत्र सऊदी अरब के अमीर शेखों के सपोर्ट से कम्पनी बनाते हैं जिसमे उनके बिजनेस पार्टनर सऊदी राजकुमार है, तो दूसरा पार्टनर सैयद अली अब्बास एक पाकिस्तानी है.
आप पूछ सकते हैं कि इस सारे खेल में सऊदी का क्या फायदा ? दरअसल सदियों से बन्द समाज माने जाने वाला सउदी अरब अब बदलाव के दौर में है, प्रिंस भी जानता है कि यह तेल का धंधा ज्यादा सालो तक चलने वाला नही है जब दक्षिण अफ्रीका की जमीन से भूमिगत जल लगातार दोहन से गायब हो गया तो थोड़े दिनों में तेल के कुँए भी खाली हो जाएंगे, प्रिंस का शाही खानदान अब चाह रहा है कि सऊदी निजी निवेश आधारित अर्थव्यवस्था बने.
कुछ महीनों पहले सऊदी अरब सरकार ने अपनी कंपनी सरकारी तेल कम्पनी अरामको के लिए दुनिया का सबसे बड़ा IPO लाने का ऐलान किया था यह आईपीओ सऊदी अरब के प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान का ड्रीम प्रोजेक्ट था.
बाद में इस ऐलान को वापस लेना पड़ा, इसके पीछे उनकी दुनिया भर के बड़े इन्वेस्टर्स से करीब 7 लाख करोड़ फंड जुटाने की योजना थी, लेकिन निकट भविष्य में यह IPO आएगा ही ओर प्रिंस का भारत का दौरा भी इसी की एक कड़ी है.
दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी सऊदी अरामको भारत के महाराष्ट्र की 44 अरब डॉलर लागत वाली रिफाइनरी सह पेट्रोरसायन परियोजना में 50% हिस्सेदारी खरीदने की बात कर रही हैं, यह देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी होगी, साथ ही वह भारत में फ्यूल रिटेलिंग की अनुमति भी चाह रही है. अब आप अच्छी तरह से जानते है कि भारत मे इस क्षेत्र में कौन सी कम्पनी कार्यरत हैं ......वह कम्पनी हैं रिलायंस....
अब सबसे कमाल की बात समझिए प्रिंस ने पाकिस्तान में कल करार में भारी निवेश की बाते की है वह सारे करार पेट्रोलियम रिफाइनिंग, Liquified Natural Gas (LNG) और खनिज विकास के क्षेत्र से जुड़े हुए है
ओर इसी बीच रिलायन्स पाकिस्तान की आईपीएल जैसी स्पर्धा में PSL में स्पॉन्सर बन जाती है......कुछ बुझाया......
यह इस हाथ ले और उस हाथ दे कि बात है पाकिस्तान में रिलायंस सऊदी प्रिंस की गारंटी पर आगे बढ़ेगी और भारत मे मोदी सऊदी की गारंटी बनेंगे.