मध्यप्रदेश में एक और घोटाला सामने आया है। गरीबों और मजदूरों के परिवारों के बिजली के बिल माफ करने की संबल योजना में भारी घोटाला सामने आ रहा है।
बिजली कंपनी के अधिकारियो की जांच में सामने आया है कि बहुत सारे उपभोक्ताओं को गलत दस्तावेजों के आधार पर गलत तरह से फायदा पहुंचाया गया और इस खेल में सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया।
नईदुनिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मुरैना जिले में पहले हुई जांच में 197 उपभोक्ता ऐसे मिले थे जिन्हें पात्र न होते हुए भी उनका बिजली बिल माफ कर दिया गया था। अब 221 संदिग्ध उपभोक्ता फिर से मिले हैं। इनके 2 करोड़ तक के बिजली बिल माफ करवाकर सरकार को नुकसान पहुंचाया गया है।
अधिकारियों की जांच में इस घोटाले का जिम्मा आउट सोर्सिंग कंपनी के कर्मचारियों पर मढ़ा जा रहा है, लेकिन पूरी जांच के बाद ही ये बात सामने आ पाएगी कि किस-किसने इस खेल में कितना धन कमाया है।
संबल योजना के तहत हजारों लोगों ने बिजली माफ कराने के लिए कंपनी को आवेदन दिए थे, लेकिन इसके लिए एक निश्चित प्रक्रिया थी और कई दस्तावेज भी उपभोक्ताओं को प्रस्तुत करने थे।
जांच में पता चला है कि आउट सोर्सिंग कंपनी के कर्मचारियों ने पासवर्ड का गलत इस्तेमाल करके करोड़ों का नुकसान पहुंचाया है।
एक बार कंपनी 7 दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई भी कर चुकी है। आगे की जांच में 113 उपभोक्ता ऐसे मिले जिनका 68 लाख से ज्यादा का बिल संबल योजना के तहत माफ किया गया था। इन उपभोक्ताओं को फर्जी तरीके से बीपीएल कार्डधारक तथा श्रमिक कार्डधारक बताया गया था जबकि ये लोग संपन्न तबके से थे।
बिजली कंपनी के अधिकारियो की जांच में सामने आया है कि बहुत सारे उपभोक्ताओं को गलत दस्तावेजों के आधार पर गलत तरह से फायदा पहुंचाया गया और इस खेल में सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया।
नईदुनिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मुरैना जिले में पहले हुई जांच में 197 उपभोक्ता ऐसे मिले थे जिन्हें पात्र न होते हुए भी उनका बिजली बिल माफ कर दिया गया था। अब 221 संदिग्ध उपभोक्ता फिर से मिले हैं। इनके 2 करोड़ तक के बिजली बिल माफ करवाकर सरकार को नुकसान पहुंचाया गया है।
अधिकारियों की जांच में इस घोटाले का जिम्मा आउट सोर्सिंग कंपनी के कर्मचारियों पर मढ़ा जा रहा है, लेकिन पूरी जांच के बाद ही ये बात सामने आ पाएगी कि किस-किसने इस खेल में कितना धन कमाया है।
संबल योजना के तहत हजारों लोगों ने बिजली माफ कराने के लिए कंपनी को आवेदन दिए थे, लेकिन इसके लिए एक निश्चित प्रक्रिया थी और कई दस्तावेज भी उपभोक्ताओं को प्रस्तुत करने थे।
जांच में पता चला है कि आउट सोर्सिंग कंपनी के कर्मचारियों ने पासवर्ड का गलत इस्तेमाल करके करोड़ों का नुकसान पहुंचाया है।
एक बार कंपनी 7 दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई भी कर चुकी है। आगे की जांच में 113 उपभोक्ता ऐसे मिले जिनका 68 लाख से ज्यादा का बिल संबल योजना के तहत माफ किया गया था। इन उपभोक्ताओं को फर्जी तरीके से बीपीएल कार्डधारक तथा श्रमिक कार्डधारक बताया गया था जबकि ये लोग संपन्न तबके से थे।