आगरा। उत्तर प्रदेश में आगरा के गांव लालऊ की छात्रा संजलि को हमलावरों ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। छात्रा ने इलाज के दौरान दिल्ली में दम तोड़ दिया है, लेकिन उसे जिंदा जलाने वाले आरोपियों की पहचान तक नहीं हो पाई है। पुलिस को गांव के ही एक युवक पर शक है, लेकिन वो अभी हाथ नहीं आया है। खुलासे के लिए पांच टीमें गठित की गई हैं। लालऊ और आसपास के गांवों से छह युवकों को हिरासत में लिया गया है। पूछताछ जारी है लेकिन अभी तक आरोपियों के बारे में कोई सुराग तक नहीं मिला है। गांव में पुलिस ने डेरा डाल लिया है।

उधर, घटना के बाद से गांव लालऊ में दहशत का माहौल है। बच्चों का खेलना कूदना ही नहीं, स्कूल भी छूट गया है। बाजार खुले पर पर खामोशी छायी है। बिटिया को जिंदा जलाए जाने की कोशिश की घटना से इतने दुखी हैं लोग कि घरों में चूल्हे तक नहीं जले।
छात्रा संजलि घर से डेढ़ किलोमीटर दूर नौमील गांव स्थित अशरफी देवी छिद्दा सिंह इंटर कॉलेज से छुट्टी के बाद लौट रही थी। घर से 500 मीटर पहले हमलावरों ने उसे रोका, उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी और भाग निकले।
संजलि 75 फीसदी झुलस गई थी। उसका दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उपचार चल रहा था। गुरुवार सुबह संजलि की मौत हो गई। इधर, घटना के खुलासे के लिए पुलिस टीमें स्कूल की छात्राओं, स्टाफ से पूछताछ कर रही हैं।
संजलि के परिवार के नजदीकी लोगों का कहना है कि संजलि डायरी लिखती थी। उसे जो भी अच्छा लगे, बुरा लगे, उसे डायरी में लिखती थी। हो सकता है कि उसने डायरी में आरोपी का नाम भी लिख रखा हो।
पुलिस के सामने दिक्कत यह है कि उसकी डायरी कहां से मिले, जब पूरा बैग ही जलकर राख हो गया। यह भी बात सामने आई है कि एक युवक उसका पीछा करता था, 15 दिन पहले उसकी साइकिल को धक्का दिया था। वो बाइक से आता था।
इनपुट- अमर उजाला

उधर, घटना के बाद से गांव लालऊ में दहशत का माहौल है। बच्चों का खेलना कूदना ही नहीं, स्कूल भी छूट गया है। बाजार खुले पर पर खामोशी छायी है। बिटिया को जिंदा जलाए जाने की कोशिश की घटना से इतने दुखी हैं लोग कि घरों में चूल्हे तक नहीं जले।
छात्रा संजलि घर से डेढ़ किलोमीटर दूर नौमील गांव स्थित अशरफी देवी छिद्दा सिंह इंटर कॉलेज से छुट्टी के बाद लौट रही थी। घर से 500 मीटर पहले हमलावरों ने उसे रोका, उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी और भाग निकले।
संजलि 75 फीसदी झुलस गई थी। उसका दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उपचार चल रहा था। गुरुवार सुबह संजलि की मौत हो गई। इधर, घटना के खुलासे के लिए पुलिस टीमें स्कूल की छात्राओं, स्टाफ से पूछताछ कर रही हैं।
संजलि के परिवार के नजदीकी लोगों का कहना है कि संजलि डायरी लिखती थी। उसे जो भी अच्छा लगे, बुरा लगे, उसे डायरी में लिखती थी। हो सकता है कि उसने डायरी में आरोपी का नाम भी लिख रखा हो।
पुलिस के सामने दिक्कत यह है कि उसकी डायरी कहां से मिले, जब पूरा बैग ही जलकर राख हो गया। यह भी बात सामने आई है कि एक युवक उसका पीछा करता था, 15 दिन पहले उसकी साइकिल को धक्का दिया था। वो बाइक से आता था।
इनपुट- अमर उजाला