दादरी के अखलाक केस के जांच अधिकारी और अहम गवाह थे इंस्पेक्टर सुबोध सिंह

Written by Sabrangindia Staff | Published on: December 4, 2018
बुलंदशहर। बुलंदशहर के स्याना गांव में सोमवार को गोकशी की अफवाह के बाद फैली हिंसा में मारे गए पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह दादरी में मोहम्मद अखलाक लिंचिंग मामले में जांच अधिकारी थे। बता दें कि घर में गाय का मांस रखने की अफवाह के बाद भीड़ ने मोहम्मद अखलाक और उनके बेटे पर घर में घुसकर हमला कर दिया था, जिसमें अखलाक को काफी चोटें आईं। उन्हीं चोटों की वजह से अखलाक की मौत हो गई थी। इस केस में इंस्पेक्टर सुबोध गवाह नंबर-7 थे। 

इस केस की जांच में सुबोध कुमार सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और तय समय पर सभी जरूरी सबूत भी इकट्ठा कर लिए थे। हालांकि उन पर जांच के दौरान पार्दर्शिता न बरतने के आरोप के चलते केस के बीच में ही वाराणसी ट्रांसफर कर दिया गया था। 

अखलाक केस में गवाह नंबर-7 थे इंस्पेक्टर सुबोध 
दादरी के बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर 2015 की रात गोमांस रखने के शक में इखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया था। साथ ही यह गांव राजनीति का गढ़ बन गया था। यह गांव जारचा कोतवाली के तहत आता है। उस समय जारचा में सुबोध कुमार ही प्रभारी थे। उनकी अगुवाई में ही पुलिस की टीम ने बिसाहड़ा कांड का खुलासा कर गिरफ्तारियां की थीं। वह बिसाहड़ा कांड के जांच अधिकारी रहे हैं। इसी के आधार पर बिसाहड़ा कांड की चार्ज शीट तैयार हुई थी। चार्जशीट के अनुसार वह बिसाहड़ा कांड में गवाह नंबर-7 हैं। 

यूपी एडीजी (लॉ ऐंड ऑर्डर) आनंद कुमार ने बताया, 'सुबोध कुमार सिंह 28 सितंबर 2015 से 9 नवंबर 2015 तक अखलाक लिंचिंग मामले में जांच अधिकारी थे। बाद में इस मामले में चार्जशीट किसी अन्य जांच अधिकारी ने फाइल की थी।' सुबोध कुमार सिंह मूल रूप से एटा के रहने वाले थे। मेरठ में भी उनका घर है। 
 

बाकी ख़बरें