छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में फर्जी महिला समूह बनाकर लाखों रुपए का कर्ज हड़पने का मामला सामने आया है। इस मामले में न्यायिक दंडाधिकारी संजय अग्रवाल ने ग्रोइंग अपोर्चुनिटी फाइनेंस इंडिया प्रा. लि. के रीजनल वसूली मैनेजर के परिवाद पर संज्ञान लिया है।
अदालत ने कुंवर लाल गढ़ेवाल, श्याम लाल लहरे और मैनेजर विनय कुमार वानी के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश दिया था। न्यायालय के आदेश पर धारा 409,420 ,467,468,471 व 34 के तहत 48.99585 रुपए की धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।
पत्रिका के मुताबिक, पीड़ित वीरेन्द्र कुमार मसीह ने न्यायालय में बताया था कि वह ग्रोईंग अर्पोचूनिटी फायनेंस इंडिया प्रा.लि में वसूली प्रबंधक है। इस संस्था में कार्यरत क्लाइंट रिलेशनशिप ऑफीसर कुंवर लाल गढ़ेवाल और श्याम लाल लहरे क्लाइंट रिलेशनशिप आफिसर ने साथी बैंक मैनेजर विनय कुमार वाणी के साथ मिलकर फर्जी स्वसहायता समूहों के लगभग 20 से अधिक आवेदन फार्म लोन के लिए कंपनी में जमा करवाए थे। मैनेजर विनय कुमार की मंजूरी पर महिला स्व सहायता समूह को चौसठ लाख दो हजार 121 रुपए का लोन दिया गया।
समूह कुछ महीनों तक किस्त जमा करता रहा, लेकिन अचानक से किस्त जमा होनी बंद हो गई। लोन किस्त न जमा होने पर जब रीजनल वसूली मैनेजर वीरेंद्र मसीह ने महिला स्व सहायता समूह के लोन फार्म में संलग्न दस्तावेज मतदाता परिचय पत्र और राशन कार्ड के आधार पर हितग्राहियों से मुलाकात की, तब पता लगा महिलाओं ने किसी प्रकार का लोन कभी लिया ही नहीं है।
दरअसल तीनों कर्मचारियों ने मिलकर महिलाओं के नाम से फर्जी स्व सहायता समूह बनाया था। उन्होंने जरीना बेगम, फरजाना बेगम, मुश्तरी बेगम, सीमा ठाकुर और अजगरी बेगम को स्वसहायता समूह का सदस्य बताते हुए 40 हजार लोन लिया था।
इसी तरह से कुंवर लाल गढ़ेवाल ने दो लाख का लोन लिया और अन्य महिलाओं के नाम पर भी लाखों की लोन लेकर बैंक को चूना लगाया गया है।
अदालत ने कुंवर लाल गढ़ेवाल, श्याम लाल लहरे और मैनेजर विनय कुमार वानी के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश दिया था। न्यायालय के आदेश पर धारा 409,420 ,467,468,471 व 34 के तहत 48.99585 रुपए की धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।
पत्रिका के मुताबिक, पीड़ित वीरेन्द्र कुमार मसीह ने न्यायालय में बताया था कि वह ग्रोईंग अर्पोचूनिटी फायनेंस इंडिया प्रा.लि में वसूली प्रबंधक है। इस संस्था में कार्यरत क्लाइंट रिलेशनशिप ऑफीसर कुंवर लाल गढ़ेवाल और श्याम लाल लहरे क्लाइंट रिलेशनशिप आफिसर ने साथी बैंक मैनेजर विनय कुमार वाणी के साथ मिलकर फर्जी स्वसहायता समूहों के लगभग 20 से अधिक आवेदन फार्म लोन के लिए कंपनी में जमा करवाए थे। मैनेजर विनय कुमार की मंजूरी पर महिला स्व सहायता समूह को चौसठ लाख दो हजार 121 रुपए का लोन दिया गया।
समूह कुछ महीनों तक किस्त जमा करता रहा, लेकिन अचानक से किस्त जमा होनी बंद हो गई। लोन किस्त न जमा होने पर जब रीजनल वसूली मैनेजर वीरेंद्र मसीह ने महिला स्व सहायता समूह के लोन फार्म में संलग्न दस्तावेज मतदाता परिचय पत्र और राशन कार्ड के आधार पर हितग्राहियों से मुलाकात की, तब पता लगा महिलाओं ने किसी प्रकार का लोन कभी लिया ही नहीं है।
दरअसल तीनों कर्मचारियों ने मिलकर महिलाओं के नाम से फर्जी स्व सहायता समूह बनाया था। उन्होंने जरीना बेगम, फरजाना बेगम, मुश्तरी बेगम, सीमा ठाकुर और अजगरी बेगम को स्वसहायता समूह का सदस्य बताते हुए 40 हजार लोन लिया था।
इसी तरह से कुंवर लाल गढ़ेवाल ने दो लाख का लोन लिया और अन्य महिलाओं के नाम पर भी लाखों की लोन लेकर बैंक को चूना लगाया गया है।