राजस्थान में एक दलित युवक की पीट-पीटकर बेरहमी से हत्या करने का मामला सामने आया है। चुरू जिले के रतननगर थाना इलाके के गांव सातड़ा में हुई इस घटना के बाद से इलाके में तनाव फैला हुआ है।
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आरोपियों की गिरफ्तारी और मुआवजे की मांग को लेकर पीड़ित के परिजन काफी देर तक पोस्टमॉर्टम न कराने पर अड़े रहे और बाद में मुश्किल से अधिकारियों के समझाने पर माने।
वारदात गुरुवार रात की सातड़ा गांव की है, जहाँ एक परिवार के लोगों ने दलित युवक आशाराम मेघवाल की घर ले जाकर बेरहमी से पिटाई की जिसके कारण इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पत्रिका के अनुसार, गांव सातड़ा निवासी हनुमानराम मेघवाल ने बताया कि उसके छोटे भाई आशाराम को गांव के ही दिनेश उर्फ धनेश, श्रवण, अनिल उर्फ बंटी, और बीरबल राम जांगिड़ बहला-फुसलाकर अपने घर ले गए, और घर का दरवाजा बंद करके उसके पैर बांधकर बुरी तरीके से मारपीट की।
मारपीट के बाद तीनों ने आशाराम को घायल अवस्था में घर के बाहर खड़ंजा के किनारे छोड़ दिया। घटना की जानकारी मिलने पर उसका बड़ा भाई मौके पर पहुंचा और उसे चुररू के राजकीय डेडराज भरतिया अस्पताल ले गया जहां इलाज के दौरान देर शाम उसकी मौत हो गई। मारपीट में आशाराम के नाखून तक निकले पाए गए।
वारदात के बाद गांव में सनसनी फैल गई और गुस्साए लोग जमा हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के बड़े भाई हनुमान राम की रिपोर्ट पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया।
आरोपियों की गिरफ्तारी और मुआवजे की मांग पर अड़े परिजन घटना की जानकारी मिलने के बाद सातड़ा गांव और समाज के अनेक लोग मौके पर पहुंच गए। लोग हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग पर अड़ गए। इसके बाद वे मोर्चरी के पास ही दरी लगाकर धरने पर बैठ गए। दिन भर के धरने के बाद एडीएम रामरतन सौंकरिया ने किसी तरह से परिजनों को पोस्टमॉर्टम के लिए मनाया।
पुलिस ने आरोपी दिनेश और श्रवण को गिरफ्तार कर लिया है। एसपी अनिल सिंह चौहान और एडीएम रामरतन सौंकरिया ने परिजनों से वार्ता की और सरकार की तरफ से दी जाने वाली सभी सहायता दिलाने का आश्वासन दिया।